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| पढ़ी लिखी युवती ३३ वर्ष की आयु में बालक को जन्म देती है, कम शिक्षित २४ वर्ष की आयु में और अशिक्षित १९ या २० वर्ष की आयु में किसका बालक अधिक आरोग्यवान होगा ? | | पढ़ी लिखी युवती ३३ वर्ष की आयु में बालक को जन्म देती है, कम शिक्षित २४ वर्ष की आयु में और अशिक्षित १९ या २० वर्ष की आयु में किसका बालक अधिक आरोग्यवान होगा ? |
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− | सुशिक्षित और बहुत धनाढय मातासिता अपने बच्चों को पॉच-सात-दस वर्ष की आयु में छात्रावास में भेज देते हैं। वहाँ वे परायों के बीच रहते हैं, पराये हाथों का अन्न खाते हैं, परायी भाषा में पढ़ते हैं । सामान्य बालक घर में | + | सुशिक्षित और बहुत धनाढय मातासिता अपने बच्चों को पॉच-सात-दस वर्ष की आयु में छात्रावास में भेज देते हैं। वहाँ वे परायों के बीच रहते हैं, पराये हाथों का अन्न खाते हैं, परायी भाषा में पढ़ते हैं । सामान्य बालक घर में मातापिता के साथ रहते हैं, उधम मचाते हैं, घर का खाना खाते हैं और भरपूर जीवन जीते हैं । दोनों में से कौन से जालक का जीवनविकास बहेतर होगा ? |
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| + | यदि हम पैसे से ही सुख मिलता है ऐसा मानेनवाले हीं हैं तो निश्चित रूप से कहेंगे कि कम पढ़े लिखे, अशिक्षित या सामान्य मातापिता के बच्चे अधिक अच्छा जीवन पाते हैं । अधिक पढाई करने पर, अधिक कमाई करने पर अच्छे मातापिता बनना कठिन हो जाता है। |
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| + | क्या इनके विद्यालयों नस यह कर्तव्य नहीं है कि वे अपने विद्यार्थियों को जीवन में सुख, सन्तोष, समृद्धि, प्रसन्नता आदि कैसे प्राप्त होता है यह सिखायें ? |
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− | पर्व २ : विद्यार्थी, शिक्षक, विद्यालय, परिवार
| + | परन्तु नहीं, पूर्व में देखा वैसे विद्यालयों को विद्यार्थियों के जीवनविकास से कोई लेनादेना नहीं है । |
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− | विपरीत दिशामें जा रही है और परिवारभावना तथा परिवार
| + | परन्तु यह करना अनिवार्य है । घर संस्कृतिरक्षा का केन्द्र है । घर पतिपत्नी, मातापिता और सन्तान, भाईबहन आदि के सम्बन्धों की एकात्मता से बनता है । यह एकात्मता ही परिवार भावना है जो “बसुधैव कुट्म्बकम् के रूप में सम्पूर्ण विश्व तक फैलती है । भारत की यह विशेषता है और विश्वसंस्कृति को देन है । घर में व्यक्ति को जीवनभर रहना है। ऐसे घर की रक्षा होनी ही चाहिये । ऐसे घर की रक्षा हो इस दृष्टि से बच्चों, युवाओं, स्त्रीपुरुषों को घर में रहना, घर बसाना, घर बनाना सीखना चहिये। वर्त्तमान शिक्षा सर्वथा |
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− | जीवन नष्ट हो रहे हैं । | + | विपरीत दिशामें जा रही है और परिवारभावना तथा परिवार जीवन नष्ट हो रहे हैं । |
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− | विद्यालय अपने विद्यार्थियों को क्या सिखाए ?
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| + | === विद्यालय अपने विद्यार्थियों को क्या सिखाए ? === |
| इस दृष्टि से विद्यालय अपने विद्यार्थियों को क्या | | इस दृष्टि से विद्यालय अपने विद्यार्थियों को क्या |
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