Difference between revisions of "शारीरिक शिक्षा के आयाम- खेल"

From Dharmawiki
Jump to navigation Jump to search
Line 95: Line 95:
  
 
=== दो समूहों के खेल :- ===
 
=== दो समूहों के खेल :- ===
<div style="column-count:3;-moz-column-count:3;-webkit-column-count:3">
+
<div style="column-count:5;-moz-column-count:5;-webkit-column-count:5">
 
१) ललकार कबड्डी :-  
 
१) ललकार कबड्डी :-  
  

Revision as of 18:04, 29 July 2021

खेल का नाम कानों पर पड़ते ही शारीर में अजब सी स्फूर्तिदायक अनुभूति होने लगती है | खेल नाम का उच्चारण होते ही बच्चे खिलखिला उठते है सभी उम्र के लोगो में बचपना जागृत हो जाता है और अपनी सारी दुःख , तकलीफ और समस्यायों को भूलकर सभी उस खेल के माध्यम से होने वाले क्रिया कलाप में लग जाते है और खेल समाप्त होने के बाद जो शारीरिक और मानसिक सुख की अनुभूति होती है उसका शब्द रूप में प्रस्तुत करना बहुत ही कठिन है | आनंद सभी को प्राप्त होता है चाहे खेलने वाला हो या दर्शक हो उनके शारीर का हर अंग खेल का आनंद ले रहा है परन्तु अनुभूति का स्तर भिन्न भिन्न होता है | हर व्यक्ति चाहे किसी भी उम्र का हो परन्तु खेल खेलते समय वह पूरी तरह से अपने बचपन के वातावरण में चला जाता है यही वह परम सुख है | उसी परम सुख के आनंद को ध्यान में रखते हुए आप सभी के लिए खेल के अनन्य प्रकार को आपके सामने रख रहा हूँ ताकि आप स्वयं , अपने परिवार और अपने सामाजिक परिवार के साथ उस आनंद की अनुभूति को बाँट सके |

खेल क्या है ?:- कुछ ऐसा कार्य  जिससे आनंद की अनुभूति हो उसे खेल कहते है

खेल का महत्व :- खेल का बहुत ही गहरा महत्व मानव जीवन के साथ है | खेल एक ऐसा विषय है जो शारीरिक विकास , मानसिक विकास , सामाजिक विकास , भौतिक विकास अन्य कई विकास में लाभदायक है | बाल्यकाल से लेकर मृत्यु पर्यंत यह साथ में ही रहता है और सर्वदा सभी को सुख और आनंद ही प्रदान करता है |

खेल से फायदे :- खेल के कारण हर उम्र के लोगो में आवश्यकता अनुसार उर्जा , क्षमता , और स्फूर्ति बढ़ने के लिए मदत करता है | कई रोगों का निवारण खेल के माध्यम से होता है | खेल खेलने की क्षमता के लिए जो हम नियम या कार्य करते है उससे हमारे जीवन के कई कार्यो में लाभ होता है |

खेल खेलने से नेतृत्वा क्षमता का विकास , संगठन क्षमता का विकास , कौशल्या क्षमता का विकास , बौद्धिक क्षमता का विकास , शारीरिक स्फूर्ति का विकास होता है |

खेल के प्रकार

खेल प्रायः दो प्रकार से खेले जाते है १) साधन के खेल  २) बिना साधन के खेल

१)     साधन के खेल :- यह खेल जिसमे हम किसी न किसी वस्तु का उपयोग करके खेल खेलते है , जैसे गेंद , लकड़ी , रस्सी ई.

२)     बिना साधन के खेल :- जिसमे हम अपने शारीरिक अंगो का उपयोग कर खेल खेलते है ,जैसे कबड्डी , खोखो ,लंगड़ी ई.

एकांत खेल :- जब बच्चे अकेले होते है तब अपने मन को बहलाने के लिए जो वास्तु बच्चो के हाथो में मिलाता है उससे कुछ न कुछ अलग करने का प्रयास करते है उससे उन्हें आनंद की अनुभूति होती है परन्तु हम उन्हें जब रोक टोक करते है या उनके लिए कोई वास्तु जब नहीं मिलाती तब वह बहुत परेशान हो जाते है और सभी को परेशान करते है | बाल्य अवस्था बच्चो की संशोधन क्षमता को बढ़ने का समय होता है उनपर दृष्टि रखे परन्तु कार्य करने में रोक टोक ना करे बल्कि और भी वस्तुएं उन्हें लाकर दे जिससे वे अपनी कौशल्य क्षमता को बढ़ा सके |

खेलों की सूची

सामूहिक रूप से खेले जाने वाले खेल जो हम अपने परिवार मित्रो एवं विद्यालयों में खेल सकते है |

परिचित खेल

  • लंगड़ी पकड़
  • पकड़ा - पकड़ी
  • लगोरी
  • फुगडी
  • रंग रंग कौन सा ?
  • सांप सीडी
  • लुड़ो
  • करम बोर्ड
  • शतरंज ( चेस)
  • व्यापार (बिजनस )


