जीते तो सभी हैं। लेकिन हर समाज का जीने का तरीका होता है। उस समाज की समझ के अनुसार यह तरीका अन्य समाजों से श्रेष्ठ जीने का तरीका होता है। इस जीवन जीने के तरीके को जीवनशैली कहते हैं। जीवनशैली का आधार उस समाज की जीवन जीने के संबंध में कुछ मान्यताएं होती हैं। इन मान्यताओं को उस समाज की जीवनदृष्टि कहते हैं। यह मान्यताएं या जीवनदृष्टि और जीवनशैली उस समाज की विश्वदृष्टि पर आधारित होते हैं। विश्वदृष्टि का अर्थ है उस समाज की विश्व या चर-अचर सृष्टि के निर्माण से संबंधित मान्यताएं। इन्हीं को उस समाज का तत्वज्ञान भी कहते हैं। यह मान्यताएं या विश्व दृष्टि ही व्यक्ति के अन्य मानवों से संबंध और व्यक्ति के और अन्यों के चर-अचर सृष्टि के साथ संबंध तय करती है। | जीते तो सभी हैं। लेकिन हर समाज का जीने का तरीका होता है। उस समाज की समझ के अनुसार यह तरीका अन्य समाजों से श्रेष्ठ जीने का तरीका होता है। इस जीवन जीने के तरीके को जीवनशैली कहते हैं। जीवनशैली का आधार उस समाज की जीवन जीने के संबंध में कुछ मान्यताएं होती हैं। इन मान्यताओं को उस समाज की जीवनदृष्टि कहते हैं। यह मान्यताएं या जीवनदृष्टि और जीवनशैली उस समाज की विश्वदृष्टि पर आधारित होते हैं। विश्वदृष्टि का अर्थ है उस समाज की विश्व या चर-अचर सृष्टि के निर्माण से संबंधित मान्यताएं। इन्हीं को उस समाज का तत्वज्ञान भी कहते हैं। यह मान्यताएं या विश्व दृष्टि ही व्यक्ति के अन्य मानवों से संबंध और व्यक्ति के और अन्यों के चर-अचर सृष्टि के साथ संबंध तय करती है। |