Difference between revisions of "शारीरिक शिक्षा के आयाम - कसरत"

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कसरत शब्द का उच्चारण होते ही हमारे मन में तुरंत आज के परिवेश में होने वाली पाश्चात्य कसरत ( एक्सरसाइज ) दिमाग में आ जाता है | परन्तु वह हमारे लिए नहीं है हमारे संस्कृति , सभ्यता एवं वातावरण के अनुसार बहुत ही नुकसान देय है | भारत का वातावरण एवं मैसम सामान्य है इसलिए यहाँ पर सामान्य कसरत , अखाड़े , दंगल , योग साधना , और शारीर को सामान्य रखने के लिए मौसम अनुसार जदिबुतियों का पूर्व काल में प्रचालन रहा | विदेशी आक्रमण एवं शासन के कारण बाहरी सभ्यता एवं जीवन शैली को अपनाकर हमने अपनी जीवन शैली को ख़राब कर दिया है | जिसके परिणाम आज दिखने लगे है | बच्चो में पौष्टिकता का आभाव , उम्र से पहले बुढ़ापा , सुस्त जीवन शैली , आलस्य , रोग प्रतिकारक छमता की कमी इत्यादी .. यह सभी हमने स्वयं  पालकर रखा है |   
 
कसरत शब्द का उच्चारण होते ही हमारे मन में तुरंत आज के परिवेश में होने वाली पाश्चात्य कसरत ( एक्सरसाइज ) दिमाग में आ जाता है | परन्तु वह हमारे लिए नहीं है हमारे संस्कृति , सभ्यता एवं वातावरण के अनुसार बहुत ही नुकसान देय है | भारत का वातावरण एवं मैसम सामान्य है इसलिए यहाँ पर सामान्य कसरत , अखाड़े , दंगल , योग साधना , और शारीर को सामान्य रखने के लिए मौसम अनुसार जदिबुतियों का पूर्व काल में प्रचालन रहा | विदेशी आक्रमण एवं शासन के कारण बाहरी सभ्यता एवं जीवन शैली को अपनाकर हमने अपनी जीवन शैली को ख़राब कर दिया है | जिसके परिणाम आज दिखने लगे है | बच्चो में पौष्टिकता का आभाव , उम्र से पहले बुढ़ापा , सुस्त जीवन शैली , आलस्य , रोग प्रतिकारक छमता की कमी इत्यादी .. यह सभी हमने स्वयं  पालकर रखा है |   
  
निवारण :- इन सभी दुर्गुणों से बचने का एक ही मार्ग है | भारतीय जीवन शैली जिन्हें हमारे पूर्वजो ने संभालकर रखा था परन्तु विकास के नामपर
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निवारण :- इन सभी दुर्गुणों से बचने का एक ही मार्ग है | भारतीय जीवन शैली जिन्हें हमारे पूर्वजो ने संभालकर रखा था परन्तु विकास के नामपर हमने उन सभी अमूल्य चीजो एवं विचारों को खो दिया है |
  
 
==References==
 
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Revision as of 13:44, 8 July 2021

कसरत शब्द का उच्चारण होते ही हमारे मन में तुरंत आज के परिवेश में होने वाली पाश्चात्य कसरत ( एक्सरसाइज ) दिमाग में आ जाता है | परन्तु वह हमारे लिए नहीं है हमारे संस्कृति , सभ्यता एवं वातावरण के अनुसार बहुत ही नुकसान देय है | भारत का वातावरण एवं मैसम सामान्य है इसलिए यहाँ पर सामान्य कसरत , अखाड़े , दंगल , योग साधना , और शारीर को सामान्य रखने के लिए मौसम अनुसार जदिबुतियों का पूर्व काल में प्रचालन रहा | विदेशी आक्रमण एवं शासन के कारण बाहरी सभ्यता एवं जीवन शैली को अपनाकर हमने अपनी जीवन शैली को ख़राब कर दिया है | जिसके परिणाम आज दिखने लगे है | बच्चो में पौष्टिकता का आभाव , उम्र से पहले बुढ़ापा , सुस्त जीवन शैली , आलस्य , रोग प्रतिकारक छमता की कमी इत्यादी .. यह सभी हमने स्वयं पालकर रखा है |

निवारण :- इन सभी दुर्गुणों से बचने का एक ही मार्ग है | भारतीय जीवन शैली जिन्हें हमारे पूर्वजो ने संभालकर रखा था परन्तु विकास के नामपर हमने उन सभी अमूल्य चीजो एवं विचारों को खो दिया है |

References