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अध्याय १७
भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम प्रश्रावलि
इस ग्रन्थमाला के निर्माण में अनेक विट्रज्जनों और
सामान्यजनों को सहभागी बनाने का प्रयास किया गया है
यह “सम्पादकीय' में कहा गया है । इस दृष्टि से शिक्षा के
अनेक आयामों को लेकर यह प्रश्नावलि तैयार की गई । देश
के अनेक नगरों, महानगरों में स्थित शिक्षा के साथ विभिन्न
भूमिकाओं में जुडे महानुभावों को ये प्रश्नावलियाँ भेजी गईं ।
अनेक कार्यकर्ताओ ने अनेक लोगों का सम्पर्क कर इन
प्रश्नावलियों को लेकर चर्चा की और उनके उत्तर प्राप्त
किये । उन उत्तरों के आधार पर उनका सारसंक्षेप तैयार
किया गया । उसे इस ग्रन्थ में प्रस्तुत किया गया है ।
प्रश्नावलियों को लेकर चर्चा करने वाले, उत्तर प्राप्त
करनेवाले कार्यकर्ताओं का चयन करना, उनसे सम्पर्क
बनाये रखना, उत्तर प्राप्त करना, उनका सारसंक्षेप तैयार
करना और उन पर अपना अभिमत तैयार करना यह सारा
कार्य पुनरुत्थान विद्यापीठ की आचार्य परिषद की सदस्य
तथा इस ग्रन्थमाला के सम्पादन में सहयोगी की भूमिका
निभानेवाली, नासिक (महाराष्ट्र) की सौ. aca edd
किया है । इस ग्रन्थ में हर प्रश्नावलि का प्राप्त उत्तर का
सारसंक्षेप, अभिमत, विमर्श और उस विषय से सम्बन्धित
अधिक विचार इस क्रम में की गई है ।
प्रश्नावलि हर विषय के प्रारम्भ में तो दी ही गई है ।
परन्तु जिस किसी को भी इस का उपयोग हो सकता हैं
उसके लिये यहाँ एकत्रित रूप में दी गई है ।
३२१
............. page-338 .............
भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
g
विद्यालय का समय
कक्षा के अनुसार विद्यालय का समय कुल कितने घण्टे का होना
चाहिये ?
कुल समय दिन में कब से कब तक का होना चाहिये ?
विद्यालय के समय में कालांश विभाजन किस प्रकार से करना चाहिये ?
कक्षा को ध्यान में रखते हुए विभिन्न कालांशो में विषयों का क्रम कैसे
रखना चाहिये ?
मध्यावकाश क्यों, कितने, कब और कितनी अवधि के होने चाहिये ?
ऋतु के अनुसार विद्यालय के समय एवं अवधि में किस प्रकार का
परिवर्तन करना चाहिये ?
वर्ष भर में कितने दिन का विद्यालय होना चाहिये ?
वर्ष में छुट्टियां क्यों, कितनी, कब एवं कितनी अवधि की होनी
चाहिये ?
विभिन्न विषयों के अनुसार क्या कालांश की अवधि बदल सकते हैं ?
क्षेत्र के अनुसार समय, अवधि, अवकाश आदि में किस प्रकार का
परिवर्तन हो सकता है ?
३२२
............. page-339 .............
२
विद्यालय का गणवेश
विद्यालय में गणवेश होना चाहिये ? क्यों ?
कपड़ा, रंग, पैटर्न आदि के सन्दर्भ में गणवेश कैसा होना चाहिये ?
सप्ताह में एक से अधिक प्रकार का गणवेश क्योंह्हहोना चाहिये ?
विद्यालय में छात्र, आचार्य, प्रधानाचार्य, कार्यालय कर्मी, सहायक,
व्यवस्थापक आदि विभिन्न वर्गों के व्यक्ति होते हैं। उनमें से किन किन
के लिये गणवेश आवश्यक है ?
गणवेश में इन बातों का समावेश हो सकता है क्या ?
१. कपड़े २. पादत्राण ३. केशभूषा ४. शुंगार ५. आभूषण |
गणवेश के आर्थिक पक्ष के विषय में आपके क्या विचार हैं ?
३२३
............. page-340 .............
भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
डे
विद्यालय की बैठक व्यवस्था
बैठक व्यवस्था में भारतीय एवं अभारतीय ऐसे भेद होते हैं क्या ? यदि
होते हैं तो क्यों होते हैं ? आप किसके पक्ष में हैं ? क्यों ?
बैठक व्यवस्था में शास्त्रीय पद्धति से हम किस प्रकार से विचार कर
सकते हैं ?
आर्थिक दृष्टि से बैठक व्यवस्था के सम्बन्ध में किस प्रकार से विचार
करना चाहिये ?
व्यावहारिक दृष्टि से बैठक व्यवस्था के सम्बन्ध में विचार करते समय
किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिये ?
