Line 108: |
Line 108: |
| | | | | |
| ==गर्भपूर्वावस्था ॥ Before Conception== | | ==गर्भपूर्वावस्था ॥ Before Conception== |
− | | | + | |<nowiki>तैयारी : उपनयन के पूर्व के सभी संस्कारों का अध्ययन | 4 आदतें ढालना |</nowiki> |
− | # <nowiki>तैयारी : उपनयन के पूर्व के सभी संस्कारों का अध्ययन | 4 आदतें ढालना:
| + | # व्यक्तिगत साधना का महत्व (अध्यात्म विद्या विद्यानां ) । |
− | ## व्यक्तिगत साधना का महत्व (अध्यात्म विद्या विद्यानां )
| + | # अपनी मातृभाषा का प्रयोग (गति बढाने के लिये मानसिकता) । |
− | ## अपनी मातृभाषा का प्रयोग (गति बढाने के लिये मानसिकता)
| + | # सामूहिक साधना का महत्व - कीर्तन, कथा चर्चा (अध्यात्म विद्या विद्यानाम् ) । |
− | ## सामूहिक साधना का महत्व - कीर्तन, कथा चर्चा (अध्यात्म विद्या विद्यानां )
| + | # परिवार में संबंध । |
− | ## परिवार में संबंध
| + | # यथाशक्ति प्रचार । |
− | ## यथाशक्ति प्रचार
| + | # परम्पराओं को समझना [पुरानी पीढ़ीओं के साथ सम्बन्ध] | |
− | ## परम्पराओं को समझना [पुरानी णी पीढ़ीओं के साथ सम्बन्ध] | गतिमान संतुलन (dynamic balance) : विस्तार -> ब्राह्मण : प्रस्तुति ; क्षत्रिय : प्रचार</nowiki>
| + | गतिमान संतुलन (dynamic balance) : विस्तार - |
− | <=मन =>
| + | |
| + | ब्राह्मण : प्रस्तुति |
| + | |
| + | क्षत्रिय : प्रचार |
| | | |
− | धर्मग्रंथ (कच्चा गृहस्थ) | इष्ट गति => अष्टांग योग / यम नियम
| + | इष्ट गति : अष्टांग योग / यम नियम का पालन । |
| | | |
− | बैठक : खेल (आक्रोश व्यक्त), गीत ,कहानी ,चर्चा | + | बैठक : खेल (आक्रोश व्यक्त), गीत ,कहानी ,चर्चा । |
| |- | | |- |
| | | | | |
| ==गर्भावस्था ॥ During Pregnancy== | | ==गर्भावस्था ॥ During Pregnancy== |
− | |०) गर्भादान & पुंसवान & सीमन्तोनयन संस्कार (अपेक्षित) १) व्यक्तिगत साधना का महत्व (अध्यात्म विद्या विद्यानां ) २) अपनी मातृभाषा का प्रयोग ३) सामूहिक साधना का महत्व - कीर्तन, कथा चर्चा (अध्यात्म विद्या विद्यानां ) ४ ) परिवार में संबंध <s>५) यथाशक्ति प्रचार</s> ६) परम्पराओं को समझना [पुराणी पीढ़ीओं के साथ सम्बन्ध] | + | | |
| + | # गर्भादान, पुंसवान और सीमन्तोनयन संस्कार (अपेक्षित) |
| + | # व्यक्तिगत साधना का महत्व (अध्यात्म विद्या विद्यानाम् ) |
| + | # अपनी मातृभाषा का प्रयोग |
| + | # सामूहिक साधना का महत्व - कीर्तन, कथा चर्चा (अध्यात्म विद्या विद्यानाम्) |
| + | # परिवार में संबंध |
| + | # परम्पराओं को समझना [पुराणी पीढ़ीओं के साथ सम्बन्ध] |
| |- | | |- |
| | | | | |
| ==शैशवम् ॥ Childhood (Until the age of 5years)== | | ==शैशवम् ॥ Childhood (Until the age of 5years)== |
− | |दिशा पर जोर १) जाता कर्म संस्कार (सुवर्ण प्राशन), नाम कारन संस्कार , निष्क्रमण संस्कार , अन्न प्राशन, चूड़ाकरण/मुंडन संस्कार , कर्णभेद संस्कार २) अपनी प्रान्तिक बोली का प्रयोग ३) कहानियां (श्रीमद भागवत ) गटश: - अलग अलग गुणों से (-> 3/4 भाषाये लिये) सम्बंधित कहानियां - ४) अभिनय / नाट्य (acting ) से समग्रता - जिज्ञासा उत्पति - अनुभव अन्तः करण तक प्रवेश ५) दिन के अनुभवों को सुनाना एवं कहानी के रूप में इन वरिष्ठों से लिखवाना ६ ) खेल - अक्षरणम, अकारोस्मि <s>अचर</s> ( पंचमहाभूत ) के साथ -> कर्मेंद्रियो के , ६) पूरे परिवार के साथ | + | |दिशा पर जोर : |
