Difference between revisions of "पुनरुत्थान कक्षा १"

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===== '''4. उत्सव एवं पर्व :''' =====
 
===== '''4. उत्सव एवं पर्व :''' =====
* समाज में स्वयंभू मनाए जाने वाले त्योहार जब-जब आएँ, तब-तब कुछ दिन
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* समाज में स्वयंभू मनाए जाने वाले त्योहार जब-जब आएँ, तब-तब कुछ दिन पहले उसकी चर्चा करना। किसी विद्यालय में उत्सव मनाएँ । (रामनवमो. जन्माष्टमी, होली, नवरात्रि, रक्षाबंधन ...........)
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* त्योहार कौन-से दिन आ रहा है, और उसे मनाने की सच्ची रीति।
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* उसका ऐतिहासिक महत्त्व और उसमें निहित विज्ञान।
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* जन्मदिनोत्सव मनाना। (भारतीय परंपरा से)
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5. दान, सेवा और ऐकात्मकताः
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* कुत्ते को, बिल्ली को, कबूतर को, गाय को खिलाना, उसे प्रेम करना।
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* शुभ दिवस पर दूसरों को कुछ न कुछ देना।
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* स्वयं का अल्पाहार दूसरों को देना।
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* विद्यालय में माले साफ करना, आसन विछाना-उठाना।
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* हर दिन सुबह तैयार होकर भगवान को, माता-पिता को प्रणाम करना।
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* स्वयं के दादा-दादी के विषय में जानना।
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* घर में हर दिन एक काम करना। (झाडू से कचरा निकालना, थालियाँ माँजना आदि।)
  
 
==References==
 
==References==

Revision as of 10:34, 16 January 2020

विषय उद्योग

A.

1. रेखा बनाना :
  • खड़ी-आड़ी, तिरछी, बिन्दु जोड़कर रेखा बनाएँ। (स्लेट और पुतिका में)।
  • हाथ से, मापिका से, काल्पनिक रेखाएँ स्लेट या पुस्तिका में बनाना।
  • गोलाकार, अर्धगोलाकार बनाना। ज्यामितित आकार (गोल, वर्ग, त्रिकोण, आयत) बनाकर रंग भरना।
2. काटना:
  • हाथ से, कैची से, मापिका से, धागे से कागज की पट्टियाँ काटना, तोरण बनाना।।
  • अकित रेखाओं के अनुसार काटना, कल्पना से काटना, झंडी बनाना।
  • फल तथा सब्जियाँ काटना। (केला, गाज, लौकी आदि)
3. घड़ी काम :
  • कागज मोड़ कर नाँव, झोपड़ी, कप-प्लेट बनाना।
  • रूमाल की, आसन की घड़ी करना, समाचार-पत्र की रददी एक के ऊपर एक रखकर गड्डियाँ बनाना।
4. चिपकाना :
  • बड़े पृष्ठ पर छोटा चित्र चिपकाएँ।
  • समान ध्वनि वाले शब्दों की पुस्तिकाएँ में चित्र चिपकाएँ।
  • कागज की पट्टियों को चिपकाकर तोरण बनाना।।
5. माटी काम:
  • मिट्टी कूटना, छानना, भिगोना, गूंथना।
  • मिट्टी से भिन्न-भिन्न आकार बनाना, मोती बनाना, खिलौने बनाना ईट बनाना।
6. प्रवृत्ति : (पिरोना, सिलाई करना, टाँकना, गूंथना आदि)।
  • भगवान के लिए फूल की, मोतियों की माला बनाना।
  • अंकित रेखा पर टाँका लगाना। (कपडे पर अथवा जट के थैले पर रेखाएँ अकित कर देना)
  • कपास के फूल में से कपास अलग करना, कपास में से बीज निकालना धुनकना।
  • धागे को गाँठ लगाना।
  • सुई में धागा पिरोना।
7. प्रवृत्ति : ( छीलना, मसलना, बुनना, मथना, हिलाना, निचोड़ना आदि)
  • आटा मसलना, गूंथना।
  • धनिया, मेथी बीनना/तोड़ना।
  • मूंगफली, मटर छीलना।
  • छाछ मथना।
  • नींबू निचोड़ना।
8. कृषि :
  • जमीन नरम बनाना।
  • निंदाई-गुढ़ाई करना।
  • पौधों को पानी देना।
  • क्यारे की सफाई करना।

पौधे रोपना। पत्ते या फूल बीनना।

B.

