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वैसी शिक्षा, ऐसे शिक्षक कहाँ से मिलेंगे ?
वैसी शिक्षा, ऐसे शिक्षक कहाँ से मिलेंगे ?
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=== [[विद्यालय का सामाजिक दायित्व]] ===
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विद्यालय का प्रशासन, शिक्षा का यूरोपीकरण, शिक्षा सरकार के
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अधीन, शिक्षा अर्थ के अधीन, शिक्षा की सभी व्यवस्थाएँ वही की
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वही, प्राचीनभारत में शिक्षा का स्वरूप, आज की विडम्बना, ऐसे में
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शिक्षा कैसे होगी ?, शिक्षा में भारतीय करण के उपाय, विद्यालय
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की यान्त्रिकता को कैसे दूर करें, मनुष्य यंत्र द्वारा संचालित न हो,
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यंत्र आधारित वर्तमान व्यवस्था, उपाय योजना, विद्यालयीन
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'शिष्टाचार, व्यवहार कैसा होना चाहिये ? , विनयशील व्यवहार का
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अर्थ, १. शिक्षक के हृदय में प्रेम, आचारनिष्ठा व ज्ञाननिष्ठा का
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अभाव, २. शिक्षक और मुख्याध्यापक के आपसी व्यवहार में भी
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शिष्ट आचरण अपेक्षित है ।, २. समस्या का हल करना
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मुख्याध्यापक का दायित्व है, ४. विद्यालय की गरिमा व पवित्रता की
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रक्षा, विद्यालय संचालन में विद्यार्थियों का सहभाग, विद्यालय
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क्या है, विद्यालय एक परिवार है, विद्यार्थी क्या कर सकते हैं, इसे
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सम्भव बनाने के उपाय, विद्यालय और पूर्व छात्र, विद्यालय और
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पूर्व छात्र का सम्धबन्ध, विद्यालय के प्रति कृतज्ञता का भाव जगाना,
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विद्यालय चलाने की जिम्मेदारी साँझी, विद्यालय तंत्र कैसा है ?,
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विद्यालय में विद्यार्थियों का काम क्या होगा ?, वर्तमान में ये बातें
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होती क्यों नहीं हैं ?, विद्यालय का रंगमंच कार्यक्रम, विद्यालय
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सामाजिक चेतना का केन्द्र, समाज का अर्थ, परिवार भावना मूल
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आधार है, समाज धर्म व संस्कृति से चलता है, संस्कृति सनातन है ,
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शिक्षा संस्कृति का हस्तान्तरण करती है, विद्यालय की भूमिका,
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सामाजिक रीतियों का शोधन करना
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पूरे दिन का विद्यालय, कैसे विचार करना चाहिए
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आवासीय विद्यालय, १. प्रयोजन, २. स्वरूप, आवासीय
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विद्यालय, आज वे कैसे चलते हैं ?, एक समझने लायक उदाहरण,
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ये विद्यालय गुरुकुलों की तरह सांस्कृतिक उद्देश्यों के लिए चलने
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चाहिये । सरकारी प्राथमिक विद्यालयों का क्या करें, वर्तमान
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स्थिति, शिक्षक क्यों नहीं पढ़ाते ?, उपाय कया है, कुछ इस प्रकार
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विचार कर सकते हैं...