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गर्भधारण की पुष्टि के बाद पुंसवन संस्कार किया जाता है। इस संस्कार का उद्देश्य गर्भवती मां को एक रूपवान और तेजवान संतान पैदा करने की आंतरिक प्रेरणा प्रदान हो यह करना है। गर्भावस्था के बाद मां की भूमिका अहम है। पति और अन्य परिवार एक सामाजिक भूमिका निभाते हैं , परंतु वास्तव में भ्रूण की रक्षा और पोषण माँ को हि करना होता है। अपने अपने तरीके से पारिवारिक भूमिकाएँ महत्वपूर्ण हैं। सभी एक साथ मिलकर माँ का शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना है।</blockquote>
 
गर्भधारण की पुष्टि के बाद पुंसवन संस्कार किया जाता है। इस संस्कार का उद्देश्य गर्भवती मां को एक रूपवान और तेजवान संतान पैदा करने की आंतरिक प्रेरणा प्रदान हो यह करना है। गर्भावस्था के बाद मां की भूमिका अहम है। पति और अन्य परिवार एक सामाजिक भूमिका निभाते हैं , परंतु वास्तव में भ्रूण की रक्षा और पोषण माँ को हि करना होता है। अपने अपने तरीके से पारिवारिक भूमिकाएँ महत्वपूर्ण हैं। सभी एक साथ मिलकर माँ का शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना है।</blockquote>
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[[File:26. Pumsavana Article.jpg|thumb|532x532px|'''<big>Punsavana Sanskar</big>''']]
    
=== प्राचीन रूप ===
 
=== प्राचीन रूप ===
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[[Category:Hindi Articles]]
 
[[Category:Hindi Articles]]
 
[[Category:Samskaras]]
 
[[Category:Samskaras]]
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[[Category:हिंदी भाषा के लेख]]

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