1. श्वसन:
  • दीर्घ श्वसन, भ्रामरी प्राणायाम - मुँह से श्वास लेना, बन्द करना।
  • पूरा श्वास निकालना, श्वास भरना - श्वसन प्रक्रिया ठीक करना।
2. शुद्धिक्रिया :
  • हाथ-पैर धोना और पोंछना।
  • दन्त धावन करना, कुल्ला करना, आँखे साफ करना।
3. आचार, जप और कीर्तन :
  • भोग लगाना, नमस्कार अथवा प्रणाम करना।
  • चंदन घिसना और लेप तैयार करना।
  • ताली बजाकर कीर्तन करना।
  • ॐ कार का उच्चारण, मंत्र के साथ जपमाला फेरना।
  • सरस्वती स्तोत्र।
4. आसन :
  • वज्रासन, ताड़ासन, ध्रुवासन, पद्मासन।
5. ध्यान :
  • स्थिर, शांत, आँखें बंद करके बैठना।
6. मुद्रा:
  • ज्ञानमुद्रा, पुस्तकमुद्रा, नमस्कार मुद्रा
7. विद्यालय सेवा:
  • कक्ष की सफाई, परिसर की स्वच्छता मैदान की सफाई।
8. वृक्ष सेवा:
  • क्यारियाँ साफ करना, वृक्षों को पानी देना।
9. छात्र सेवा:
  • पानी देना।
  • विद्यार्थियों को मिठाई अथवा पुस्तकें देना।
10. सदाचार :
  • पंक्तिबद्ध रहना।
  • सीधे (दाएँ) हाथ से भोजन करना, जूठन नहीं छोड़ना।
  • पानी नहीं लुड़काना। .
  • कार्य-पुस्तिका में से पृष्ठ नहीं फाड़ना।
11. विशेष प्रवृत्ति
  • प्रभात फेरी।

टिप्पण- कम आयु / छोटी उम्र के बालकों को शिथिलीकरण न कराएं।

C.

1. श्रवण : (सुनना और समझना)
  • विविध प्रकार की ध्वनियों को सुनना। (पवन, जल, विभिन्न वस्तुओं की, प्राणि-पक्षियों की)
  • समान ध्वनि वाले शब्द, बालगीत, मंत्र, श्लोक, स्तुति, स्तोत्र, सुनाना।
2. कथन : (बोलना और गाना)
  • विविध प्रकार की ध्वनि निकालना। (अभिनय सहित)
  • मूलाक्षरों का शुद्ध उच्चारण करना।
  • मूलाक्षरों से बने सरल शब्द, वाक्य बोलना।
  • अनुप्रासात्मक, अनुसरणनात्मक शब्द बोलना। (उदा.)
  • चित्र वर्णन करना, कहानी कथन, स्व- परिचय देना।
  • किसी विषय पर वाक्य बोलना (उदा. - मेला, गाय, मोर, नदी, तालाब, घर की जानकारी)
  • समध्वनि शब्द , बालगीत, मंत्र, श्लोक शुद्ध उच्चारण के साथ गाना।
3. वाचन : (जोर से पढ़ना, समझना)
  • मूलाक्षर, सरल शब्द, सरल वाक्यों का वाचन।
  • समध्वनि शब्द,बालगीत पढ़ना।
  • अनुवाचन करना।
  • बड़े अक्षरों में लिखी हुई तख्तियाँ पढ़ना, दुकानों का नाम पढ़ना।
4. लेखन :
  • विविध प्रकार के आकार बनावाना।
  • विविध प्रकार के मोड़ वाली आकृतियाँ बनवाना।
  • दो रेखाओं वाली लेखन पुस्तिका में मूलाक्षर लेखन।
  • अनुलेखन, सुलेखन, मूलाक्षर, सरल शब्दों का श्रुतलेख।
5. शब्द पहेली, भाषा आधारित खेल (संदर्भ-भाषा खेल समूह-पेटी)
  • मूलाक्षर से शब्द बनाना।
  • वाक्य बनाना।
  • अक्षर शोध (शब्द में से)
  • शब्द पहेली-वर्ग भरो

काव्यः संगीत भाग :9 की तरह

D.

