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यह केवल तात्विक चर्चा नहीं है मुख्य रूप से व्यावहारिक ही है । शिक्षा के भारतीयकरण का स्वरूप किन प्रक्रियाओं से बनता है इसकी ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास यहाँ किया गया है ।
 
यह केवल तात्विक चर्चा नहीं है मुख्य रूप से व्यावहारिक ही है । शिक्षा के भारतीयकरण का स्वरूप किन प्रक्रियाओं से बनता है इसकी ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास यहाँ किया गया है ।
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[[Category:ग्रंथमाला 3 पर्व 2: विद्यार्थी, शिक्षक, विद्यालय, परिवार]]

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