Maharshi Valmiki (महर्षि वाल्मीकि)

From Dharmawiki
Revision as of 14:06, 16 March 2020 by Ckanak93 (talk | contribs) (Creating Hindi article pages based on children's stories)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
StubArticle.png
This is a short stub article. Needs Expansion.
NeedCitation.png
This article needs appropriate citations and references.

Improvise this article by introducing references to reliable sources.

महर्षि वाल्मीकि, रामायण के रचयिता कवि हैं, जिन्होंने संस्कृत में रामचरित का वर्णन किया। इनका महाकाव्य रामायण बाद में अनेकानेक कवियों-लेखकों के लिए उपजीव्य बना। कहा जाता है कि पहले ये लूटपाट का काम करते थे। नारद जी ने इन्हें राम का नाम स्मरण करने की प्रेरणा दी। एक बार एक व्याध ने क्रौंच युगल में से नर क्रौंच को बाण से मार गिराया। इस पर उसकी भार्या ने करुण क्रन्दन प्रारम्भ कर दिया। यह दृश्य देखकर वाल्मीकि के हृदय की करुणा काव्यधारा के रूप में फूट निकली। उनकी वाणी व्याध के प्रति शाप के रूप में प्रकट हुई, किन्तु विशेष बात यह रही कि वह अभिव्यक्ति छन्दोबद्ध थी। वही वाणी आद्य कविता कहलायी। जिस छन्द में शाप फूटा था, उसी अनुष्टुप छन्द में बाद में वाल्मीकि ने नारद जी के बताये श्री राम के अत्युज्ज्वल जीवन-चरित्र का वर्णन किया।