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१. शिक्षा के भारतीयकरण के प्रयासों का प्रारम्भ १८६६ में हुआ । इससे ८ वर्ष पूर्व १८५७ में इस्ट इण्डिया कम्पनी के द्वारा कोलकाता, मद्रास (चैन्नई) और मुम्बई में विश्वविद्यालयों की स्थापना के साथ शिक्षा के पश्चिमीकरण की प्रक्रिया को पूर्णता प्राप्त हुई थी। हम कह सकते हैं कि भारतीयकरण के प्रयास तब शुरू हुए जब पश्चिमीशिक्षा अपने पूर्ण रूप में प्रतिष्ठित हो गई थी ।
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{{ToBeEdited|needs formatting=}}१. शिक्षा के भारतीयकरण के प्रयासों का प्रारम्भ १८६६ में हुआ । इससे ८ वर्ष पूर्व १८५७ में इस्ट इण्डिया कम्पनी के द्वारा कोलकाता, मद्रास (चैन्नई) और मुम्बई में विश्वविद्यालयों की स्थापना के साथ शिक्षा के पश्चिमीकरण की प्रक्रिया को पूर्णता प्राप्त हुई थी। हम कह सकते हैं कि भारतीयकरण के प्रयास तब शुरू हुए जब पश्चिमीशिक्षा अपने पूर्ण रूप में प्रतिष्ठित हो गई थी ।
    
२. विश्वविद्यालयों की स्थापना का वर्ष एक प्रसिद्ध घटना के साथ जुड़ा हुआ है । स्वतन्त्रता प्राप्ति के हेतु से देशभर में कम्पनी सरकार के विसुद्धसंग्राम छिड गया जिसका नेतृत्व झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, नानासाहब पेश्वा और तात्या टोपे ने किया । इस संग्राम में जीत तो कम्पनी सरकार की हुई परन्तु पूरा शासन इतना शिथिल हो गया और घबडा गया कि सन १८५८ में भारत का शासन ब्रिटन की रानी के हाथ में चला गया । सन १८५८ से १९४७ तक भारत में ब्रिटीश राज का शासन रहा । शिक्षा के भारतीयकरण के प्रयासों के दौरान हम ब्रिटन के नागरिक थे ।
 
२. विश्वविद्यालयों की स्थापना का वर्ष एक प्रसिद्ध घटना के साथ जुड़ा हुआ है । स्वतन्त्रता प्राप्ति के हेतु से देशभर में कम्पनी सरकार के विसुद्धसंग्राम छिड गया जिसका नेतृत्व झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, नानासाहब पेश्वा और तात्या टोपे ने किया । इस संग्राम में जीत तो कम्पनी सरकार की हुई परन्तु पूरा शासन इतना शिथिल हो गया और घबडा गया कि सन १८५८ में भारत का शासन ब्रिटन की रानी के हाथ में चला गया । सन १८५८ से १९४७ तक भारत में ब्रिटीश राज का शासन रहा । शिक्षा के भारतीयकरण के प्रयासों के दौरान हम ब्रिटन के नागरिक थे ।
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