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एक समय की बात है, एक जंगल में चूहा रहता था। चूहा जंगल में घूमकर जब वो अपनी बिल की तरफ आ रहा था, तो उसने देखा की गुफे में एक शेर आराम कर रहा था। शेर को  आराम से सोते हुए देखकर चूहे को एक शरारत करने की सूझी। चूहा शेर की गुफा के अन्दर गया और शेर के शारीर के ऊपर चढ़ गया। वह शेर के शरीर के ऊपर उछल-कूद करने लगा और उसके बालो को खींचने लगा।चूहे की उधम मस्तियों के कारण शेर की नींद खुल गई और उसने चूहे को अपने नुकीले पंजों में दबोच लिया। चूहे ने जब अपने आप को शेर के पंजो  में  पाया, तो वो समझ गया की शेर गुस्से में हैं और अब उसे शेर के गुस्से से कोई नहीं बचा सकता और आज उसकी मौत पक्की है।
 
एक समय की बात है, एक जंगल में चूहा रहता था। चूहा जंगल में घूमकर जब वो अपनी बिल की तरफ आ रहा था, तो उसने देखा की गुफे में एक शेर आराम कर रहा था। शेर को  आराम से सोते हुए देखकर चूहे को एक शरारत करने की सूझी। चूहा शेर की गुफा के अन्दर गया और शेर के शारीर के ऊपर चढ़ गया। वह शेर के शरीर के ऊपर उछल-कूद करने लगा और उसके बालो को खींचने लगा।चूहे की उधम मस्तियों के कारण शेर की नींद खुल गई और उसने चूहे को अपने नुकीले पंजों में दबोच लिया। चूहे ने जब अपने आप को शेर के पंजो  में  पाया, तो वो समझ गया की शेर गुस्से में हैं और अब उसे शेर के गुस्से से कोई नहीं बचा सकता और आज उसकी मौत पक्की है।
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चूहा बहुत तरह डर गया और रोने लगा | रो रोकर शेर के सामने गिडगिडाने लगा और छमा मांगने लगा की शेर जी, मुझे मत मारो, मुझसे भूल हो गई, मुझे जाने दो। अगर आप मुझे माफ़ कर देंगे, तो मैं आपकी इस दया और अनुकंपा के रूप में भविष्य में जब भी आप कभी मुश्किल में होंगे और आपको किसी तरह मदद की जरूरत होगी, मैं आपकी मदद करूंगा।चूहे की बातें सुनकर शेर जोर जोर से हसने लगा। शेर ने हस्कते हसते कहा कि तुम तो खुद इतने छोटे हो, मेरी मदद क्या करोगे। चूहे की दयनीय प्रार्थना सुनकर शेर को उस पर दया आ गई और उसने चूहे को क्षमा कर छोड़ दिया। शेर के पंजे से छटने पर चूहा बहुत खुश हुआ और चूहे ने शेर को धन्यवाद बोलकर वहां से चला गया।कुछ दिनों बाद शेर भोजन की तलाश में  यहाँ वहां घूम रहा था, तभी अचानक शेर शिकारी के फैलाए जाल में फंस गया। शेर ने अपने आप को जाल से निकालने भरपूर प्रयास किया परन्तु प्रयास में विफल रहा और जाल से निकल नहीं पाया। काफी समय प्रयास करने के बाद शेर ने सहायता के लिए दहाड़ लगानी शुरू की।
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चूहा बहुत तरह डर गया और रोने लगा | रो रोकर शेर के सामने गिडगिडाने लगा और छमा मांगने लगा की शेर जी, मुझे मत मारो, मुझसे भूल हो गई, मुझे जाने दो। अगर आप मुझे माफ़ कर देंगे, तो मैं आपकी इस दया और अनुकंपा के रूप में भविष्य में जब भी आप कभी मुश्किल में होंगे और आपको किसी तरह मदद की जरूरत होगी, मैं आपकी मदद करूंगा।चूहे की बातें सुनकर शेर जोर जोर से हसने लगा। शेर ने हस्कते हसते कहा कि तुम तो खुद इतने छोटे हो, मेरी मदद क्या करोगे। चूहे की दयनीय प्रार्थना सुनकर शेर को उस पर दया आ गई और उसने चूहे को क्षमा कर छोड़ दिया। शेर के पंजे से छुटने  पर चूहा बहुत खुश हुआ और चूहे ने शेर को धन्यवाद बोलकर वहां से चला गया।कुछ दिनों बाद शेर भोजन की तलाश में  यहाँ - वहां घूम रहा था, तभी अचानक शिकारी के द्वारा फैलाये जाल में शेर फंस गया। शेर ने स्वयं को जाल से निकालने भरपूर प्रयास किया परन्तु प्रयास में विफल रहा और जाल से निकल नहीं पाया। काफी समय प्रयास करने के बाद शेर थक कर चूर हो गया और सहायता के लिए दहाड़ लगानी शुरू की।
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उसी समय चूहा उस स्थान से गुजर रहा था कि उसने शेर की दहाड़ने की आवाज सुनी। वो भागकर शेर के पास गया और शेर को जाल में फंसा देख चौंक गया। उसने बिना देर करते हुए अपने नुकीले दांतों से जाल को काटना शुरू किया और कुछ ही देर में उसने पूरे जाल को काटकर शेर को आजाद कर दिया। चूहे की इस मदद से शेर की आंखें भर आईं और नम आंखों से शेर ने चूहे को धन्यवाद किया और दोनों वहां से चले गए। फिर शेर और चूहा अच्छे दोस्त बन गए।
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उसी समय चूहा उस स्थान से गुजर रहा था कि उसने शेर की दहाड़ने की आवाज सुनी। चूहा  दौड़कर शेर के पास गया और शेर को जाल में फंसा देखकरचूहा चौंक गया। उसने बिना देर किये हुए अपने धारदार दांतों से जाल को कुतरना शुरू कर दिया और देखते ही देखते कुछ ही क्षणों में उसने पूरे जाल को काटकर शेर को मुक्कत कर दिया। चूहे की इस सहायता  से शेर की आंखें नाम हो गई और आंसू भरी आंखों से शेर ने चूहे का धन्यवाद किया और कहा आज के बाद मै किसी भी छोटे जानवरों को कमजोर नहीं समझूंगा। फिर शेर और चूहा अच्छे दोस्त बन गए और वहां से चले गए |
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==== '''कहानी से सीख''' ====
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==== '''कहानी से सीख : -''' कि हमें केवल किसी के शारिरिक बनावट के आधार पर किसी इंसान को छोटा या बड़ा नहीं समझना चाहिए। साथ ही हमें दूसरों की मदद के लिए हमेसा तैयार रहना चाहिए, क्योंकि जब हम दूसरों की मदद करेंगे, तभी कोई हमारी मदद के लिए आगे आएगा। ====
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें सिर्फ शरीर के आधार पर किसी इंसान को छोटा या बड़ा नहीं समझना चाहिए। साथ ही हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए, क्योंकि जब हम दूसरों की मदद करेंगे, तभी कोई हमारी मदद के लिए आगे आएगा।
 
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