| + | # जाता कर्म संस्कार (सुवर्ण प्राशन), नाम कारन संस्कार , निष्क्रमण संस्कार , अन्न प्राशन, चूड़ाकरण/मुंडन संस्कार , कर्णभेद संस्कार |
| + | # अपनी प्रान्तिक बोली का प्रयोग |
| + | # कहानियां (श्रीमद भागवत ) गटश: - अलग अलग गुणों से (3/4 भाषाये लिये) सम्बंधित कहानियां |
| + | # अभिनय / नाट्य (acting ) से समग्रता - जिज्ञासा उत्पति - अनुभव अन्तः करण तक प्रवेश |
| + | # दिन के अनुभवों को सुनाना एवं कहानी के रूप में इन वरिष्ठों से लिखवाना |
| + | # खेल - अक्षरणाम् अकारोस्मि (पंचमहाभूत) के साथ कर्मेंद्रियो के साथ.. |
| + | # पूरे परिवार के साथ |
| + | गति : शरीर की गति अधिक, मन / बुद्धि की गति कम | |
| | | |
− | मोक्ष गायी इच्छाये -> गति tradeoff : शरीर की गति अधिक => मन / बुद्धि की गति कम |
| + | अन्त में - तीन संस्कारों में अपेक्षित क्या है | |
− | | |
− | climax के में - तीन संस्कारों में अपेक्षित क्या है |
| |
| |- | | |- |
| | | | | |
| ==बाल्यम् ॥ Childhood (From the age between 6 to 10 years)== | | ==बाल्यम् ॥ Childhood (From the age between 6 to 10 years)== |
− | |<nowiki>दिशा पर जोर १) विद्यारम्भा संस्कार - मातृभाषा में (गीता १०.३३ ) २ ) खेल - चर एवं अन्य बालकों के साथ ३ ) पूरे परिवार के साथ खेलना ४) उपनयन संस्कार का अरंभ (८ वर्ष में) ५) कहानियां - रामायण ६) एकता का अनुभव -> विशिष्ट प्रसंग -> एकात्मता संस्कार संस्कृति -> सारी कहानियाँ एकात्मता स्तोत्र से |</nowiki> | + | |दिशा पर जोर : |
| + | # विद्यारम्भ संस्कार - मातृभाषा में (गीता १०.३३ ) |
| + | # खेल - चर एवं अन्य बालकों के साथ |
| + | # पूरे परिवार के साथ खेलना |
| + | # उपनयन संस्कार का आरंभ (८ वर्ष में) |
| + | # कहानियां - रामायण |
| + | # एकता का अनुभव । विशिष्ट प्रसंग द्वारा एकात्मता, संस्कार, संस्कृति । सारी कहानियाँ एकात्मता स्तोत्र से | |
| + | वर्णा नुसार 8 संस्कार निरीक्षण और अनुभव अवसर । |
| | | |
− | वर्णा नुसार 8 संस्कार निरीक्षण & अनुभव अवसर
| + | पंढरपुर वारी : last person should also be taken along (even गर्भवती महिला) |
− | | |
− | पंढरपुर वारी => last person should also be taken along (even गर्भवती महिला) | |
| |- | | |- |
| | | | | |
| ==कौमारम् ॥ Adolescence (Age between 11 and 15 years)== | | ==कौमारम् ॥ Adolescence (Age between 11 and 15 years)== |
− | |युक्ता गति पर जोर १) उपनयन संस्कार को जारी रखना (८ वर्ष में) २) वेदारंभ -> अहंकार के ज्ञाता भाव की पुष्टी ३) ज्ञान मय कोश के विकास हेतु महाभारत की कहानियां - विविधता का अनुभव | + | |युक्ता गति पर जोर : |
− | | + | # उपनयन संस्कार को जारी रखना (८ वर्ष में) |
− | वर्णानुसार => ब्राह्मण , क्षत्रिय (10-11), वैश्य (18-16) | + | # वेदारंभ : अहंकार के ज्ञाता भाव की पुष्टी |
− | | + | # ज्ञान मय कोश के विकास हेतु महाभारत की कहानियां - विविधता का अनुभव |