बैठक व्यवस्था का संस्कारक्षम वातावरण निर्मिति की दृष्टि से कया महत्त्व
है?
बैठक व्यवस्था के सम्बन्ध में लोगों की मानसिकता कैसी होती है ?
कया कक्षाकक्ष, कार्यालय, पुस्तकालय, प्रयोगशाला आदि विभिन्न
कार्यस्थलों के अनुरूप भिन्न भिन्न प्रकार की बैठक व्यवस्था होनी
चाहिये ?
बैठक व्यवस्था के सम्बन्ध में छोटी छोटी किन किन बातों का ध्यान
करना चाहिये ?
डर
............. page-341 .............
रद
छात्रों का बस्ता
कक्षा के अनुसार छात्रों के बस्ते में क्या क्या होना चाहिये ?
छात्रों के बस्ते में अनावश्यक चीजें होती हैं क्या ? यदि हां तो किस
प्रकार की ?
आजकल आम शिकायत होती है कि छात्रों का बस्ता बहुत भारी होता
है। इस शिकायत में कितनी सत्यता है ?
यदि बस्ता भारी है तो इसके क्या कारण हैं ? उसका बोझ कम करने के
लिये क्या कर सकते हैं ?
बस्ता किसे कहते हैं ?
aed Bl Ae कैसा होना चाहिये ?
बस्ते में क्या क्या होना चाहिये ?
बिना बस्ते के विद्यालय में अध्ययन हो सकता है कया ?
बस्ता भारी होगा तो महंगा भी होगा । इस महंगे aed a Gem ta
बनाया जाय ?
बस्ते का बोझ एवं खर्च कम करने के लिये हम विद्यालयमें क्या क्या
उपाय करते हैं ?
३२५
............. page-342 .............
9५9 ७9 ९9 ७१ १ ७9 भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
LNENLSVAAQBALS शशि et g
८
/ ७४ ७ ७ ७४
९
८५
+
&
विद्यालय की वाहनव्यवस्था
छात्रों, आचार्यों, अन्य कर्मचारियों को विद्यालय में आने के लिये वाहन
होना चाहिये क्या ? यदि हां, तो क्यों ?
घर से विद्यालय की दूरी कितनी होनी चाहिये ?
दूरी के अनुसार वाहन किस प्रकार का होना चाहिये ?
कौन सा वाहन किस प्रकार का होना चाहिये ?
(१) बस (२) कार (३) टैम्पो (४) ऑटोरिक्षा (५) साईकिल रिक्षा
(६) स्कूटर (७) साईकिल (८) तांगा (९) बैलगाड़ी (१०) ऊँटगाडी
(११) अन्य ।
घर से विद्यालय कितनी दूरी पर हो तो पैदल जाना चाहिये ?
सुविधा, खर्च एवं पर्यावरण की दृष्टि से वाहनव्यवस्था के सम्बन्ध में क्या
विचार करना चाहिये ?
वाहनव्यवस्था के साथ प्रतिष्ठा का भी सम्बन्ध जुड़ गया है। इसके
सम्बन्ध में उचित विचार एवं व्यवस्था कैसे करें ?
कभी कभी छात्रों को नौकर या अभिभावक छोड़ने आते हैं। उसका क्या
प्रभाव होता है ?
वाहनव्यवस्था से असुविधा भी हो सकती है क्या ? यदि हां, तो किस
प्रकार की ?
वाहन के कारण से क्या क्या समस्यायें निर्माण हो सकती हैं ?
३२६
............. page-343 .............
2८ ५
2 ५.
&
विद्यालय में छात्रों एवं आचार्यों द्वारा प्रयुक्त साधनसामग्री
(१) छात्रों द्वारा
छात्रों के लिये कौन कौन सी साधनसामग्री होती है ?
इन चीजों की उपयोगिता क्या क्या है -
(१) पुस्तकें (२) कापी (३) लेखनी, पेन्सिल, रंगीन पेन्सिल आदि
कंपासपेटिका
Traine, Tea fei, Pern Bete aie
यांत्रिक उपकरण यथा
कैल्क्यूलेटर, संगणक, टेपरेकोर्डर, ऑडियो, वीडियो कैसेट्स ।
विद्यालय में लाने योग्य एवं घर में उपयोग करने योग्य कौन कौन सी सामग्री उपयोगी है, कौन सी
निरुपयोगी है और कौन सी हानिकारक है ?
आर्थिक दृष्टि से साधनसामग्री के विषय में किस प्रकार से विचार करना चाहिये ?
शैक्षिक दृष्टि से साधनसामग्री के विषय में किस प्रकार से विचार करना चाहिये ?
साधनसामग्री आचार्य का पर्याय बन सकती है कया ?
.. साधनसामग्री किसे कहते हैं ?
POA G OM fF K «०. wH yw
vo
0
ara द्वारा
आचार्य के लिये साधनसामग्री की क्या उपयोगिता है ?
