Education on Samskrti

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सारांश ।

लोकसंग्रह का संबंध संस्कृति से है | सभ्य व्यक्ति civilized व्यक्ति हो सक्ता है या गवार व्यक्ति हो सक्ता है | याने किसी समाज के साहित्य, संगीत, कला, रीति रिवाज की अभिव्यक्ति ठीक से जिस में होती है वह संस्कृति है । अंग्रेजी में सिव्हिलायझेशन शब्द (नगर के विषय में ) है | किन्तु सभा में अच्छी तरह से व्यवहार (शिष्ट व्यवहार) करना (नागरि/ग्रामीण) ही सभ्यता है |

संस्कृति और अन्य शब्द ।

  1. संस्कृति - सम् (अच्छी या सबके लिए समान) और कृति (सर्वे भवन्तु सुखिन: से सुसंगत कृति) इन दो शब्दों से संस्कृति और संस्कार दोनों शब्द बने हैं ।
  2. प्रकृति - जो स्वाभाविक (कर्मों के अच्छे फल की इच्छा) है |
  3. संस्कृति - नि:स्वार्थ भावना से लोगों के हित के कर्म |
  4. विकृति - दूसरे के किये कर्मों का अच्छा फल उसे नहीं मुझे मिले ।
  5. संस्कार (संस्कृति का निकटतम शब्द) - भिन्न बातों का हमारे शरीर पर, मन पर, बुद्धि पर परिवर्तन करनेवाला जो प्रभाव पड़ता है | संस्कृति अच्छे/बुरे संस्कारों से बनती है | पितरों से स्वाभाविक | समाज की संस्कृति | १६ संस्कार कृत्रिम  

अच्छा या बुरा काम (इच्छा) से सम्बंधित है । वह स्थल-काल में अंतर से बदलता है | जीवन के लक्ष्य की ओर ले जानेवाला अच्छा (eg: मूर्ति पूजा) और लक्ष्य से अन्यत्र ले जानेवाला बुरा है ।

अच्छे काम की ओर ले जाने वाले संस्कार करने की जिम्मेदारी समाज के अन्य घटकों की और वह संस्कार ग्रहण करने की जिम्मेदारी स्वयं व्यक्ति का है |

संस्कृति का सार्वत्रिकरण ।

संस्कृति व्यक्ति की नहीं समाज एवं राष्ट्र की आत्मा - जीवित होने का आधार है |

उदाहरण: “पारसी” राष्ट्र नहीं रहा | दो हजार वर्ष पहले इन यहूदियों को ईसाईयों ने पेलेस्टाईन से खदेड़कर बाहर किया | पेलेस्टाईन की भूमि फिर से प्राप्त होने पर पूरी शक्ति के साथ यहूदी संस्कृति का पुनरुत्थान हुआ ।

सुख शान्ति से चलाने के लिए संस्कृति का सार्वत्रिक होना आवश्यक है ।

साध्य ।

मर्म बिन्दु ।

शिक्षण व्यवस्था ।

रक्षण व्यवस्था ।

पोषण व्यवस्था ।

अपनी भूमिका ।

Education on Sanatana Dharma is a page on the prospective educational steps that may be undertaken by an individual to initiate oneself, or the future generations into the concept of Sanatana Dharma. The table here, explains the Varna specific responsibilities of individuals in different stages of life, as well as an enumeration on personal role in the process of following these steps.

परिचयः ॥ Introduction

साध्यम् ॥ The Aim

Brahmana Dharma:

Kshatriya Dharma:

Vaishya Dharma:

Age group Responsibilities as per Varna

गर्भपूर्वावस्था ॥ Before Conception

ब्राह्मणवर्णः ॥ Brahmana Varna

क्षत्रियवर्णः ॥ Kshatriya Varna

वैश्यवर्णः ॥ Vaishya Varna

गर्भावस्था ॥ During Pregnancy

ब्राह्मणवर्णः ॥ Brahmana Varna

क्षत्रियवर्णः ॥ Kshatriya Varna

वैश्यवर्णः ॥ Vaishya Varna

शैशवम् ॥ Childhood (Until the age of 5years)

ब्राह्मणवर्णः ॥ Brahmana Varna

क्षत्रियवर्णः ॥ Kshatriya Varna

वैश्यवर्णः ॥ Vaishya Varna

बाल्यम् ॥ Childhood (From the age between 6 to 10 years)

ब्राह्मणवर्णः ॥ Brahmana Varna

क्षत्रियवर्णः ॥ Kshatriya Varna

वैश्यवर्णः ॥ Vaishya Varna

कौमारम् ॥ Adolescence (Age between 11 and 15 years)

ब्राह्मणवर्णः ॥ Brahmana Varna

क्षत्रियवर्णः ॥ Kshatriya Varna

वैश्यवर्णः ॥ Vaishya Varna

यौवनम् ॥ Youth (Age between 16 and 25 years)

ब्राह्मणवर्णः ॥ Brahmana Varna

क्षत्रियवर्णः ॥ Kshatriya Varna

वैश्यवर्णः ॥ Vaishya Varna

गार्हस्थ्यम् ॥ Householder's phase (Age between 26 to 60)

ब्राह्मणवर्णः ॥ Brahmana Varna

क्षत्रियवर्णः ॥ Kshatriya Varna

वैश्यवर्णः ॥ Vaishya Varna

प्रौढं वार्धक्यं च ॥ Old age