Difference between revisions of "विक्रम और बेताल - ज्ञान का उचित उपयोग"

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विक्रम बेताल को वृक्ष से अपने कंधे पर बैठकर ले कर जा रहा था |बेताल ने विक्रम से कहा की अभी सफ़र तय करने में बहुत समय लगेगा और तब तक आप को एक कहानी सुनने जा रहा हूँ तुमने  कुछ भी बोला तो मै उड़ जाऊंगा |
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विक्रम बेताल को वृक्ष से अपने कंधे पर बैठकर ले कर जा रहा था |बेताल ने विक्रम से कहा की अभी सफ़र तय करने में बहुत समय लगेगा और तब तक आप को एक कहानी सुनने जा रहा हूँ तुमने  कुछ भी बोला तो मै उड़ जाऊंगा | बेताल ने कहानी सुनाना आरम्भ किया |
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एक गाँव में एक बुढ़ा  किसान रहता था  | वह बहुत मेहनती था | उसका एसा मानना था की काम ही करना सबसे अच्छा है उसकी पत्नी उसके काम में सहायता करती थी | उसके चार बेटे थे | वह बहुत आलसी थे दिन भर गाँव में घुमा करते थे या फिर घर में सोते हुए रहते थे |
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एक दिन किसान ने क्रोध में आकर अपने बेटो से  आकर कहा की अगर कुछ काम नहीं करना है तो घर छोड़ कर चले जाओ |

Revision as of 14:04, 6 September 2020

विक्रम बेताल को वृक्ष से अपने कंधे पर बैठकर ले कर जा रहा था |बेताल ने विक्रम से कहा की अभी सफ़र तय करने में बहुत समय लगेगा और तब तक आप को एक कहानी सुनने जा रहा हूँ तुमने कुछ भी बोला तो मै उड़ जाऊंगा | बेताल ने कहानी सुनाना आरम्भ किया |

एक गाँव में एक बुढ़ा किसान रहता था | वह बहुत मेहनती था | उसका एसा मानना था की काम ही करना सबसे अच्छा है उसकी पत्नी उसके काम में सहायता करती थी | उसके चार बेटे थे | वह बहुत आलसी थे दिन भर गाँव में घुमा करते थे या फिर घर में सोते हुए रहते थे |

एक दिन किसान ने क्रोध में आकर अपने बेटो से आकर कहा की अगर कुछ काम नहीं करना है तो घर छोड़ कर चले जाओ |