आचार्य के लिये कौन कौन सी साधनसामग्री होती है ?
आचार्य के लिये साधनसामग्री की उपयोगिता एवं निरुपयोगिता के मापदंड क्या हैं ?
उपयोगी सामग्री किन किन स्रोतों से प्राप्त होती है ?
साधनसामग्री का आर्थिक पक्ष क्या है ?
साधनसामग्री के सुविधापूर्ण उपयोग के लिये विद्यालयों में किस प्रकार की व्यवस्था होनी चाहिये ?
साधनसामग्री के रखरखाव एवं उपयोग के सम्बन्ध में कौन कौन से बिन्दु ध्यान देने योग्य हैं ?
आचार्य स्वयं के स्वाध्याय के लिये कौन कौन सी सामग्री का उपयोग कर सकता है ?
आवश्यक साधनसामग्री के स्रोत कितने प्रकार के होते हैं ?
.. साधनसामग्री निर्माण करने में किन किन लोगों का सहयोग प्राप्त हो सकता है ? कैसे ?
३२७
............. page-344 .............
८
८ न
८ ५८५५७
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ANAS
LNZN
ZN
भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
७
गृहकार्य
छात्रों को गृहकार्य क्यों देना चाहिये ?
गृहकार्य का अर्थ क्या होता है ?
गृहकार्य कितना देना चाहिये ?
गृहकार्य कितने प्रकार का हो सकता है ?
गृहकार्य के लाभालाभ कौनसे हैं ?
गृहकार्य की जांच किसने करनी चाहिये ?
गृहकार्य की जांच कैसे करनी चाहिये ?
गृहकार्य की जांच करने के लिये कितना समय लगाना चाहिये ?
गृहकार्य के सम्बन्ध में अभिभावक की भूमिका क्या होती है ? कैसी
होनी चाहिये ?
गृहकार्य के सम्बन्ध में छात्र की वृत्ति, प्रवृत्ति कैसी होती है ? कैसी
होनी चाहिये ?
३२८
............. page-345 .............
८
विद्यालय का कक्षाकक्ष
विद्यालय का कक्षाकक्ष कैसा होना चाहिये ?
कितना बड़ा होना चाहिये ?
उसका आकार कैसा होना चाहिये ?
कितने प्रकार के कक्षाकक्ष हो सकते हैं ?
कक्षाकक्ष में किस प्रकार की सुविधायें होनी चाहिये ?
कक्षाकक्ष का फर्नीचर कैसा होना चाहिये ?
कक्षाकक्ष की खिडकियाँ, दरवाजे, श्यामपट्ट, अलमारी आदि के विषय
में किस प्रकार से विचार होना चाहिये ?
कक्षाकक्ष की बैठक व्यवस्था कैसी होनी चाहिये ?
हवा, प्रकाश, ध्वनि, तापमान, दिशायें आदि व्यवस्थायें कैसी होनी
चाहिये ?
कक्षाकक्ष का वातावरण शैक्षिक एवं संस्कारक्षम कैसे बन सकता है ?
स्वच्छता, पर्यावरण एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से कक्षाकक्ष कैसा होना
चाहिये ?
साजसजा, सुविधा एवं आर्थिक दृष्टि से कक्षाकक्ष के सम्बन्ध में हम
क्या विचार कर सकेत है ?
............. page-346 .............
भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
8
विद्यालयों में स्वच्छता
स्वच्छता का अर्थ क्या है ?
स्वच्छता एवं पर्यावरण का सम्बन्ध क्या है ?
स्वच्छता एवं स्वास्थ्य का सम्बन्ध क्या है ?
विद्यालय की स्वच्छता में किस किस का सहभाग होना चाहिये ?
विद्यालय की स्वच्छता में किस प्रकार की सामग्री वर्जित होनी
चाहिये ?
स्वच्छता एवं पवित्रता का क्या सम्बन्ध है ?
स्वच्छता बनाये रखने के लिये कौन कौन से उपाय कर सकते हैं ?
स्वच्छता बनाये रखने के लिये सम्बन्धित सभी लोगों की मानसिकता,
आदतें एवं व्यवहार कैसा होना चाहिये ?
आन्तरिक स्वच्छता एवं बाह्य स्वच्छता में क्या अन्तर है ?
स्वच्छता का आग्रह कितनी मात्रा में रखना चाहिये ?
330
............. page-347 .............
Ro
विद्यालय में पर्यावरण सुरक्षा
पर्यावरण सुरक्षा का क्या अर्थ है ?
पर्यावरण सुरक्षा का कया महत्त्व है ?
पर्यावरण सुरक्षा के आयाम कौनसे हैं ?
पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से निम्नलिखित विषयों में कैसे विचार करना
चाहिये ?
