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→‎कुटुम्ब धर्म: लेख सम्पादित किया
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# अतिथि सत्कार के लिए सदैव तत्पर रहना।  
 
# अतिथि सत्कार के लिए सदैव तत्पर रहना।  
 
# सभी को सुख मिलने के लिए चार बातें आवश्यक होतीं हैं। सुसाध्य आजीविका, स्वतंत्रता, शान्ति और पौरुष। इन का विश्लेषण हम [[Bharat's Science and Technology (भारतीय विज्ञान तन्त्रज्ञान दृष्टि)|इस]] अध्याय में देखेंगे। यहाँ इतना ही समझ लें कि सुख के सार्वत्रिक होने के लिए समाज के हर व्यक्ति के लिए समाज के हित में कुछ समय देना आवश्यक होता है। सामान्यत: अपनी आजीविका से भिन्न ऐसा कोई काम हर व्यक्ति करे जिससे समाज के अन्य घटकों का लाभ हो। ऐसा करने की आदतें और प्रारम्भ का स्थान कुटुम्ब है।  
 
# सभी को सुख मिलने के लिए चार बातें आवश्यक होतीं हैं। सुसाध्य आजीविका, स्वतंत्रता, शान्ति और पौरुष। इन का विश्लेषण हम [[Bharat's Science and Technology (भारतीय विज्ञान तन्त्रज्ञान दृष्टि)|इस]] अध्याय में देखेंगे। यहाँ इतना ही समझ लें कि सुख के सार्वत्रिक होने के लिए समाज के हर व्यक्ति के लिए समाज के हित में कुछ समय देना आवश्यक होता है। सामान्यत: अपनी आजीविका से भिन्न ऐसा कोई काम हर व्यक्ति करे जिससे समाज के अन्य घटकों का लाभ हो। ऐसा करने की आदतें और प्रारम्भ का स्थान कुटुम्ब है।  
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# [[Family Structure (कुटुंब व्यवस्था)|इस लेख]] को भी देखें।
    
=== ग्राम धर्म ===
 
=== ग्राम धर्म ===
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# ज्ञानार्जन, कौशालार्जन और पुण्यार्जन के लिए समूचा विश्व ग्राम होता है। अतः अटन केवल ज्ञानार्जन, कौशलार्जन और पुण्यार्जन के लिए ही करना। लेकिन जीवन जीने के लिए ग्राम ही समूचा विश्व होता है।  
 
# ज्ञानार्जन, कौशालार्जन और पुण्यार्जन के लिए समूचा विश्व ग्राम होता है। अतः अटन केवल ज्ञानार्जन, कौशलार्जन और पुण्यार्जन के लिए ही करना। लेकिन जीवन जीने के लिए ग्राम ही समूचा विश्व होता है।  
 
# अन्न निर्माण प्रभूत मात्रा में करना। कठिन परिस्थितियों के लिए धान्य संचय की व्यापक व्यवस्था बनाना।  
 
# अन्न निर्माण प्रभूत मात्रा में करना। कठिन परिस्थितियों के लिए धान्य संचय की व्यापक व्यवस्था बनाना।  
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# [[Grama Kul (ग्रामकुल)|इस लेख]] को भी देखें।
    
=== कौशल विधा (जाति) धर्म ===
 
=== कौशल विधा (जाति) धर्म ===
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# कौशल विधा के किसी भी सदस्य पर अन्याय न हो यह देखना। किसी सदस्य द्वारा दुर्व्यवहार होनेपर उसे साम, दाम, दंड, भेद से ठीक करना। कौशल विधा के सभी सदस्य कौशल बांधव हैं ऐसा उन के साथ व्यवहार रखना।  
 
# कौशल विधा के किसी भी सदस्य पर अन्याय न हो यह देखना। किसी सदस्य द्वारा दुर्व्यवहार होनेपर उसे साम, दाम, दंड, भेद से ठीक करना। कौशल विधा के सभी सदस्य कौशल बांधव हैं ऐसा उन के साथ व्यवहार रखना।  
 
# अन्न निर्माण प्रभूत मात्रा में करना।  
 
# अन्न निर्माण प्रभूत मात्रा में करना।  
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# [[Jaati System (जाति व्यवस्था)|इस लेख]] को भी देखें। 
    
=== राष्ट्र धर्म ===
 
=== राष्ट्र धर्म ===

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