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गर्भाधान एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो स्वाभाविक रूप से होती है । वो इंसान, ऐसा ही जानवरों और पक्षियों के साथ सामान रूप से होता है । इस प्राकृतिक प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने वाली विधि को ' गर्भाधान संस्कार ' कहा जाता है । है। यह भारतीय शास्त्रों में वर्णित पहला संस्कार है। इनमें से कुछ क्रियाएं आज अप्रासंगिक लग सकती हैं या सामाजिक परिवर्तन के बीच व्यावहारिक नहीं लग सकती हैं , लेकिन कुछ क्रियाएं आज भी प्रासंगिक/प्रयोगात्मक हैं और उनकी सफलता विवाद से परे है।<ref name=":0">रा.मा.पुजारी (२०१५),विज्ञाननिष्ठ हिन्दू १६ संस्कार ,नागपुर : नचिकेतन प्रकाशन </ref>
 
गर्भाधान एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो स्वाभाविक रूप से होती है । वो इंसान, ऐसा ही जानवरों और पक्षियों के साथ सामान रूप से होता है । इस प्राकृतिक प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने वाली विधि को ' गर्भाधान संस्कार ' कहा जाता है । है। यह भारतीय शास्त्रों में वर्णित पहला संस्कार है। इनमें से कुछ क्रियाएं आज अप्रासंगिक लग सकती हैं या सामाजिक परिवर्तन के बीच व्यावहारिक नहीं लग सकती हैं , लेकिन कुछ क्रियाएं आज भी प्रासंगिक/प्रयोगात्मक हैं और उनकी सफलता विवाद से परे है।<ref name=":0">रा.मा.पुजारी (२०१५),विज्ञाननिष्ठ हिन्दू १६ संस्कार ,नागपुर : नचिकेतन प्रकाशन </ref>
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[[File:23. Garbadhana Article.jpg|thumb|532x532px|'''<big>Garbhadhana Samskara - Putriya Vidhi</big>''']]
    
=== '''प्राचीन प्रारूप''' ===
 
=== '''प्राचीन प्रारूप''' ===

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