भवन निर्माण - पद्धति एवं उसमें प्रयुक्त सामग्री
विद्यालय में प्रयुक्त साधनसामग्री, फर्निचर, अन्य चीजें
पानी, पानी की निकासी, शौचालय आदि व्यवस्थायें
बगीचा
यज्ञ
स्वच्छता की सामग्री
कीटकों से रक्षा
विद्यालय के लिये भूमि का चयन
श्,
रे.
2.
¥.
4,
&.
७.
é.
प्राकृतिक सामग्री का उपयोग बढाने के लिये एवं कृत्रिम वस्तुओं से
छुटकारा पाने के लिये हम क्या कर सकते हैं ?
विद्यालय में ए.सी., कूलर, फ्रीज, पंखे, वाहन आदि के सम्बन्ध में कैसे
सोचना चाहिये ?
338
............. page-348 .............
भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
88
विद्यालय में ध्वनिव्यवस्था
ध्वनि प्रदूषण का क्या अर्थ है ?
विद्यालय में ध्वनि प्रदूषण किन किन स्रोतों से होता है ?
अच्छछी ध्वनिव्यवस्था का क्या अर्थ है ?
ध्वनि का शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव होता है ?
ध्वनि व्यवस्था की दृष्टि से निम्नलिखित बातों में क्या क्या सावधानियां
रखनी चाहिये ?
ध्वनिवर्धक यंत्र
ध्वनिमुद्रण यंत्र एवं ध्वनमुद्रिकायें
ध्वनिक्षेपक यंत्र
विद्यालय की विभिन्न प्रकार की घण्टियां
कक्षाकक्ष की रचना
संगीत के साधन
लोगों का बोलने का ढंग
ध्वनिप्रदूषण का निवारण करने के क्या उपाय हैं ?
अच्छी ध्वनिव्यवस्था के शैक्षिक लाभ क्या हैं ?
ध्वनिप्रदूषण निवारण के एवं अच्छी ध्वनिव्यवस्था बनाये रखने के
आर्थिक एवं मानवीय प्रयास क्या हो सकते हैं ?
............. page-349 .............
ge
विद्यालय में पवित्रता
पवित्रता का क्या अर्थ है ?
विद्यालय में पवित्रता क्यों होनी चाहिये ?
पवित्रता की मानसिकता क्या होती है ?
विद्यालय में पवित्रता निर्माण करने के लिये क्या क्या व्यवस्था हो सकती
है ?
विद्यालय में पवित्रता बनाये रखने के लिये किन किन का योगदान हो
सकता है ?
पवित्र वातावरण बनाने के लिये भौतिक, मानसिक एवं आचरणात्मक
क्या क्या उपाय हो सकते हैं ?
कौन कौन सी बातें स्वतः पवित्र हैं और स्वतः अपवित्र हैं ?
333
............. page-350 .............
भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
33
विद्यालय में पानी की व्यवस्था
विद्यालय में पानी की व्यवस्था क्यों होनी चाहिये ?
पानी की व्यवस्था में सुविधा की दृष्टि से क्या क्या उपाय करने चाहिये ?
पानी का शुद्धीकरण कैसे हो ?
पानी ठण्डा करने की अच्छी व्यवस्था क्या हो सकती है ?
पानी के पात्र कैसे होने चाहिये ?
आजकल छात्र एवं आचार्य घर से पानी लेकर आते हैं। यह व्यवस्था
कितनी उचित है ?
विद्यालय में पानी कहां रखना चाहिये ?
पानी का दुर्व्यय एवं अपव्यय रोकने के लिये हम क्या क्या कर सकते
हैं ?
पानी की निकासी की व्यवस्था कैसी हो ?
पानी का प्रदूषण रोकने के लिये क्या क्या कर सकते हैं ?
पानी का आर्थिक पक्ष क्या है ?
रेड
............. page-351 .............
gv
विद्यालय में मध्यावकाश का भोजन / अल्पाहार
विद्यालय में मध्यावकाश के भोजन सम्बन्ध में कितने प्रकार की
व्यवस्था होती है ?
विद्यालय में मध्यावकाश के भोजन की सबसे अच्छी व्यवस्था क्या हो
सकती है ?
अन्न का शरीर के स्वास्थ्य एवं चित्त के संस्कार पर सीधा प्रभाव पडता
है। इस दृष्टि से भोजन के सम्बन्ध में क्या कया सावधानियां रखनी
चाहिये ।
विद्यालय में मध्यावकाश भोजन कैसे करना चाहिये?
भोजन के सम्बन्ध में वैज्ञानिक दृष्टिकोण क्या है ? मनोवैज्ञानिक
दृष्टिकोण कया है ?
छात्र घर से भोजन लाते हैं तब भोजन के सम्बन्ध में माता पिता को क्या
क्या सूचनायें देनी चाहिये ?
भोजन के पूर्व एवं पश्चात् स्वच्छता की व्यवस्था कैसे करनी चाहिये ?