− | Climax -> परमोच्य बिंदु | इसी को हिन्दी में Climax कहते है |
| + | वर्णानुसार : ब्राह्मण , क्षत्रिय (10-11), वैश्य (18-16) |
| | | |
− | पाने की प्रक्रिया क्या है -> अधिजनन शास्त्र का अध्ययन (स्वाभाविक / कृत्रिम) जुडे हुए लोगों का मार्गदर्शन
| + | अन्त मे परमोच्य बिंदु | |
| | | |
− | संकल्प -> विवेक के साथ
| + | पाने की प्रक्रिया क्या है : अधिजनन शास्त्र का अध्ययन (स्वाभाविक / कृत्रिम) जुडे हुए लोगों का मार्गदर्शन । |
| | | |
− | तैयारी ? 1. संस्कार हो गया - कैसे समझें ? 2. प्रक्रिया तब से प्रारंभ हुई या वह उसका climax
| + | संकल्प : विवेक के साथ |
| | | |
− | गर्भपूर्व - गर्भादान / पुंसावन & सीमन्तोनयन का अध्ययन & आचरण | हर संस्कार - अध्ययन & आचरण - 2 चरण पहले ; & आचरण ढालना | + | तैयारी |
| + | # संस्कार हो गया - कैसे समझें ? |
| + | # प्रक्रिया तब से प्रारंभ हुई या वह उसका climax |
| + | गर्भपूर्व - गर्भादान / पुंसावन और सीमन्तोनयन का अध्ययन और आचरण | हर संस्कार का अध्ययन और आचरण - 2 चरण पहले ; और आचरण ढालना |
| | | |
− | गर्भावस्था, शिशु , बाल्य => किशोर / युवा -> शास्त्र शुद्ध पक्ष (शास्त्रीय) | (64) कलायें | + | गर्भावस्था, शिशु , बाल्य किशोर / युवा - शास्त्र शुद्ध पक्ष (शास्त्रीय) | (64) कलायें |
| | | |
− | गर्भावस्था, शिशु , बाल्य => लोक शिक्षा , धर्म शिक्षा ; एकात्मता (not एकता) (विविधता का आधार) | + | गर्भावस्था, शिशु , बाल्य - लोक शिक्षा , धर्म शिक्षा ; एकात्मता (not एकता) (विविधता का आधार) |
| |- | | |- |
| | | | | |
| ==यौवनम् ॥ Youth (Age between 16 and 25 years)== | | ==यौवनम् ॥ Youth (Age between 16 and 25 years)== |
− | |Samavartana संस्कार | + | |Samavartana संस्कार : |
| + | सत्यं वद । Speak the Truth., |
| + | |
| + | धर्मं चर । Practise Virtue., |
| + | |
| + | स्वाध्यायान्मा प्रमदः । Do not neglect your daily Study., |
| | | |
− | समावर्तन
| + | आचार्याय प्रियं धनमाहृत्य Offer to the Teacher whatever pleases him, |
| | | |
− | सत्यं वद । Speak the Truth., धर्मं चर । Practise Virtue., स्वाध्यायान्मा प्रमदः । Do not neglect your daily Study., आचार्याय प्रियं धनमाहृत्य Offer to the Teacher whatever pleases him, प्रजातन्तुं मा व्यवच्छेत्सीः । Do not cut off the line of progeny., सत्यान्न प्रमदितव्यम् । Do not neglect Truth. , धर्मान्न प्रमदितव्यम् । Do not neglect Virtue. , कुशलान्न प्रमदितव्यम् । Do not neglect Welfare., भूत्यै न प्रमदितव्यम् । Do not neglect Prosperity., स्वाध्यायप्रवचनाभ्यां न प्रमदितव्यम् ॥ १॥ Do not neglect Study and Teaching . , देवपितृकार्याभ्यां न प्रमदितव्यम् । Do not neglect your duty to the Gods and the Ancestors., मातृदेवो भव । Regard the Mother as your God., पितृदेवो भव । Regard the Father as your God., आचार्यदेवो भव । Regard the Teacher as your God., अतिथिदेवो भव । Regard the Guest as your God., यान्यनवद्यानि कर्माणि तानि सेवितव्यानि । Whatever deeds are blameless, they are to be practised, नो इतराणि । not others. , यान्यस्माक सुचरितानि । Whatever good practices are among us , तानि त्वयोपास्यानि । नो इतराणि ॥ २॥ are to be adopted by you, not others . I:11:I ये के चारुमच्छ्रेया सो ब्राह्मणाः । Whatever Brahmins there are superior to us, तेषां त्वयाऽऽसनेन प्रश्वसितव्यम् । should be honoured by you by offering a seat. श्रद्धया देयम् । Give with Faith, अश्रद्धयाऽदेयम् । Give not without Faith; श्रिया देयम् । Give in Plenty, ह्रिया देयम् । Give with Modesty, भिया देयम् । Give with Awe, संविदा देयम् । Give with Sympathy. अथ यदि ते कर्मविचिकित्सा वा Then if there is any doubt regarding any Deeds, वृत्तविचिकित्सा वा स्यात् ॥ ३॥ or doubt concerning Conduct, ये तत्र ब्राह्मणाः संमर्शिनः । As the Brahmins who are competent to judge, युक्ता आयुक्ताः । adept in Duty, not led by others, अलूक्षा धर्मकामाः स्युः । not harsh, not led by passion, यथा ते तत्र वर्तेरन् । in the manner they would behave तथा तत्र वर्तेथाः । thus should you behave . I:11:Ii अथाभ्याख्यातेषु । Then as to the persons accused of guilt ये तत्र ब्राह्मणाः संमर्शिनः । like the Brahmins who are adept at deliberation युक्ता आयुक्ताः । who are competent to judge, not directed by others अलूक्षा धर्मकामाः स्युः । not harsh, not moved by passion, यथा ते तेषु वर्तेरन् । as they would behave in such cases तथा तेषु वर्तेथाः । thus should you behave.
| + | प्रजातन्तुं मा व्यवच्छेत्सीः । Do not cut off the line of progeny., |
| | | |
− | एष आदेशः । This is the Command. एष उपदेशः । This is the Teaching. एषा वेदोपनिषत् । This is the secret Doctrine of the Veda. एतदनुशासनम् । This is the Instruction. एवमुपासितव्यम् । Thus should one worship. एवमु चैतदुपास्यम् ॥ ४॥ Thus indeed should one worship . I:11:iv ॥ इति तैत्तिरीयोपनिषदि शीक्षावल्लीनामप्रथमोध्याये एकादशोऽनुवाकः ॥ Not to behave as me if I dont behave properly
| + | सत्यान्न प्रमदितव्यम् । Do not neglect Truth. , |
| | | |
− | a
| + | धर्मान्न प्रमदितव्यम् । Do not neglect Virtue. , |
| | | |
− | इस आयु में अब युवक स्वतन्त्र रूप में भी कई बातें करने की स्थिति में होता है| अपना व्यवहार वर्णानुसारी रखना| रा.स्व.संघ की मुख्या शिक्षक और उससे बड़ी जिम्मेदारियों के लिए प्रस्तुत होना| लोकसंग्रह करना|
| + | कुशलान्न प्रमदितव्यम् । Do not neglect Welfare., |
| | | |
− | सुखार्थिनः कुतोविद्या नास्ति विद्यार्थिनः सुखम् । सुखार्थी वा त्यजेद् विद्यां विद्यार्थी वा त्यजेत् सुखम् ॥ जिसे सुख की अभिलाषा हो (कष्ट उठाना न हो) उसे विद्या कहाँ से ? और विद्यार्थी को सुख कहाँ से ? सुख की ईच्छा रखनेवाले ने विद्या की आशा छोडनी चाहिए, और विद्यार्थी ने सुख की । | + | भूत्यै न प्रमदितव्यम् । Do not neglect Prosperity., |
| + | |
| + | स्वाध्यायप्रवचनाभ्यां न प्रमदितव्यम् ॥ १॥ Do not neglect Study and Teaching . , |
| + | |
