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एक दिन किसान ने क्रोध में आकर अपने बेटो से  आकर कहा की अगर कुछ काम नहीं करना है तो घर छोड़ कर चले जाओ | किसान के बेटे घर छोड़ कर चले गए और  चारो गाँव  के शिवजी के मंदिर के पास जा कर बाते करने लगे की अब हम सब शिक्षा प्राप्त करने के लिए चारो अलग अलग दिशाओ में  जायेगेऔर  चार वर्ष के बाद हम  इसी शिव मंदिर में मिलेगे |   
 
एक दिन किसान ने क्रोध में आकर अपने बेटो से  आकर कहा की अगर कुछ काम नहीं करना है तो घर छोड़ कर चले जाओ | किसान के बेटे घर छोड़ कर चले गए और  चारो गाँव  के शिवजी के मंदिर के पास जा कर बाते करने लगे की अब हम सब शिक्षा प्राप्त करने के लिए चारो अलग अलग दिशाओ में  जायेगेऔर  चार वर्ष के बाद हम  इसी शिव मंदिर में मिलेगे |   
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चार वर्ष बाद चारो भाई शिक्षा प्राप्त करके इसी शिव मंदिर में वापस मिलें |चारो भाई  अपने  अपने शिक्षा की चर्चा करने लगे | पहले भाई कहा की मैने कंकाल को जोड़ने की शिक्षा प्राप्त की है | दुसरे भाई ने कहा की मैने कंकाल के ऊपर मास और रक्त भर सकता हूँ | तीसरे भाई ने कहा की मैने शव में जान  डाल सकता हूँ |
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चार वर्ष बाद चारो भाई शिक्षा प्राप्त करके इसी शिव मंदिर में वापस मिलें |चारो भाई  अपने  अपने शिक्षा की चर्चा करने लगे | पहले भाई कहा की मैने कंकाल को जोड़ने की शिक्षा प्राप्त की है | दुसरे भाई ने कहा की मैने कंकाल के ऊपर मास और रक्त भर सकता हूँ | तीसरे भाई ने कहा की मैने शव में जान  डाल सकता हूँ | चौथे भाई ने कहा की मैने व्यक्ति को अपनी एक फुक से नीर जिव बना सकता हूँ |
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मंदिर में विराजमान पारवती माता की मूर्ति सुन रही थी चारो भियो की भाते सुन रही थी |
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