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एक बार सनत् कुमार जी शिवजी से श्रावण मास का माहात्म्य पूछने लगे, तब शिवजी बोले-“हे सनत् कुमार! हमें सब मासों में श्रेष्ठ श्रावण मास अत्यन्त प्रिय है। इस मास में एक समय भोजन करना चाहिए। जिस कामना से जो इस मास का व्रत करता है, उसकी कामना अवश्य पूरी हो जाती है। इस मास में रविवार को सूर्य का व्रत, सोमवार को मेरी पूजा और एक समय भोजन, मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत, बुधवार के दिन बुध का, बृहस्पति के दिन बृहस्पति का, शुक्रवार के दिन 'जीवन्तिका देवी' तथा हनुमान और नरसिंह देव का व्रत शनिवार का होता है। तिथियों के व्रत इस प्रकार हैं-शुक्ल पक्ष की दूज को आडम्बर व्रत होता है, तीज को गौरी का व्रत होता है, चतुर्थी को दुर्गा गणपति का-इसी व्रत का दूसरा नाम विनायकी चतुर्थी भी है। पंचमी को नागपंचमी का अथवा यह तिथि मनु के
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