कोई भी मरना नहीं चाहता। अमर होने की इच्छा सब को होती है। लेकिन यह पूर्ण सत्य नहीं है। इसके साथ ही उसका बीमार नहीं होना, बूढा नहीं होना, गरीब नहीं होना, सदा सुखी होना आदि शर्तें भी यदि जुडी नहीं हैं तो ऐसे अमर मानव का जीवन नरक से भी भयावह बन जाएगा। और वह शीघ्रातिशीघ्र मरने की इच्छा करने लग जाएगा। इसी तथ्य का ज्ञान तथागत गौतम बुद्ध के जीवन को मोड़ देकर उन्हें संसार से विमुख करनेवाला कारक विचार था। | कोई भी मरना नहीं चाहता। अमर होने की इच्छा सब को होती है। लेकिन यह पूर्ण सत्य नहीं है। इसके साथ ही उसका बीमार नहीं होना, बूढा नहीं होना, गरीब नहीं होना, सदा सुखी होना आदि शर्तें भी यदि जुडी नहीं हैं तो ऐसे अमर मानव का जीवन नरक से भी भयावह बन जाएगा। और वह शीघ्रातिशीघ्र मरने की इच्छा करने लग जाएगा। इसी तथ्य का ज्ञान तथागत गौतम बुद्ध के जीवन को मोड़ देकर उन्हें संसार से विमुख करनेवाला कारक विचार था। |