ऐसे खेल जिसे खेलने से हमें सभी प्रकार के शारीरिक आवश्यकताओ की पूर्ति होती है एवं मानसिक गति एवं ध्यान में वृद्धि होती है |

गोलाकार में खड़े होकर खेलने वाले खेल

सभी खिलाडी एक दुसरे का हाथ पकड़कर गोल आकार में खड़े हो जायेंगे उसे गोलाकार रचना कहते है |

Mandal १ .jpg

१) मूर्ति :- सभी खिलाड़ी एक दुसरे का हाथ पकड़कर गोलाकार रचना बनाकर खड़े हो जायेंगे और हाथो को छोड़ देंगे | सभी खिलाडी दाहिनी ओर मुड़कर गोलाकार में दौड़ना प्रारंभ करेंगे जो खेल लेने वाला आचार्य होगा वह जैसे ही मूर्ति कहकर जोर से सूचना करेगा वैसे ही सभी खिलाडी तुरंत मूर्ति की स्थिति में खड़े हो जायेंगे | हलचल करनेवाला या शारीर के किसी भी अंग को हिलाएगा वह खेल से बाहर खड़ा हो जायेगा | यही प्रक्रिया आखिरी तक चलेगी और एक विजयी होगा | विजयी खिलाड़ी ने जय घोष देना है - भारत माता की जय , वन्दे मातरम |

२) दल का निर्माण :-

३) राम राम महोदय :-

४) एक कूद में बाहर करना :

५) गोलाकार स्पर्श दौड़ :-

६) एक श्वास स्पर्श :-

७) निर्जीव मूर्ति

८) विष कुंड

९) पत्थर प्राप्त करना

१०) स्थान पकड़ो

११) गोल रचना खिचो

१२) पकड़ने वाले को पकड़ो

१३) जोड़ी तोड़ो

१४) साथी की रक्षा

१५) सांप गति कबड्डी

१६) दुर्गन्ध से बचना

१७) शेर - बकरे की दौड़

१८) चूहे और बिल्ली की पकड़ा पकड़ी

१९) प्रतिछाया दौड़

२०) खो बगल थपेड़ा

२१) विमान स्पर्श दौड़

२२) विमान स्थान पकड़

२३) वास्तु दौड़

२४) आज्ञा अनुसार कार्य

दो समूहों के खेल :-

१) ललकार कबड्डी :-

२) राम - रावण :-

३) अग्नि कुण्ड दौड़

४) नदी - पर्वत स्पर्धा

५) डमरू स्पर्धा

६) रुमाल प्राप्ति स्पर्धा

७) खरगोश -कछुआ स्पर्धा

८) खजाना जमा करो

९) खो स्पर्धा

१०) पत्थर ढुलाई

११) क्रमशः कूद स्पर्धा

१२) प्रथम पहुँचों

१३) साथी पहचानो

१४) रस्सी खिंच

१५) जोड़ घटाव

१६) मेंढक कूद

१७) मिलकर चलो

१८) उल्टी - सुल्टी हथेली

१९) रुमाल गाड़ी

२०) रेल स्पर्धा

२१) तिन खाईयां

२२) लंगड़ी कतार स्पर्धा

२३) चिड़िया दौड़ स्पर्धा

२४) गुलाटी दौड़ स्पर्धा

द्वन्द के खेल

१) अश्व बंधन

२) घर से खींचों

३) मेंढक युद्ध

४) अग्निकुण्ड

५) विरोधी खिलाड़ी को बांधना

६) घुड़सवार युद्ध

७) दिवार युद्ध

८) नौका युद्ध

९) रेखा पर खड़े रहना

१०) पीछे धकेलना

११) भालू युद्ध

१२) दंड खीचना

१३) चोर घटी

१४) स्कंध युद्ध

१५) रुमाल अपहरण

१६) भस्मासुर युद्ध

१७)

बैठे खेल

१) नभ - थल - जल

२) हाँ या ना

३) नेता पहचानो

४) दस प्रश्न

५) शब्दों की रेल

६) डाक घर

७) खाऊंगा

८) पंछी भुर्र

९) सन्देश पहुंचाना

१०) अवरोह गिनती

११) राम - कृष्ण

१२) शब्द भेद

१३) विपरीत अंक

१४) दूकानदार

१५) मूक अभिनय

१६) वाक्य पूर्ण करों

१७) खुनी पहचानो

१८)

स्पर्धात्मक खेल :-

दो या दो से अधिक खिलाडियों में खेले जाने वाला खेल |

इस खेल क खेलने के लिए दो रेखाएं होती है एक प्रारंभ रेखा और दूसरी समापन रेखा | प्रत्येक उम्र के लोग यह सभी खेल सहज रूप से खेल सकते है | दूरी का मापन उनके वयो गट अनुसार होगा |

१) साधारण दौड़ स्पर्धा

१.png

२) झुककर उल्टा दौड़ स्पर्धा

३.png

३) उल्टा दौड़ स्पर्धा

४.png

४) लंगड़ी दौड़ स्पर्धा

५.png

५) लंगड़ी दौड़ अंगूठा पकड़कर

६.png

References