संस्कारक्षम भोजनव्यवस्था के कौन कौन से पहलू हैं ?
विद्यालय में यदि उपाहारगृह या भोजनगृह है तो उसके सम्बन्ध में कौन
कौन सी सावधानियाँ रखनी चाहिये ?
छात्रों ने क्या खाना चाहिये और क्या नहीं खाना चाहिये ?
३३५
............. page-352 .............
भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
श्५
विद्यालय की दैनंदिन गतिविधियाँ
क्या इतने प्रकार की गतिविधियाँ विद्यालय में नियमित रूप से हो सकती
हैं -
१... पशु, पक्षी, कीट, पतंग आदि की सेवा
२... वृक्ष वनस्पति की सेवा
३... स्वच्छता ४. ae
५... कारसेवा एवं यज्ञ ६. व्यायाम
७... योगाभ्यास ८... साजसज्जा
९... गुरुसेवा, गुरुवन्दना १०, भोजन
विद्यालय के समय में इन्हें किस प्रकार से बिठा सकते हैं ?
इन सब बातों का शैक्षिक मूल्य कितना है ?
इनको करने में किस प्रकार के अवरोध निर्माण हो सकते हैं ?
उन्हें दूर कैसे करें ?
और कौन सी गतिविधियाँ जोड़ी जा सकती हैं ?
इन सब गतिविधियों के लिये आर्थिक बोज कितना उठाना पडेगा ?
३े३ेद
............. page-353 .............
ge
विद्यालय में सुविधायें
विद्यालय में निम्नलिखित सुविधायें/व्सव्थायें किस प्रकार से बना सकते
हैं ?
१. तापमान ८.
२. वायु ९
रे. प्रकाश १०,
४. ध्वनि ga.
५. पानी श२.
द्
9
. शौचादि श३े,
. सुन्दरता
इन सभी व्यवस्थाओं का शैक्षिक मूल्य कया है ?
इन सभी व्यवस्थाओं में छात्रों एवं आचार्यों की सहभागिता किस प्रकार
बने ?
इन सुविधाओं के आर्थिक पक्ष में किस प्रकार से विचार करना चाहिये ?
इन व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में शास्त्रीय या वैज्ञानिक दृष्टि क्या है ?
क्या ऐसा होगा कि वैज्ञानिक दृष्टि से सही व्यवस्थायें व्यावहारिक नहीं
होंगी और व्यावहारिक होंगी वे वैज्ञानिक नहीं होंगी ?
तब क्या किया जाय ?
339
............. page-354 .............
भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
श्७
विद्यालय में मितव्ययिता
विद्यालय में निम्नलिखित बातों पर खर्च कैसे कम कर सकेत हैं -
१, छात्रों का बस्ता
२. शैक्षक सामग्री
३. फर्नीचर
विद्यालय में दुर््यय एवं अपव्यय कहां कहां हो सकता है ? उसे कैसे
रोक सकते हैं ?
विद्यालय में टिकाऊ व्यवस्थायें एवं टिकाऊ चीजें कैसे अपनायें ?
कम से कम खर्च करके सादगी एवं सुन्दरता कैसे निर्माण करें ?
कम खर्च की व्यवस्था या वस्तु कम मूल्य की या कम उपयोगी भी नहीं
होती है ऐसी मानसिकता निर्माण करने के लिये क्या करें ?
निम्नलिखित बातों का कैसे ध्यान रखें -
१. वस्तुओं की सम्हाल
२. एक ही वस्तु के अनेक उपयोग
३. बिना पैसे की वस्तुओं का उपयोग
४. प्राकृतिक व्यवस्थायें
५. रखरखाव का खर्च कम से कम हो ऐसी व्यवस्था या वस्तुयें ।
RRC
............. page-355 .............
श्ट
विद्यालय का बगीचा
विद्यालय में बगीचा अनिवार्य है क्या ?
विद्यालय में बगीचा क्यों होना चाहिये ?
विद्यालय में कितना बड़ा बगीचा होना चाहिये ?
विद्यालय में खुला अथवा सुरक्षित स्थान ही न हो तो बगीचा कैसे
बनायें ?
विद्यालय में बगीचा कैसा होना चाहिये ?
बगीचा और पर्यावरण, बगीचा और सुन्दरता, बगीचा एवं स्वास्थ्य,
बगीचा एवं संस्कारक्षमता का क्या सम्बन्ध है ?
विद्यालय में घास, पौधे, वृक्ष एवं लता के विषय में किन किन बातों का
विचार करना चाहिये ?
विद्यालय में फूल, फल आदि के विषय में क्या क्या विचार करना
चाहिये ?
छात्रों एवं आचार्यों की वनस्पति सेवा में सहभागिता कैसे बने ?
बगीचा तैयार करते समय खर्च, सुविधा, उपयोगिता, सुन्दरता, प्रसन्नता,
प्राकृतिकता एवं व्यावहारिकता का ध्यान कैसे रखें ?
