Changes

Jump to navigation Jump to search
m
no edit summary
Line 1: Line 1: −
=== द्वितीयः सर्गः ॥ Sarga Two ===
+
__TOC__
 
कृतातिथ्योऽथ रामस्तु सूर्यस्योदयनं प्रति।
 
कृतातिथ्योऽथ रामस्तु सूर्यस्योदयनं प्रति।
    
आम्नत्ऱ्य स मुनीन्सर्वान्वनमेवान्वगाहत।।3.2.1।।
 
आम्नत्ऱ्य स मुनीन्सर्वान्वनमेवान्वगाहत।।3.2.1।।
   −
==== दण्डकारण्यम् || Dandaka forest ====
+
=== दण्डकारण्यम् || Dandaka forest ===
 
  नानामृगगणाकीर्णमृक्षशार्दूल सेवितम्।
 
  नानामृगगणाकीर्णमृक्षशार्दूल सेवितम्।
   
  ध्वस्तवृक्षलतागुल्मं दुर्दर्शसलिलाशयम्।।3.2.2।।
 
  ध्वस्तवृक्षलतागुल्मं दुर्दर्शसलिलाशयम्।।3.2.2।।
   
  निष्कूजनानाशकुनिझिल्लिकागणनादितम्।
 
  निष्कूजनानाशकुनिझिल्लिकागणनादितम्।
   
  लक्ष्मणानुगतो रामो वनमध्यं ददर्श ह।।3.2.3।।
 
  लक्ष्मणानुगतो रामो वनमध्यं ददर्श ह।।3.2.3।।
 
  ''[[:Category:Dandaka forest|Dandaka forest]] [[:Category:दण्डकारण्यम्|दण्डकारण्यम्]]''
 
  ''[[:Category:Dandaka forest|Dandaka forest]] [[:Category:दण्डकारण्यम्|दण्डकारण्यम्]]''
Line 17: Line 14:  
ददर्श गिरिशृङ्गाभं पुरुषादं महास्वनम्।।3.2.4।।
 
ददर्श गिरिशृङ्गाभं पुरुषादं महास्वनम्।।3.2.4।।
   −
==== विराधवर्णनम् || Description of Viradha ====
+
=== विराधवर्णनम् || Description of Viradha ===
 
  गम्भीराक्षं महावक्त्रं विकटं विषमोदरम्।
 
  गम्भीराक्षं महावक्त्रं विकटं विषमोदरम्।
   
  बीभत्सं विषमं दीर्घं विकृतं घोरदर्शनम्।।3.2.5।।
 
  बीभत्सं विषमं दीर्घं विकृतं घोरदर्शनम्।।3.2.5।।
   
  वसानं चर्म वैयाघ्रं वसार्द्रं रुधिरोक्षितम्।
 
  वसानं चर्म वैयाघ्रं वसार्द्रं रुधिरोक्षितम्।
   
  त्रासनं सर्वभूतानां व्यादितास्यमिवान्तकम्।।3.2.6।।
 
  त्रासनं सर्वभूतानां व्यादितास्यमिवान्तकम्।।3.2.6।।
   
  त्रीन्सिम्हान्श्चतुरो व्याघ्रान्द्वौ वृकौ पृषतान्दश।
 
  त्रीन्सिम्हान्श्चतुरो व्याघ्रान्द्वौ वृकौ पृषतान्दश।
   
  सविषाणं वसादिग्धं गजस्य च शिरो महत्।
 
  सविषाणं वसादिग्धं गजस्य च शिरो महत्।
 
+
  अवसज्यायसे शूले विनदन्तं महास्वनम्।।3.2.7।।
  अवसज्यायसे शूले विनदन्तं महास्वनम्।।3.2.7।।  
  −
 
   
  ''[[:Category:Description of Viradha|Description of Viradha]] [[:Category:विराधवर्णनम्|विराधवर्णनम्]]''
 
  ''[[:Category:Description of Viradha|Description of Viradha]] [[:Category:विराधवर्णनम्|विराधवर्णनम्]]''
 
स रामं लक्ष्मणं चैव सीतां दृष्ट्वा च मैथिलीम्।
 
स रामं लक्ष्मणं चैव सीतां दृष्ट्वा च मैथिलीम्।
Line 109: Line 99:  
[[Category:विराधकथा]]
 
[[Category:विराधकथा]]
 
[[Category:Story of Viradha]]
 
[[Category:Story of Viradha]]
 +
[[Category:दण्डकारण्यम्]]
 +
[[Category:Dandaka forest]]
 
[[Category:Description of Viradha]]
 
[[Category:Description of Viradha]]
 
[[Category:विराधवर्णनम्]]
 
[[Category:विराधवर्णनम्]]

Navigation menu