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तनाव, निराशा, हताशा, आत्मग्लानि, हीनताग्रन्थि, सरदर्द, चक्कर आना, चश्मा लगना, पेटदर्द, कब्ज आदि सब इस भय के ही विकार हैं । पढा हुआ याद नहीं होना, सिखाया जानेवाला नहीं समझना, सरल बातें भी कठिन लगना इसका परिणाम है । कुछ भी अच्छा नहीं लगता ।
 
तनाव, निराशा, हताशा, आत्मग्लानि, हीनताग्रन्थि, सरदर्द, चक्कर आना, चश्मा लगना, पेटदर्द, कब्ज आदि सब इस भय के ही विकार हैं । पढा हुआ याद नहीं होना, सिखाया जानेवाला नहीं समझना, सरल बातें भी कठिन लगना इसका परिणाम है । कुछ भी अच्छा नहीं लगता ।
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चौदह पन्द्रह वर्ष की आयु के विद्यार्थी आत्महत्या
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चौदह पन्द्रह वर्ष की आयु के विद्यार्थी आत्महत्या करते हैं यह बात अनेक बार सुनने को मिलती है। मनपसन्द लडकी या लडके से विवाह नहीं हो सकता इसलिये युवक या युवती आत्महत्या कर लेते हैं । कभी मनपसन्द लडकी दूसरे लडके के साथ रिश्ता बनाती है तब उस लडके की अथवा लडकी की हत्या कर दी जाती है । अभी कुछ दिनों पूर्व जानने को मिला कि महानगर के एक. प्रतिष्ठित विद्यालय के सातवीं कक्षा के विद्यार्थी के बस्ते में पिस्तोल है और वह अपनी माँ को और शिक्षिका को मारना चाहता है ।
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करते हैं यह बात अनेक बार सुनने को मिलती है।
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यह आत्महत्या की मानसिकता प्रत्यक्ष आत्महत्या से अनेक गुना अधिक है ।
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मनपसन्द लडकी या लडके से विवाह नहीं हो सकता
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पूर्व प्राथमिक और प्राथमिक की छोटी कक्षाओं के बच्चे भयभीत हैं । गृहकार्य नहीं किया इसलिये शिक्षक डाटेंगे इसका भय, बस में साथ वाले विद्यार्थी चिढ़ायेंगे इसका भय, नास्ते में केक नहीं ले गया इसलिये सब मजाक उडायेंगे इसका भय, प्रश्न का उत्तर नहीं आया इसका भय । बडी कक्षाओं में मित्र हँसेंगे इसका भय, परीक्षा में अच्छे अंक नहीं मिलेंगे तो मातापिता नाराज होंगे इसका भय, मेडिकल में प्रवेश नहीं मिलेगा इसका भय, मनपसन्द लडकी होटेल में साथ नहीं आयेगी इसका भय । चारों ओर भय का.साम्राज्य है । यह सर्वव्यापी भय अनेक रूप धारण करता है।
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इसलिये युवक या युवती आत्महत्या कर लेते हैं । कभी मँदे
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हैं । महत्त्वाकांक्षा समाप्त हो जाना इसका परिणाम है । यह
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मनपसन्द लडकी दूसरे लडके के साथ रिश्ता बनाती है तब... दा उत्तेजना, उदासी अथवा थके माँदे रहना उसके लक्षण
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.. सब सह नहीं सकने के कारण या तो व्यसनाधीनता या तो
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उस लडके की अथवा लडकी की हत्या कर दी जाती है । हैं । महत्त्वाकांक्षा समाप्त हो जाना इसका परिणाम है । यह
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... आत्महत्या ही एकमेव मार्ग बचता है ।
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अभी कुछ दिनों पूर्व जानने को मिला कि महानगर के एक... सब सह नहीं सकने के कारण या तो व्यसनाधीनता या तो
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दूसरी ओर शास्त्रों की, बडे बुजुर्गों की, अच्छी
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प्रतिष्ठित विद्यालय के सातवीं कक्षा के विद्यार्थी के बस्ते में... आत्महत्या ही एकमेव मार्ग बचता है
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पुस्तकों की सीख होती है कि मनोबल इतना होना चाहिये
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पिस्तोल है और वह अपनी माँ को और शिक्षिका को दूसरी ओर शास्त्रों की, बडे बुजुर्गों की, अच्छी
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.... कि मुसीबतों के पहाड टूट पडें तो भी हिम्मत नहीं हारना,
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मारना चाहता है । पुस्तकों की सीख होती है कि मनोबल इतना होना चाहिये
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कठिन से कठिन परिस्थिति में भी धैर्य नहीं खोना, कितना
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यह आत्महत्या की मानसिकता प्रत्यक्ष आत्महत्या से .... कि मुसीबतों के पहाड टूट पडें तो भी हिम्मत नहीं हारना,
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भी नुकसान हो जाय, पलायन नहीं करना, सामना करना
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अनेक गुना अधिक है । कठिन से कठिन परिस्थिति में भी धैर्य नहीं खोना, कितना
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और जीतकर दिखाना |
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पूर्व प्राथमिक और प्राथमिक की छोटी कक्षाओं के भी नुकसान हो जाय, पलायन नहीं करना, सामना करना
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परिस्थितियों के दास बनकर नहीं, परिस्थितियों के
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बच्चे भयभीत हैं गृहकार्य नहीं किया इसलिये शिक्षक और जीतकर दिखाना |
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... स्वामी बनकर जीना चाहिये
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डाटेंगे इसका भय, बस में साथ वाले विद्यार्थी चिढ़ायेंगे परिस्थितियों के दास बनकर नहीं, परिस्थितियों के
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आज सर्वत्र विपरीत वातावरण दिखाई देता है । धैर्य,
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इसका भय, नास्ते में केक नहीं ले गया इसलिये सब मजाक... स्वामी बनकर जीना चाहिये ।
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... मनोबल, डटे रहने का साहस युवाओं में भी नहीं दिखाई
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उडायेंगे इसका भय, प्रश्न का उत्तर नहीं आया इसका भय । आज सर्वत्र विपरीत वातावरण दिखाई देता है धैर्य,
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देता । पलायन करना, समझौते कर लेना, अल्पतामें ही
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बडी कक्षाओं में मित्र हँसेंगे इसका भय, परीक्षा में अच्छे... मनोबल, डटे रहने का साहस युवाओं में भी नहीं दिखाई
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. सन्तोष मानना सामान्य बात हो गई है । यह अत्यन्त घातक
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अंक नहीं मिलेंगे तो मातापिता नाराज होंगे इसका भय, देता । पलायन करना, समझौते कर लेना, अल्पतामें ही
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.. लक्षण है। जिसमें मन की शक्ति नहीं है वह कभी भी
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मेडिकल में प्रवेश नहीं मिलेगा इसका भय, मनपसन्द लडकी. सन्तोष मानना सामान्य बात हो गई है । यह अत्यन्त घातक
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... अपना विकास नहीं कर सकता ।
 
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होटेल में साथ नहीं आयेगी इसका भय । चारों ओर भय का... लक्षण है। जिसमें मन की शक्ति नहीं है वह कभी भी
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साम्राज्य है । यह सर्वव्यापी भय अनेक रूप धारण करता... अपना विकास नहीं कर सकता ।
      
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