3328
............. page-356 .............
भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
88
विद्यालय में पुस्तकालय
विद्यालय में पुस्तकालय क्यों होना चाहिये ?
विद्यालय के पुस्तकालय में पुस्तकों की संख्या कितनी होनी चाहिये ?
ये पुस्तके कैसी हों ? कितने प्रकार की हों ?
पुस्तकालय के साथ वाचनालय भी क्यों होना चाहिये ?
पुस्तकालय एवं वाचनालय का उपयोग छात्र एवं आचार्य कर सर्के
इसलिये क्या क्या व्यवस्थायें करनी चाहिये ?
पुस्तकालय एवं वाचनालय का उपयोग करने के लिये छात्रों को कैसे
प्रेरित कर सकते हैं ?
एक एक कक्षा का कक्षापुस्तकालय कैसे बनायें ?
पुस्तकालय में पुस्तकों के साथ साथ और क्या क्या हो सकता है ?
पुस्तकालय एवं वाचनालय को केन्द्र में रखकर किस प्रकार के कार्यक्रम
अथवा गतिविधियों की रचना हो सकती है ?
पुस्तकालय का उपयोग अभिभावक भी कर सर्के ऐसी व्यवस्था किस
प्रकार से कर सकते हैं ?
३४०
............. page-357 .............
२०
विद्यालय की शुल्कव्यवस्था
विद्यालय के शुल्क की सही संकल्पना क्या है ?
शुल्क को दक्षिणा भी कह सकते हैं क्या ?
शुल्क का विद्यालय के निभाव के साथ क्या सम्बन्ध हो सकता है ?
शुल्क का शिक्षा की गुणवत्ता के साथ क्या सम्बन्ध है ?
शुल्क का विद्यालय की सुविधाओं के साथ क्या सम्बन्ध है ?
शुल्क का विद्यालय की प्रतिष्ठा के साथ क्या सम्बन्ध है ?
शुल्क किस प्रकार से कितना कम कर सकते हैं ?
विद्यालय में कितने प्रकार का शुल्क हो सकता है ?
शुल्क माफी की व्यवस्था कितने प्रकार की हो सकती है ?
शुल्क एवं शिक्षकों के वेतन का क्या सम्बन्ध है ?
३४१
............. page-358 .............
भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
२१
विद्यालय एवं परिवार
विद्यालय एवं छात्र के परिवार का क्या सम्बन्ध है ?
आचार्य एवं छात्र के परिवार का क्या सम्बन्ध है ?
मातापिता को विद्यालय में क्यों एवं कब जाना चाहिये ?
विद्यालय परिवार को किन किन बातों में मार्गदर्शन कर सकता है ?
विद्यालय एवं छात्र के परिवार में आत्मीय सम्बन्ध कैसे निर्माण हो
सकता है ?
विद्यालय संचालन में छात्र के परिवार का योगदान कितने प्रकार से हो
सकता है ?
विद्यालय की शिक्षा योजना के सन्दर्भ में अभिभावकों की भूमिका क्या
होनी चाहिये ?
परिवार को किन किन विषयों में मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है ?
परिवार का मार्गदर्शन करने के लिये विद्यालय किस प्रकार से व्यवस्था
कर सकता है ?
३४२
............. page-359 .............
२२
घर में छात्रविकास
छात्रों का विकास केवल विद्यालय में ही नहीं होता, विद्यालय के बाहर,
घर में भी होता है, इस दृष्टि से मातापिता को निम्न लिखित बातों में
विद्यालय ने क्या मार्गदर्शन करना चाहिये ?
१. भोजन ११, अभ्यास
२. निद्रा १२. स्वाध्याय
. व्यायाम १३. कौशल विकास
. गृहजीवन १४. lh (Hobby)
. सामाजिक जीवन 94, मित्र परिवार
. सेवाकार्य 9g. दिनचर्या
. श्रमकार्य १७, मानसिकता
. योगाभ्यास १८... जीवनदृष्टि
९. सांस्कृतिक कार्य १९, कुल परम्परा
१०, उपासना
३ डे
............. page-360 .............
KKAKAAA भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
८.
४ ७ ५ ५४ ५ ७
23
विद्यालय में सांस्कृतिक गतिविधियाँ
संस्कृति का अर्थ क्या है ?
सांस्कृतिक गतिविधियाँ किसे कहते हैं ?
विद्यालय में दैनन्दिन स्वरूप की सांस्कृतिक गतिविधियाँ कौन कौन सी
होती हैं ?
विद्यालय में समय समय पर होने वाली सांस्कृतिक गतिविधियाँ कौन सी
हैं?
सांस्कृतिक गतिविधियों में कभी कभी सांस्कृतिक दृष्टिकोण बनाये रखना
कठिन होता है। ऐसा क्यों होता है ? ऐसा न हो इसलिये क्या करें ?
