Changes

Jump to navigation Jump to search
लेख सम्पादित किया
Line 1: Line 1: −
एक समय की बात है | जंगल में दो बन्दर रहते थे | दोनों बहुत ही अच्छे और घनिष्ट मित्र थे परन्तु दोनों के स्वभाव में बहुत ही अंतर था | एक बन्दर दुसरो को परेशान करने में और झूठ बोलने में अपनी वाह - वाही समझाता था | वही दूसरा बन्दर स्वभाव में बहुत ही शील एवं सहायक स्वभाव का था | हमेश लोगो की मदत करने के लिए अग्रसर रहता था | दोनों बैठकर एक दिन बात कर रहे थे की अब अपने लिए और अपने जीवनयापन के लिए कुछ किया जाए | दोनों ने बहुत सोच विचार करने के बाद यह निर्णय लिया की क्यों न एक दुकान खोली जाये क्यों की नजदीक में कोई दुकान नहीं है जिसके कारण लोगो को बहुत दूर जाना पड़ता है | लोगो की मदत भी हो जाएगी और घर खर्च के लिए पैसे भी मिल जायेंगे |  
+
एक समय की बात है | जंगल में चिंटू और पिंटू नाम दो बन्दर रहते थे | दोनों बहुत ही अच्छे और घनिष्ट मित्र थे परन्तु दोनों के स्वभाव में बहुत ही अंतर था | चिंटू दुसरो को परेशान करने में और झूठ बोलने में अपनी वाह - वाही समझाता था | वही पिंटू स्वभाव में बहुत ही शील एवं सहायक स्वभाव का था | हमेश लोगो की मदत करने के लिए अग्रसर रहता था | दोनों बैठकर एक दिन बात कर रहे थे की अब अपने लिए और अपने जीवनयापन के लिए कुछ किया जाए | दोनों ने बहुत सोच विचार करने के बाद यह निर्णय लिया की क्यों न एक दुकान खोली जाये क्यों की नजदीक में कोई दुकान नहीं है जिसके कारण लोगो को बहुत दूर जाना पड़ता है | लोगो की मदत भी हो जाएगी और घर खर्च के लिए पैसे भी मिल जायेंगे |  
   −
स्वभाव में विपरीत होने के कारण दोनों ने अलग अलग दुकान खोली | दुकान में जरुरत के सामान  के साथ विक्रि शुरू की | पहला बन्दर स्वभाव में लालची और झूठ से उसकी दूकान बहुत ही अच्छी चल रही थी वह लोगो को ख़राब सामान कम दाम में अच्छा बताकर बेचता था | परन्तु दूसरा बन्दर बहुत ही ईमानदार होने के कारन अधिक नहीं चलता था परन्तु व्यवहार के कारण उसके खर्च पूर्ण हो जाते थे |   
+
स्वभाव में विपरीत होने के कारण दोनों ने अलग अलग दुकान खोली | दुकान में जरुरत के सामान  के साथ विक्रि शुरू की | चिंटू बन्दर स्वभाव में लालची और झूठ से उसकी दूकान बहुत ही अच्छी चल रही थी वह लोगो को ख़राब सामान कम दाम में अच्छा बताकर बेचता था | परन्तु पिंटू बहुत ही ईमानदार होने के कारण दूकान अधिक नहीं चलती थी परन्तु व्यवहार के कारण उसके खर्च पूर्ण हो जाते थे और वह बहुत खुश रहता था | परन्तु चिंटू की लालच बढती ही जा रही थी घर , गाड़ी और खूब शान से रहने पर भी वह लोगो से धोखाधड़ी करता था लोगो को बेवकूफ बनाकर सम्मान बेचता था | और जब भी पिंटू उसे मिलाता तो उसे खूब चिढ़ाता की तू कभी आगे नहीं बढ़ पाएग हमेशा गरीब ही रहेगा परन्तु पिंटू चिंटू की बात का बुरा नहीं मानता और कहता झूठ का खेल अधिक समय तक नही टिकता और जब गिरता है तो बहुत ही गहरी चोट देता हैं |   
    
है  न एक बन्दर ने एक दुकान खोली | थोड़े  समय  बाद वहा एक बिल्ली बन्दर के दुकान पर आई और बोली मुझे एक चूहा चाहिए ,उसका मूल्य बताइए ? बन्दर बोला पांच सौ  चूहे का मूल्य है | तो बिल्ली बोली एक चूहा दे दो | जैसे ही बन्दर ने चूहे को बिल्ली के थैले में डाला वैसे ही चूहा निकल कर भागने लगा | बिल्ली उसका पीछा  करते हुए वहा से चली गई |  
 
है  न एक बन्दर ने एक दुकान खोली | थोड़े  समय  बाद वहा एक बिल्ली बन्दर के दुकान पर आई और बोली मुझे एक चूहा चाहिए ,उसका मूल्य बताइए ? बन्दर बोला पांच सौ  चूहे का मूल्य है | तो बिल्ली बोली एक चूहा दे दो | जैसे ही बन्दर ने चूहे को बिल्ली के थैले में डाला वैसे ही चूहा निकल कर भागने लगा | बिल्ली उसका पीछा  करते हुए वहा से चली गई |  
1,192

edits

Navigation menu