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== मोक्ष पुरुषार्थ हेतु शिक्षा ==
 
== मोक्ष पुरुषार्थ हेतु शिक्षा ==
यह बड़ा कठिन मामला है । यह बड़ा अजीब मामला है । यह परा विद्या का क्षेत्र है इसलिए अपरा विद्या का एक भी मापदंड इसे लागू नहीं है । मुंडक उपनिषद्‌ भी “अथ
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यह बड़ा कठिन मामला है। यह बड़ा अजीब मामला है। यह परा विद्या का क्षेत्र है इसलिए अपरा विद्या का एक भी मापदंड इसे लागू नहीं है। मुंडक उपनिषद्‌ भी कहता है:<blockquote>अथ परा यया तद् अक्षरम्‌ अधिगम्यते</blockquote>अर्थात्‌ परा विद्या वह है जिससे उस अक्षर को अर्थात्‌ ब्रह्म को प्राप्त किया जाता है, कहकर मौन हो जाता है । बृहदारण्यक उपनिषद कहता
परा यया तदू अक्षरम्‌ अधिगम्यते' अर्थात्‌ परा विद्या वह है जिससे उस अक्षर को अर्थात्‌ ब्रह्म को प्राप्त किया जाता है, कहकर मौन हो जाता है । बृहदारण्यक उपनिषद कहता
   
है कि यह आत्मा (जो स्वयं ज्ञान है, मोक्ष है) अध्ययन, अध्यापन, बुद्धि, अत्यधिक बहुश्नुतता आदि से प्राप्त नहींहोता है । वह जिसका वरण करता है उसे ही प्राप्त होता है।
 
है कि यह आत्मा (जो स्वयं ज्ञान है, मोक्ष है) अध्ययन, अध्यापन, बुद्धि, अत्यधिक बहुश्नुतता आदि से प्राप्त नहींहोता है । वह जिसका वरण करता है उसे ही प्राप्त होता है।
    
लौकिक शिक्षा में भी अनुभूति कि झलक कभी कभी मिलती रहती है परन्तु उसकी विधिवत शिक्षा नहीं दी जा सकती । इसलिए यहाँ भी उसका विवरण देना सम्भव नहीं
 
लौकिक शिक्षा में भी अनुभूति कि झलक कभी कभी मिलती रहती है परन्तु उसकी विधिवत शिक्षा नहीं दी जा सकती । इसलिए यहाँ भी उसका विवरण देना सम्भव नहीं
 
होगा ।
 
होगा ।
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== References ==
 
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