सांस्कृतिक गतिविधियों का शैक्षिक कार्य के साथ सम्बन्ध किस प्रकार
से बिठाया जा सकता है ?
आज की वैश्विक समस्यायें एवं विद्यालय की सांस्कृतिक गतिविधियाँ -
इन दो में सामंजस्य कैसे बिठा सकते हैं ?
सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ छात्र के परिवार एवं सम्पूर्ण समाज का
सम्बन्ध कैसे बिठा सकते हैं ?
डे
............. page-361 .............
Rv
विद्यालय का शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम
शैक्षिक भ्रमण का अर्थ कया है ?
भ्रमण के लिये स्थान का चयन किस प्रकार से करना चाहिये ?
भ्रमण के समय शैक्षिक व्यवहार कैसा होता है ?
भ्रमण के समय छात्र एवं आचार्यों के व्यवहार के सम्बन्ध में किन किन
बातों पर विचार करना चाहिये ?
यदि भ्रमण शैक्षिक है तो वह सभी छात्रों के लिये होना चाहिये। इसकी
व्यवस्था कैसे कर सकते हैं ?
भ्रमण की आर्थिक व्यवस्था के सम्बन्ध में क्या विचार करना चाहिये ?
शैक्षिक भ्रमण का पाठ्यक्रम के साथ क्या सम्बन्ध है ?
भ्रमण की पूर्वतैयारी एवं भ्रमण का अनुवर्ती कार्य - ये दोनों कैसे होते
हैं ?
भ्रमण के माध्यम से सांस्कृतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय विकास किस प्रकार
से होता है ?
भ्रमण के माध्यम से व्यावहारिक ज्ञान का विकास किस प्रकार से होता
है ?
Ra
............. page-362 .............
भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
gu
विद्यालय की अर्थव्यवस्था
आय
.. विद्यालय की आय के कितने स्रोत होते हैं ? कौन कौन से ?
.. विद्यालय में छात्रों से शुल्क कितना लेना चाहिये, यह निर्धारित
करने की सही पद्धति कौन सी है ?
.. विद्यालय के लिये दान और अनुदान स्वीकार करने की नीति एवं
मापदंड किस प्रकार के होने चाहिये ?
. विद्यालय के लिये अर्थप्राप्ति के और कोई साधन हो सकते हैं
क्या ? यदि हाँ, तो किस प्रकार के ?
.. आवश्यकता से अधिक आय होने की स्थिति अच्छी है या नहीं ?
.. आवश्यकता से अधिक आय का क्या उपयोग कर सकते हैं ?
.. विद्यालय में किन किन बातों पर व्यय होता है ?
.. सभी प्रकार के व्यय का अनुपात कैसा होना चाहिये ?
. कम से कम व्यय हो इस प्रकार की व्यवस्था कैसे करें ?
.. व्यय एवं गुणवत्ता का कया सम्बन्ध है ?
.. व्यय एवं विद्यालय की प्रतिष्ठा का क्या सम्बन्ध है ?
.. व्यय के अनुरूप आय होनी चाहिये या आय के अनुरूप व्यय ?
आय एवं व्यय के सम्बन्ध में भारतीय एवं पाश्चात्य दृष्टि में क्या अन्तर
है ? भारतीय दृष्टि को व्यावहारिक बनाने के लिये क्या क्या कर सकते
रद
............. page-363 .............
२६
विद्यालय की प्रतिष्ठा
विद्यालय की प्रतिष्ठा का क्या अर्थ है ?
विद्यालय की प्रतिष्ठा का निम्नलिखित बातों के साथ क्या सम्बन्ध है ?
. परीक्षा परिणाम
. सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास
श
२
३. अन्यान्य कार्यक्रम एवं कार्य
४. प्रतियोगिताओं में अग्रक्रम
५.. सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यों में सहभाग
द्
9
८
8
श
. समाज को मार्गदर्शन
. हिन्दुत्व का दृष्टिकोण
. हिन्दुत्वनिष्ठ व्यवहार का आग्रह
. संख्या, भवन, शुल्क, सुविधायें
०. अंग्रेजी माध्यम
उपर्युक्त सूची में किन बातों का आग्रह उपयुक्त है और किन बातों का
अनुपयुक्त ?
विद्यालय की प्रतिष्ठा एवं विद्यालय के लक्ष्य में कितना सम्बन्ध होना
चाहिये ? सम्बन्ध न होने से क्या क्या उपाय करने चाहिये ?
समसम्बन्ध न होने पर कितने समझौते करने चाहिये ?
प्रतिष्ठा के मापदण्ड किस आधार पर बनते हैं ?
३४७
............. page-364 .............
भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
२७
विद्यालय में ट्यूशन
ट्यूशन की मात्रा आज बहुत बढ़ गई है इसका कारण क्या है ?
ट्यूशन के सम्बन्ध में आचार्य, छात्र एवं अभिभावकों की मानसिकता
कैसी होती है ?
