Difference between revisions of "पुनरुत्थान कक्षा २"

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* वृक्षसेवा : क्यारी और पौधों की स्वच्छता, देखभाल, वृक्षों को पानी देना।
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* छात्रसेवा : चप्पल-जूते (पादत्राण)व्यवस्थित रखना, आसन, माले। व्यवस्थित करना।
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* गुरुसेवा : गुरु को आसन देना, प्रणाम करना।
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* अतिथिसेवा : उन्हें पानी देना. उनके साथ बातें करना, घूमने जाना।
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* वृद्धसेवा : उन्हें पानी देना, उनके साथ बातें करना, घूमने जाना।
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* विद्यालय सेवा : फर्नीचर, खिड़की-दरवाजे बातें करना, कचरा उठाना।
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* संयम से व्यवहार करना, सत्य बोलना, सहनशीलता, संकल्प पूरा करना।
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* पंक्तिबद्ध रहना, बिना कारण नहीं बोलना।
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* सीधे (दाएँ) हाथ से भोजन करना, जूठन नहीं छोड़ना।
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* कार्य-पुस्तिका में से पृष्ठ नहीं फाड़ना, पुस्तकों को संभालकर रखना, एक-दूसरे की चुगली न करना।
  
 
==References==
 
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Revision as of 19:50, 17 January 2020

विषय

  1. उद्योग
  2. योग
  3. भाषा
  4. संगीत
  5. गणित
  6. विज्ञान
  7. संस्कृति
  8. शारीरिक शिक्षण

विषय-उद्योग

1. रेखाएँ बनाना :

  • रेखाओं की सहायता से विविध आकार (डिझाइन) बनाना।
  • आडी, तिरछी रेखाओं से स्लेट को सुशोभित करना, सीमा रेखा बनाना।

2. चित्र :

  • रेखाचित्र बनाना (चित्रपोथी पृष्ठ क्रमांक 3 से 12 तक)
  • चित्र बनाकर रंग भरना।
  • बिंदु जोड़कर रंगोली बनाना।
  • ज्यामितिय आकारों पर आधारित चित्र बनाकर रंग भरना।

3. काटना :

  • हाथ से, कैची से, मापिका से, धागे से कागज की पटियाँ काटकर तोरण बनाना।
  • कपड़ा, थान, पुट्ठा काटना।
  • सब्जियों और फल काटना। (आलू, गाजर, लौकी, केला. सेब ... आदि । काटना)

4. माटी काम :

  • मिट्टी को कूटकर, छानकर, भिगोकर, गूंथकर खिलौन बनाना।
  • ईटों का आकार देना. ईटे पकाना, ईटों को रंग करना, घर बनाना।

5. प्रवृत्ति :

  • पस्तक लेखन पुस्तिका को पुट्ठा चढ़ाना या आवरण चढ़ाना।
  • चित्र पर अनाज, रेत, साबुत दालों आदि को गोंद से अथवा फेविकॉल से चिपकाना।
  • कागज की थैलियाँ, लिफाफे बनाना।
  • छोटे-बड़े मोतियों की माला बनाना।
  • सुई से कपड़े पर, जूट के थैलों पर अथवा जालीदार कपड़े पर टाँका लगाना।
  • रुई से दीपक की बाती बनाना।
  • पूरी, रोटी, पराठे बेलना।
  • वाल की सेंग, फली, अनार, उबला हुआ आलू छीलना।
  • भल बनाना।

६. कृषि :

  • क्यारी तैयारी करना।
  • बीज अथवा पौधे रोपना, पौधे की वृद्धि का अवलोकन करना।

विषय - योग

1. श्वसन :

  • दीर्घ श्वसन, पूरा श्वास निकालना, पूरा श्वास भरना, कौन-सी नसकोर श्वास ले।
  • रही है, यह देखना।
  • स्थिर बैठकर श्वासोच्छ श्वास करना।

2. शुद्धिक्रिया:

  • हाथ-पैर धोना, पोंछना,नाक साफ करना।

3. आचार :

  • भोग लगाना, नमस्कार अथवा प्रणाम करना।
  • फूल चढ़ाना, यज्ञ में आहुति देना, चंदन घिसना।

4. जप करना :

  • ॐ कार का सही पद्धति से उच्चारण कर माला करना और 'ॐ नमो नारायणाय' का जप करना।

5. कीर्तन करना :

  • ताली बजाकर नृत्य करते हुए।

6. स्तोत्र :

  • संकटनाशन गणेश स्तोत्र, प्रज्ञावर्धनम् स्तोत्र, श्री रामचंद्र स्तुति।

7. आसन :

  • वज्रासन, ताड़ासन, पद्मासन, ध्रुवासन, सुखासन, शवासन, प्रार्थनासन।

8. ध्यान:

  • स्थिर, शांत, आँखें बंद करके बैठना।

9. मुद्रा:

  • ज्ञानमुद्रा, पुस्तक मुद्रा, प्राणमुद्रा, नमस्कार मुद्रा।

10. सेवाकार्य :

  • वृक्षसेवा : क्यारी और पौधों की स्वच्छता, देखभाल, वृक्षों को पानी देना।
  • छात्रसेवा : चप्पल-जूते (पादत्राण)व्यवस्थित रखना, आसन, माले। व्यवस्थित करना।
  • गुरुसेवा : गुरु को आसन देना, प्रणाम करना।
  • अतिथिसेवा : उन्हें पानी देना. उनके साथ बातें करना, घूमने जाना।
  • वृद्धसेवा : उन्हें पानी देना, उनके साथ बातें करना, घूमने जाना।
  • विद्यालय सेवा : फर्नीचर, खिड़की-दरवाजे बातें करना, कचरा उठाना।

11. विशेष प्रवृत्ति :

  • संयम से व्यवहार करना, सत्य बोलना, सहनशीलता, संकल्प पूरा करना।

12. सदाचार :

  • पंक्तिबद्ध रहना, बिना कारण नहीं बोलना।
  • सीधे (दाएँ) हाथ से भोजन करना, जूठन नहीं छोड़ना।
  • कार्य-पुस्तिका में से पृष्ठ नहीं फाड़ना, पुस्तकों को संभालकर रखना, एक-दूसरे की चुगली न करना।

References

भारतीय शिक्षा : पुनरुत्थान कक्षानुसार पाठ्यक्रम - कक्षा २, प्रकाशक: पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, लेखन एवं संपादन: श्रीमती इंदुमती काटदरे