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# इसलिए पुस्तक एवं लेखनसामग्री की अपेक्षा यहाँ गणन क्रिया का अधिक महत्व है। प्रथम समझें, फिर गणना करें और इसके पश्चात् पढ़ें या लिखें, यह क्रम होना चाहिए।
 
# इसलिए पुस्तक एवं लेखनसामग्री की अपेक्षा यहाँ गणन क्रिया का अधिक महत्व है। प्रथम समझें, फिर गणना करें और इसके पश्चात् पढ़ें या लिखें, यह क्रम होना चाहिए।
 
# गणित क्रिया एवं समझ पर आधारित विषय है। इसी प्रकार उसका सीधा संबंध व्यवहार के साथ है। जिस प्रकार शब्द के अर्थ जीवन में होते हैं उसी प्रकार गणित भी जीवन से जुड़ा है। (जीवन अर्थात् व्यक्ति का जीवन नहीं अपितु समष्टि का जीवन।) जिस प्रकार शब्दों का अर्थ प्रथम मूर्त वस्तुओं की सहायता से जाना जा सकता है, उसी प्रकार गणना भी मूर्त वस्तुओं की सहायता से ही हो सकती है। ज्यों ज्यों समझ का विकास होता जाता है त्यों त्यों मानसिक गणना आती जाती है।  
 
# गणित क्रिया एवं समझ पर आधारित विषय है। इसी प्रकार उसका सीधा संबंध व्यवहार के साथ है। जिस प्रकार शब्द के अर्थ जीवन में होते हैं उसी प्रकार गणित भी जीवन से जुड़ा है। (जीवन अर्थात् व्यक्ति का जीवन नहीं अपितु समष्टि का जीवन।) जिस प्रकार शब्दों का अर्थ प्रथम मूर्त वस्तुओं की सहायता से जाना जा सकता है, उसी प्रकार गणना भी मूर्त वस्तुओं की सहायता से ही हो सकती है। ज्यों ज्यों समझ का विकास होता जाता है त्यों त्यों मानसिक गणना आती जाती है।  
# गणित पूर्व में बताए गए अनुसार प्रारंभ में भले ही मूर्त वस्तुओं की मदद से गणना सीखने का विषय हो तो भी अंत में तो मानसिक गिनती में निपुण होने का ही विषय है। किसी भी प्रकार के आलंबन के बिना व्यक्ति आसानी से जटिल समस्याओं का हल प्राप्त कर सके, जटिल समस्याओं के हल के लिए प्रयोजित संख्याकीय प्रक्रियाओं के साधनों का उपयोग कर सके, यही बुद्धिविकास है। इसके लिए मूर्त वस्तुओं की गणना अति प्रारंभिक सोपान है।  
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# गणित पूर्व में बताए गए अनुसार प्रारंभ में भले ही मूर्त वस्तुओं की सहायता से गणना सीखने का विषय हो तो भी अंत में तो मानसिक गिनती में निपुण होने का ही विषय है। किसी भी प्रकार के आलंबन के बिना व्यक्ति आसानी से जटिल समस्याओं का हल प्राप्त कर सके, जटिल समस्याओं के हल के लिए प्रयोजित संख्याकीय प्रक्रियाओं के साधनों का उपयोग कर सके, यही बुद्धिविकास है। इसके लिए मूर्त वस्तुओं की गणना अति प्रारंभिक सोपान है।  
 
# संकल्पनाएँ (अवधारणाएँ) समझना यह बुद्धि का क्षेत्र है। गणित अवधारणाओं का विषय है। इसलिए संकल्पनाओं की समझ को गणित में प्राधान्य देना चाहिए; जानकारियों को नहीं। अवधारणाएँ समझने की क्षमता से ही तत्त्वज्ञान भी समझ में आता है। इन सारी बातों को ध्यान में रखकर ही गणित पढ़ना चाहिए।
 
# संकल्पनाएँ (अवधारणाएँ) समझना यह बुद्धि का क्षेत्र है। गणित अवधारणाओं का विषय है। इसलिए संकल्पनाओं की समझ को गणित में प्राधान्य देना चाहिए; जानकारियों को नहीं। अवधारणाएँ समझने की क्षमता से ही तत्त्वज्ञान भी समझ में आता है। इन सारी बातों को ध्यान में रखकर ही गणित पढ़ना चाहिए।
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=== संकल्पना समझना ===
 
=== संकल्पना समझना ===
# यह सबसे अहम् मुद्दा है। इसलिए इसे सबसे ज्यादा समय देना चाहिए। संख्या की गणना के समान ही यह भी मूर्त वस्तुओं की मदद से ही समझना चाहिए। द्वन्द्व के परिचय के लिए एक से अधिक वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए। प्रत्यक्ष वस्तुओं का पर्याप्त उपयोग करने के बाद चित्रों का उपयोग करना चाहिए। इन सभी संकल्पनाओं को समझना जैसे व्यवहार जगत के लिए उपयोगी है, उसी तरह बुद्धि के शिक्षण के लिए भी उपयोगी है।
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# यह सबसे अहम् मुद्दा है। इसलिए इसे सबसे ज्यादा समय देना चाहिए। संख्या की गणना के समान ही यह भी मूर्त वस्तुओं की सहायता से ही समझना चाहिए। द्वन्द्व के परिचय के लिए एक से अधिक वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए। प्रत्यक्ष वस्तुओं का पर्याप्त उपयोग करने के बाद चित्रों का उपयोग करना चाहिए। इन सभी संकल्पनाओं को समझना जैसे व्यवहार जगत के लिए उपयोगी है, उसी तरह बुद्धि के शिक्षण के लिए भी उपयोगी है।
 
# १ की संकल्पना समझना सबसे अहम है। किसी भी तर्क या वस्तु से संख्या को समझाया नहीं जा सकता है। एक वस्तु दिखाकर यह १ है ऐसा बार बार कहने से छात्रों को कभी अपने आप ही १ क्या है यह समझ में आ जाता है। जब तक १ की संकल्पना स्पष्ट न हो, तब तक आगे नहीं बढ़ना चाहिए। १ की संख्या (अंक) समझने के लिए छात्रों को १ वस्तु दिखाकर बार बार पूछना चाहिए:
 
# १ की संकल्पना समझना सबसे अहम है। किसी भी तर्क या वस्तु से संख्या को समझाया नहीं जा सकता है। एक वस्तु दिखाकर यह १ है ऐसा बार बार कहने से छात्रों को कभी अपने आप ही १ क्या है यह समझ में आ जाता है। जब तक १ की संकल्पना स्पष्ट न हो, तब तक आगे नहीं बढ़ना चाहिए। १ की संख्या (अंक) समझने के लिए छात्रों को १ वस्तु दिखाकर बार बार पूछना चाहिए:
 
#* यह क्या है ? अंगुली, कितनी अंगुलियाँ है ? एक
 
#* यह क्या है ? अंगुली, कितनी अंगुलियाँ है ? एक

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