| + | देवपितृकार्याभ्यां न प्रमदितव्यम् । Do not neglect your duty to the Gods and the Ancestors., |
| + | |
| + | मातृदेवो भव । Regard the Mother as your God., |
| + | |
| + | पितृदेवो भव । Regard the Father as your God., |
| + | |
| + | आचार्यदेवो भव । Regard the Teacher as your God., |
| + | |
| + | अतिथिदेवो भव । Regard the Guest as your God., |
| + | |
| + | यान्यनवद्यानि कर्माणि तानि सेवितव्यानि । Whatever deeds are blameless, they are to be practised, |
| + | |
| + | नो इतराणि । not others. , |
| + | |
| + | यान्यस्माक सुचरितानि । Whatever good practices are among us , |
| + | |
| + | तानि त्वयोपास्यानि । नो इतराणि ॥ २॥ are to be adopted by you, not others . I:11:I |
| + | |
| + | ये के चारुमच्छ्रेया सो ब्राह्मणाः । Whatever Brahmins there are superior to us, |
| + | |
| + | तेषां त्वयाऽऽसनेन प्रश्वसितव्यम् । should be honoured by you by offering a seat. |
| + | |
| + | श्रद्धया देयम् । Give with Faith, |
| + | |
| + | अश्रद्धयाऽदेयम् । Give not without Faith; |
| + | |
| + | श्रिया देयम् । Give in Plenty, |
| + | |
| + | ह्रिया देयम् । Give with Modesty, |
| + | |
| + | भिया देयम् । Give with Awe, |
| + | |
| + | संविदा देयम् । Give with Sympathy. |
| + | |
| + | अथ यदि ते कर्मविचिकित्सा वा Then if there is any doubt regarding any Deeds, |
| + | |
| + | वृत्तविचिकित्सा वा स्यात् ॥ ३॥ or doubt concerning Conduct, |
| + | |
| + | ये तत्र ब्राह्मणाः संमर्शिनः । As the Brahmins who are competent to judge, |
| + | |
| + | युक्ता आयुक्ताः । adept in Duty, not led by others, |
| + | |
| + | अलूक्षा धर्मकामाः स्युः । not harsh, not led by passion, |
| + | |
| + | यथा ते तत्र वर्तेरन् । in the manner they would behave |
| + | |
| + | तथा तत्र वर्तेथाः । thus should you behave . I:11:Ii |
| + | |
| + | अथाभ्याख्यातेषु । Then as to the persons accused of guilt |
| + | |
| + | ये तत्र ब्राह्मणाः संमर्शिनः । like the Brahmins who are adept at deliberation |
| + | |
| + | युक्ता आयुक्ताः । who are competent to judge, not directed by others |
| + | |
| + | अलूक्षा धर्मकामाः स्युः । not harsh, not moved by passion, |
| + | |
| + | यथा ते तेषु वर्तेरन् । as they would behave in such cases |
| + | |
| + | तथा तेषु वर्तेथाः । thus should you behave. |
| + | |
| + | एष आदेशः । This is the Command. |
| + | |
| + | एष उपदेशः । This is the Teaching. |
| + | |
| + | एषा वेदोपनिषत् । This is the secret Doctrine of the Veda. |
| + | |
| + | एतदनुशासनम् । This is the Instruction. |
| + | |
| + | एवमुपासितव्यम् । Thus should one worship. |
| + | |
| + | एवमु चैतदुपास्यम् ॥ ४॥ Thus indeed should one worship . I:11:iv ॥ |
| + | |
| + | इति तैत्तिरीयोपनिषदि शीक्षावल्लीनामप्रथमोध्याये एकादशोऽनुवाकः ॥ |
| + | |
| + | Not to behave as me if I dont behave properly |