ट्यूशन के सम्बन्ध में आदर्श स्थिति क्या है ?
ट्यूशन के आर्थिक पक्ष का विचार कैसे करना चाहिये ?
ट्यूशन सम्बन्ध में आदर्श स्थिति क्या है ?
ट्यूशन किसने पढ़ाना उपयुक्त है ?
ट्यूशन के हौवे से बचने के उपाय क्या हैं ?
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2८ ५
2 ५.
२८
विद्यालय में प्रतियोगितायें
प्रतियोगिताओं का शैक्षिक मूल्य कया है ?
प्रतियोगिताओं का व्यावहारिक मूल्य कया है ?
प्रतियोगिताओं के प्रति सही दृष्टिकोण कैसे विकसित करें ?
प्रतियोगिता की भावना कम करने के क्या उपाय करें ?
प्रतियोगितायें लाभ के स्थान पर हानि कैसे करती हैं ?
प्रतियोगितायें लाभकारी बनें इसलिये क्या क्या करना चाहिये ?
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भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
२९
विद्यालय किसका ?
१, प्रबन्धसमिति २. शासन
३. प्रधानाचार्य ४. आचार्य
५. अन्य कर्मचारी ६. छात्र
७. अभिभावक
इन सभी के विद्यालय के साथ के स्वस्थ सम्बन्धों का व्यवहारिक स्वरूप
कैसा होना चाहिये ?
इन सभी की आपसी सम्बन्ध की व्यावहारिक भूमिका कैसी होनी
चाहिये ?
ऐसी कौन सी बातें हैं जो इन सभी को समान रूप से लागू होनी
चाहिये ?
इन सभी में विद्यालय किस दृष्टि से किसका होता है ?
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विद्यालय का भवन
विद्यालय का भवन बनाते समय सुविधा की दृष्टि से किन किन बातों का
ध्यान रकना चाहिये ?
विद्यालय के भवन में विद्यालय की शैक्षिक दृष्टि किस प्रकार से
प्रतिबिम्बित होती है ?
विद्यालय का भवन एवं पर्यावरण
विद्यालय का भवन एवं शरीरस्वास्थ्य इन सब बातों का क्या सम्बन्ध
हैं?
विद्यालय का भवन एवं मनोस्वास्थ्य
विद्यालय का भवन एवं संस्कृति
विद्यालय का भवन कम खर्च में एवं अधिक टिकाऊ बने इस दृष्टि से
कौन कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिये ?
विद्यालय के भवन में वास्तुविज्ञान, भूमिचयन, स्थानचयन आदि का क्या
महत्त्व है ?
विद्यालय के भवन की आन्तरिक रचना कैसी होनी चाहिये ?
भवन निर्माण में प्रयुक्त सामग्री के विषय में किन बातों का ध्यान रखना
चाहिये ?
Bus
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YL भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
८.
४ ७८ ५ ५ ५
38
विद्यार्थियों हेतु स्वावलम्बन
क्या आप तय कर सकते हैं कि विषयों को सुनकर, समझकर, चिन्तन
कर, प्रयोग कर ही सीखेंगे । किसी भी प्रकार की सामग्री का उपयोग
नहीं करेंगे, अपनी बुद्धि पर विश्वास करेंगे, विश्वास कर सकें ऐसी तेजस्वी
बुद्धि बनायेंगे ।
विद्यार्थियों को चाहिये कि वे अपनी बुद्धि से निर्णय करें, दूसरों की बुद्धि
से नहीं । जब ऐसा करते हैं तभी हम स्वतन्त्र कहे जाते हैं ।
विद्यार्थियों को चाहिये कि वे अपनी बुद्धि का इतना विकास करें कि
अपनी बात दूसरों को समझा सकें, उनसे स्वीकृति और समर्थन प्राप्त कर
सर्के तथा प्रशंसा भी प्राप्त कर सर्के । यह सब केवल बुद्धि से ही हो,
अन्य उपायों से नहीं ।
विद्यार्थियों को चाहिये कि वे अपनी बुद्धि का ऐसा विकास करें कि कोई
भी विषय उन्हें कठिन न लगे, असाध्य न लगे ।
विद्यार्थीयों को चाहिये कि वे ऐसी बौद्धिक क्षमता प्राप्त करें कि कहने
वाले का आशय तुरन्त समझ लें और उसके मनोभावों को ATT लें ।
विद्यार्थियों को चाहिये कि वे ऐसी बौद्धिक क्षमता प्राप्त करें कि किसी
भी बात का एसा त्वरित निर्णय कर सकें कि विषय में बाद पछताना न
पडे ।
विद्यार्थियों को चाहिये कि वे ऐसी बौद्धिक क्षमता का विकास करें जिस
R&R
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पर्व ५ : विविध
प्रश्न १
उत्तर
प्रश्न २
उत्तर