Difference between revisions of "Siddhanta Skandha (सिद्धान्त स्कन्ध)"

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*आचार्य ब्रह्मगुप्तका ब्रह्मस्फुटसिद्धान्त भी अत्यन्त प्रसिद्ध है।
 
*आचार्य ब्रह्मगुप्तका ब्रह्मस्फुटसिद्धान्त भी अत्यन्त प्रसिद्ध है।
 
प्रायः आर्यभट्ट एवं ब्रह्मगुप्तके सिद्धान्तोंको आधार बनाकर सिद्धान्त ज्योतिषके क्षेत्रमें पर्याप्त ग्रन्थ रचना हुई। पाटी(अंक) गणितमें लीलावती(भास्कराचार्य) एवं बीजगणितमें चापीयत्रिकोणगणितम् (नीलाम्बरदैवज्ञ) प्रमुख हैं।
 
प्रायः आर्यभट्ट एवं ब्रह्मगुप्तके सिद्धान्तोंको आधार बनाकर सिद्धान्त ज्योतिषके क्षेत्रमें पर्याप्त ग्रन्थ रचना हुई। पाटी(अंक) गणितमें लीलावती(भास्कराचार्य) एवं बीजगणितमें चापीयत्रिकोणगणितम् (नीलाम्बरदैवज्ञ) प्रमुख हैं।
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== सिद्धान्त स्कन्ध के प्रमुख ग्रन्थ ==
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वराहमिहिर- पञ्चसिद्धान्तिका
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आर्यभट्ट- आर्यभट्टीयम्
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ब्रह्मगुप्त- ब्राह्मस्फुटसिद्धान्त एवं खण्डखाद्यक
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श्रीपति- सिद्धान्तशेखर
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मुनीश्वर- सिद्धान्तसार्वभौम
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== उद्धरण ==

Revision as of 14:26, 2 May 2023

यह स्कन्ध गणित नाम से भी जाना जाता है। इसके अन्तर्गत त्रुटि(कालकी लघुत्तम इकाई) से लेकर कल्पकाल तक की कालगणना, पर्व आनयन, अब्द विचार, ग्रहगतिनिरूपण, मासगणना, ग्रहों का उदयास्त, वक्रमार्ग, सूर्य वा चन्द्रमा के ग्रहण प्रारंभ एवं अस्त ग्रहण की दिशा, ग्रहयुति, ग्रहों की कक्ष स्थिति, उसका परिमाण, देश भेद, देशान्तर, पृथ्वी का भ्रमण, पृथ्वी की दैनिक गति, वार्षिक गति, ध्रुव प्रदेश आदि, अक्षांश, लम्बांश, गुरुत्वाकर्षण, नक्षत्र, संस्थान, अन्यग्रहों की स्थिति, भगण, चरखण्ड, द्युज्या, चापांश, लग्न, पृथ्वी की छाया, पलभा, नाडी, आदि विषय सिद्धान्त स्कन्ध के अन्तर्गत आते हैं।

सिद्धान्तके क्षेत्रमें पितामह, वसिष्ठ, रोमक, पौलिश तथा सूर्य-इनके नामसे गणितकी पॉंचसिद्धान्त पद्धतियाँ प्रमुख हैं, जिनका विवेचन आचार्यवराहमिहिरने अपने पंचसिद्धान्तिका नामक ग्रन्थमें किया है।

  • आर्यभट्टका आर्यभट्टीयम् महत्त्वपूर्ण गणितसिद्धान्त है। इन्होंने पृथ्वीको स्थिर न मानकर चल बताया। आर्यभट्ट प्रथमगणितज्ञ हुये और आर्यभट्टीयम् प्रथम पौरुष ग्रन्थ है।
  • आचार्य ब्रह्मगुप्तका ब्रह्मस्फुटसिद्धान्त भी अत्यन्त प्रसिद्ध है।

प्रायः आर्यभट्ट एवं ब्रह्मगुप्तके सिद्धान्तोंको आधार बनाकर सिद्धान्त ज्योतिषके क्षेत्रमें पर्याप्त ग्रन्थ रचना हुई। पाटी(अंक) गणितमें लीलावती(भास्कराचार्य) एवं बीजगणितमें चापीयत्रिकोणगणितम् (नीलाम्बरदैवज्ञ) प्रमुख हैं।

परिचय

परिभाषा

सिद्धान्त स्कन्ध के प्रमुख ग्रन्थ

वराहमिहिर- पञ्चसिद्धान्तिका

आर्यभट्ट- आर्यभट्टीयम्

ब्रह्मगुप्त- ब्राह्मस्फुटसिद्धान्त एवं खण्डखाद्यक

लल्ल- शिष्यधीवृद्धिदम्

श्रीपति- सिद्धान्तशेखर

भास्कराचार्य-सिद्धान्तशिरोमणि

मुनीश्वर- सिद्धान्तसार्वभौम

कमलाकर-

उद्धरण