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| == हिंदू धर्म की शिक्षा के अभाव के दुष्परिणाम == | | == हिंदू धर्म की शिक्षा के अभाव के दुष्परिणाम == |
− | अंग्रेजों ने हिन्दू और मुसलमान ऐसे दो हिस्सों में भारत का विभाजन किया था| हिन्दुस्थान और पाकिस्तान| लेकिन हिन्दुस्थान में हिदू धर्म की हिंदुत्व की शिक्षा देने का कोई प्रावधान नहीं है| अंग्रेज शासकों को अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष रूझवेल्टने सलाह दी थी कि शासन ऐसे हाथों में दें जो अंग्रेजियत में रंगे हों| अंग्रेजों ने ऐसा ही किया| इस कारण हिन्दुस्तान में ईसाईयों के लिए ईसाईयत की शिक्षा की व्यवस्था है, मुसलमानों के लिए इस्लाम की शिक्षा की व्यवस्था है लेकिन हिन्दुओं के लिए हिंदुत्व की शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है| परिणामत: हिन्दुओं की आबादी का प्रतिशत अन्य समाजों की तुलना में घटता जा रहा है| ऐसा ही चलता रहा तो २०६१ तक हिन्दुस्तान में हिन्दू अल्पसंख्य हो जायेंगे| ऐसा होना यह केवल भारत के लिए ही नहीं समूचे विश्व के लिए हानिकारक है| भारतीयों को हिन्दू धर्म की शिक्षा मिलने से घर वापसी की पूरी संभावनाएं हैं| | + | अंग्रेजों ने हिन्दू और मुसलमान ऐसे दो हिस्सों में भारत का विभाजन किया था: हिन्दुस्थान और पाकिस्तान | लेकिन हिन्दुस्थान में हिदू धर्म की हिंदुत्व की शिक्षा देने का कोई प्रावधान नहीं है | अंग्रेज शासकों को अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष रूझवेल्ट ने सलाह दी थी कि शासन ऐसे हाथों में दें जो अंग्रेजियत में रंगे हों | अंग्रेजों ने ऐसा ही किया | इस कारण हिन्दुस्तान में ईसाईयों के लिए ईसाईयत की शिक्षा की व्यवस्था है, मुसलमानों के लिए इस्लाम की शिक्षा की व्यवस्था है लेकिन हिन्दुओं के लिए हिंदुत्व की शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है | परिणामत: हिन्दुओं की आबादी का प्रतिशत अन्य समाजों की तुलना में घटता जा रहा है | ऐसा ही चलता रहा तो २०६१ तक हिन्दुस्तान में हिन्दू अल्पसंख्य हो जायेंगे | ऐसा होना यह केवल भारत के लिए ही नहीं समूचे विश्व के लिए हानिकारक है | भारतीयों को हिन्दू धर्म की शिक्षा मिलने से घर वापसी की पूरी संभावनाएं हैं | |
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| == हिन्दू जनसंख्या == | | == हिन्दू जनसंख्या == |
− | <nowiki>:</nowiki> - विश्व की जनसंख्या में हिन्दू : चौथे क्रमांकपर है| हिन्दू < बौद्ध < मुस्लिम < ईसाई| चीन की आबादी को यदि बौद्ध न मान उसे कम्यूनिस्ट मजहब कहें तो यह क्रम बौद्ध < हिन्दू < कम्यूनिस्ट < मुस्लिम < ईसाई - ऐसा होगा| - भारत में भारतीय धर्मी( हिन्दू, बौद्ध, जैन और सिख) के लोगों की आबादी और इस्लाम और ईसाई मजहबों की आबादी तथा इन में होनेवाले उतार चढ़ाव विचारणीय है| २००१ तक की जानकारी नीचे दे रहे हैं| (सन्दर्भ : समाजनीति समीक्षण केन्द्र, चेन्नई द्वारा २००५ में प्रकाशित ‘भारतवर्ष की धर्मानुसार जनसांख्यिकी’ पुस्तिका)| ‘कुल’ आंकड़े हजार में|
| + | विश्व की जनसंख्या में हिन्दू चौथे क्रमांक पर हैं | हिन्दू < बौद्ध < मुस्लिम < ईसाई | चीन की आबादी को यदि बौद्ध न मान उसे कम्यूनिस्ट मजहब कहें तो यह क्रम बौद्ध < हिन्दू < कम्यूनिस्ट < मुस्लिम < ईसाई - ऐसा होगा | |
− | १८८१ १९०१ १९४१ १९५१ १९९१ २००१
