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== प्रस्तावना ==
 
== प्रस्तावना ==
 
भारत में समाज चिंतन की प्रदीर्घ परम्परा है। चिरंतन या शाश्वत तत्वों के आधार पर युगानुकूल और देशानुकूल जीवन का विचार यह हर काल में हम करते आए हैं। लगभग १४००-१५०० वर्ष की हमारे समाज के अस्तित्व की लड़ाई के कारण यह चिंतन खंडित हो गया था। वर्तमान के सन्दर्भ में पुन: ऐसे समाज चिंतन की आवश्यकता निर्माण हुई हैं:  
 
भारत में समाज चिंतन की प्रदीर्घ परम्परा है। चिरंतन या शाश्वत तत्वों के आधार पर युगानुकूल और देशानुकूल जीवन का विचार यह हर काल में हम करते आए हैं। लगभग १४००-१५०० वर्ष की हमारे समाज के अस्तित्व की लड़ाई के कारण यह चिंतन खंडित हो गया था। वर्तमान के सन्दर्भ में पुन: ऐसे समाज चिंतन की आवश्यकता निर्माण हुई हैं:  
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