कुटुम्ब यह परिवर्तन का सबसे जड़मूल का माध्यम है| समाज जीवन की वह नींव होता है| वह जितना सशक्त और व्यापक भूमिका का निर्वहन करेगा समाज उतना ही श्रेष्ठ बनेगा| कुटुम्ब में दो प्रकार के काम होते हैं| पहले हैं कुटुम्ब के लिए और दूसरे हैं कुटुम्ब में याने समाज, सृष्टी के लिए| | कुटुम्ब यह परिवर्तन का सबसे जड़मूल का माध्यम है| समाज जीवन की वह नींव होता है| वह जितना सशक्त और व्यापक भूमिका का निर्वहन करेगा समाज उतना ही श्रेष्ठ बनेगा| कुटुम्ब में दो प्रकार के काम होते हैं| पहले हैं कुटुम्ब के लिए और दूसरे हैं कुटुम्ब में याने समाज, सृष्टी के लिए| |