व्यक्ति अपने आप स्वयंपूर्ण या स्वावलंबी नहीं बन सकता । उसे अन्यों की मदद लेनी ही पड़ती है । अभारतीय समाजों की मान्यता के अनुसार व्यक्ति अपने स्वार्थ को प्राप्त करने के लिए साथ में आकर एक करार करते हैं । इसे ‘सोशल कोंट्राक्ट थियरी’ कहते हैं । इसलिए प्रत्येक सामाजिक परस्पर संबंधों का आधार कोंट्राक्ट होता है । राजा प्रजा का सम्बन्ध किंग्ज चार्टर होता है । यहांतक पुरुष और स्त्री का विवाह भी एक करार होता है। | व्यक्ति अपने आप स्वयंपूर्ण या स्वावलंबी नहीं बन सकता । उसे अन्यों की मदद लेनी ही पड़ती है । अभारतीय समाजों की मान्यता के अनुसार व्यक्ति अपने स्वार्थ को प्राप्त करने के लिए साथ में आकर एक करार करते हैं । इसे ‘सोशल कोंट्राक्ट थियरी’ कहते हैं । इसलिए प्रत्येक सामाजिक परस्पर संबंधों का आधार कोंट्राक्ट होता है । राजा प्रजा का सम्बन्ध किंग्ज चार्टर होता है । यहांतक पुरुष और स्त्री का विवाह भी एक करार होता है। |