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− | कुल २५०,१५५ २८३,८६८ ३८८,९९८ ४४१,५१५ १,०६८,०६८ १,३०५,७२१ | + | भारत में भारतीय धर्मी ( हिन्दू, बौद्ध, जैन और सिख) के लोगों की आबादी और इस्लाम और ईसाई मजहबों की आबादी तथा इन में होनेवाले उतार चढ़ाव विचारणीय है | २००१ तक की जानकारी नीचे दे रहे हैं <ref>‘भारतवर्ष की धर्मानुसार जनसांख्यिकी’ पुस्तिका, समाजनीति समीक्षण केन्द्र, चेन्नई द्वारा २००५ में प्रकाशित </ref> ‘कुल’ आंकड़े हजार में |
− | भारतीय धर्मी ७९.३२ ७७.१४ ७३.८१ ७३.६८ ६८.७२ ६७.५६ | + | {| class="wikitable" |
− | मुस्लिम १९.९७ २१.८८ २४.२८ २४.२८ २९.२५ ३०.३८ | + | ! |
− | ईसाई ०.७१ ०.९८ १.९१ २.०४ २.०४ २.०६ | + | !१८८१ |
| + | !१९०१ |
| + | !१९४१ |
| + | !१९५१ |
| + | !१९९१ |
| + | !२००१ |
| + | |- |
| + | |कुल |
| + | |२५०,१५५ |
| + | |२८३,८६८ |
| + | |३८८,९९८ |
| + | |४४१,५१५ |
| + | |१,०६८,०६८ |
| + | |१,३०५,७२१ |
| + | |- |
| + | |भारतीय धर्मी |
| + | |७९.३२ |
| + | |७७.१४ |
| + | |७३.८१ |
| + | |७३.६८ |
| + | |६८.७२ |
| + | |६७.५६ |
| + | |- |
| + | |मुस्लिम |
| + | |१९.९७ |
| + | |२१.८८ |
| + | |२४.२८ |
| + | |२४.२८ |
| + | |२९.२५ |
| + | |३०.३८ |
| + | |- |
| + | |ईसाई |
| + | |०.७१ |
| + | |०.९८ |
| + | |१.९१ |
| + | |२.०४ |
| + | |२.०४ |
| + | |२.०६ |
| + | |} |
| + | |
| + | |
| इन आंकड़ों के साथ ही भारत पाकिस्तान और बांगला देश की हिन्दू जनसंख्या की बदलती स्थिति (%) भी विचारणीय है| | | इन आंकड़ों के साथ ही भारत पाकिस्तान और बांगला देश की हिन्दू जनसंख्या की बदलती स्थिति (%) भी विचारणीय है| |
| १९०१ १९४१ १९५१ १९९१ २००१ | | १९०१ १९४१ १९५१ १९९१ २००१ |
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| उपर्युक्त आंकड़े स्वयंस्पष्ट हैं| यहाँ हिन्दू धर्म के लोगों को ही भारतधर्मी कहा गया है| | | उपर्युक्त आंकड़े स्वयंस्पष्ट हैं| यहाँ हिन्दू धर्म के लोगों को ही भारतधर्मी कहा गया है| |
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− | साहित्य सूचि: १. २. विष्णू पुराण ३ वायु पुराण ४. अधिजनन शास्त्र – प्रकाशन : पुनरुत्थान विद्यापीठ ५. समाजनीति समीक्षण केन्द्र, चेन्नई द्वारा २००५ में प्रकाशित ‘भारतवर्ष की धर्मानुसार जनसांख्यिकी’ पुस्तिका) ६. भारतीय राज्यशास्त्र. लेखक : गो.वा. टोकेकर और मधुकर महाजन. विद्या प्रकाशन. प्रकाशक : सुशीला महाजन. ५/५७ विष्णू प्रसाद. विले पार्ले, मुम्बई. ७. ८. हिन्दू राष्ट्र का सत्य इतिहास. लेखक श्रीराम साठे. प्रकाशिका सुनीता रतिवाल, हैदराबाद ५०००२९ ९. रामकृष्ण मठ, नागपुर द्वारा प्रकाशित, विवेकानंदजी द्वारा लिखित पुस्तक “हिन्दू धर्म” १०. हिन्दू अल्पसंख्य होणार का? लेखक मिलिंद थत्ते, प्रकाशक हिन्दुस्थान प्रकाशन संस्था, प्रभादेवी, मुम्बई | + | साहित्य सूचि: १. २. विष्णू पुराण ३ वायु पुराण ४. अधिजनन शास्त्र – प्रकाशन : पुनरुत्थान विद्यापीठ ८. हिन्दू राष्ट्र का सत्य इतिहास. लेखक श्रीराम साठे. प्रकाशिका सुनीता रतिवाल, हैदराबाद ५०००२९ ९. रामकृष्ण मठ, नागपुर द्वारा प्रकाशित, विवेकानंदजी द्वारा लिखित पुस्तक “हिन्दू धर्म” १०. हिन्दू अल्पसंख्य होणार का? लेखक मिलिंद थत्ते, प्रकाशक हिन्दुस्थान प्रकाशन संस्था, प्रभादेवी, मुम्बई |
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| ==References== | | ==References== |