| + | |
| + | इस आयु में अब युवक स्वतन्त्र रूप में भी कई बातें करने की स्थिति में होता है | अपना व्यवहार वर्णानुसारी रखना | रा.स्व.संघ की मुख्या शिक्षक और उससे बड़ी जिम्मेदारियों के लिए प्रस्तुत होना| लोकसंग्रह करना | |
| + | |
| + | सुखार्थिनः कुतोविद्या नास्ति विद्यार्थिनः सुखम् । सुखार्थी वा त्यजेद् विद्यां विद्यार्थी वा त्यजेत् सुखम् ॥ |
| + | |
| + | जिसे सुख की अभिलाषा हो (कष्ट उठाना न हो) उसे विद्या कहाँ से ? और विद्यार्थी को सुख कहाँ से ? सुख की ईच्छा रखनेवाले ने विद्या की आशा छोडनी चाहिए, और विद्यार्थी ने सुख की । |
| | | |
| विप्र – श्रीमद्भगवद्गीता एवं गुह्यसूत्रों का अध्ययन करना| कुर्रान, हदीस, ओल्ड टेस्टामेंट, न्यू टेस्टामेंट (बायबल) का अध्ययन करना| भारतीयता, इस्लाम और इसाईयत को समझना| लोगों को समझाना| इनकी श्रीमद्भगवद्गीता से भिन्नता ही इनकी विशेषता है, इसे समझना| इनकी विशेषता का योजनाबद्ध प्रचार प्रसार करना| नियुद्ध, दंड संचालन, बन्दूकबाजी आदि में प्रवीणता प्राप्त करना| | | विप्र – श्रीमद्भगवद्गीता एवं गुह्यसूत्रों का अध्ययन करना| कुर्रान, हदीस, ओल्ड टेस्टामेंट, न्यू टेस्टामेंट (बायबल) का अध्ययन करना| भारतीयता, इस्लाम और इसाईयत को समझना| लोगों को समझाना| इनकी श्रीमद्भगवद्गीता से भिन्नता ही इनकी विशेषता है, इसे समझना| इनकी विशेषता का योजनाबद्ध प्रचार प्रसार करना| नियुद्ध, दंड संचालन, बन्दूकबाजी आदि में प्रवीणता प्राप्त करना| |
Line 206: |
Line 318: |
| | | | | |
| ==गार्हस्थ्यम् ॥ Householder's phase (Age between 26 to 60)== | | ==गार्हस्थ्यम् ॥ Householder's phase (Age between 26 to 60)== |
− | |वर्ण/<s>जाती</s><nowiki> के अनुसार वर वधु चयन (विवाह संस्कार) [Keep जाति but focus on सवर्ण] | सारे विषय समझाना | ०) विवाह संस्कार १) व्यक्तिगत साधना का महत्व (अध्यात्म विद्या विद्यानां ) २) अपनी मातृभाषा का प्रयोग ३) सामूहिक साधना का महत्व - कीर्तन, कथा चर्चा (अध्यात्म विद्या विद्यानां ) ४ ) परिवार में संबंध ५) </nowiki><s>यथाशक्ति</s><nowiki> प्रचार ६) परम्पराओं को समझना [पुराणी पीढ़ीओं के साथ सम्बन्ध] | गृहस्थ -> गर्भपुर्व | साधन वर्णानुसार -> वर्ण धर्म पर चिन्तन विचारपूर्वक : त्रिकाल संध्या |</nowiki> | + | |<nowiki>वर्ण के अनुसार वर वधु चयन (विवाह संस्कार) [Keep जाति but focus on सवर्ण] | सारे विषय समझाना | </nowiki> |
− | | + | # विवाह संस्कार |
| + | # व्यक्तिगत साधना का महत्व (अध्यात्म विद्या विद्यानां ) |
| + | # अपनी मातृभाषा का प्रयोग |
| + | # सामूहिक साधना का महत्व - कीर्तन, कथा चर्चा (अध्यात्म विद्या विद्यानां ) |
| + | # परिवार में संबंध |
| + | # प्रचार |
| + | # परम्पराओं को समझना [पुराणी पीढ़ीओं के साथ सम्बन्ध] | गृहस्थ -> गर्भपुर्व | साधन वर्णानुसार -> वर्ण धर्म पर चिन्तन विचारपूर्वक : त्रिकाल संध्या | |
| उपनयन संस्कार (बाल्य for ब्राह्मन् , किशोर for क्षत्रिय , युव for वैश्य) से ही त्रिकाल संध्या | | | उपनयन संस्कार (बाल्य for ब्राह्मन् , किशोर for क्षत्रिय , युव for वैश्य) से ही त्रिकाल संध्या | |
| | | |