1. श्रवण:
  • श्लोक, सुभाषितों का श्रवण। (रत्नमाला ध्वनिमुद्रिका)
  • बालगीत, समध्वनि शब्दों का श्रवण। (शिशुगीत ध्वनि मुद्रिका)
  • शौर्यगत, प्रकृति गीत, देशभक्ति गीत सुनना। ( भारत के गीत गाओ । ध्वनिमुद्रिका)
  • भजन, स्तुति सुनना। (रेडियो पर टी.वी. पर, घर के बड़ों द्वारा गाए गए, विद्यालय । में आचार्यों द्वारा गाए गए)
2. गायन :
  • मंत्र, सूत्र, श्लोक, स्तोत्र का शुद्ध उच्चारण सहित छदबद्ध गायन।
  • समध्वनि शब्द, पहेलियों, दोहों का मधुर स्वर में तालबद्ध गायन।
  • गीत गायन (गणित, विज्ञान, प्रकृति आधारित गीत)।
  • स्वर साधना, ॐ उच्चारण, "सा" स्वर की साधना।
  • सरल अलंकारों का हार्मोनियम के साथ गायन। ( 1 से 5 अलंकार )
  • देश भक्ति गीत।
3. वादन :
  • अलग-अलग तालों में ताली बजाना, मँजीरा बजाना।
  • धुन के साथ, गीत के साथ ताल में ताली बजाना. मँजीरा बजाना।
  • संगीत के भिन्न-भिन्न वाद्यों का प्रायोगिक परिचय।
  • भिन्न-भिन्न तालों के साथ ताल देना ( हाथ से. दाँडिया से चम्मच से आदि)।
4. नर्तन :
  • भिन्न-भिन्न प्राणियों, पक्षियों, प्राकृतिक तत्वों के अभिनया।
  • शास्त्रीय नृत्य से संबंधित विविध मुद्राएँ।
  • गीत के साथ अभिनया।
  • मैदानी नृत्य: डंबल्स / योगचाप पकड़कर क्रम से साधिक क्रिया करना, सिखाना।
  • कूचगीत
  • शास्त्रीय नृत्य, गरबा आदि की दृश्यमुद्रिका (वी.सी.डी.) देखना।
5. संगीत और संगीतकारों से संबंधित रसप्रद प्रेरक बातें करनाः

संदर्भ :

संगीत भाग-1 पुस्तिका

-बालगीत माला सी.डी. भाग-1

E.

1. वस्तुओं द्वारा तुलनात्मक संकल्पना समझाना :
  • लंबा-छोटा मोटा-दुबला, कम-अधिक, छोटा-बड़ा, गहरा-उथला।
2. संख्याज्ञान:
  • 1 से 100 तक (मौखिक, लिखित)। - 100 से 1 तक (मौखिक) उल्टी गिनती।
  • 1 से 50 तक छोटी-बड़ी, आगे-पीछे-बीच की संख्या का पता लगाना। 1 से 50 तक अंको में; और शब्दों में लिखवाना।
  • 1 से 10 तक पहाड़े मौखिक। - 1 से 50 तक आधे के पहाड़े।
  • 1 से 100 तक संख्या का श्रुतलेखन, कोई भी पहाडे पूछना।
3. गिनना :
  • वस्तुओं द्वारा संख्या गिनना।
  • जोड़ : 1 से 50 तक मौखिक और लिखित (विना हासिल वाले)।
  • घटाव : 1 से 50 तक मौखिक और लिखित (इकाई वाले)।
4. कालगणना:
  • दिनों के नाम (मौखिक-लिखित) (रविवार से शनिवार)।
  • महीनों के नाम (मौखिक-लिखित) (चैत्र से फाल्गुन तक)।
  • जनवरी से दिसम्बर तक बुलवाना।
5. ज्यामितिय आकार बनाना ( हाथ से , बिंदु जोड़कर)
  • गोलाकार, वर्गाकार, आयताकार, त्रिकोण।
6. वैदिक गणित :
  • एकाधिकेन पूर्वेण।
  • एकन्यूनेन पूर्वेण।
  • परम मित्र।

F.

1. पदार्थ विज्ञान :
  • चक्र (पहिए) का कार्य और उपयोग (प्रयोग द्वारा)।
  • ठंडे-गरम की तुलना (बर्फ-सादा पानी, गरम और अधिक गरम पानी)। जल्दी-धीरे की तुलना।
2. खगोल विज्ञान :
  • आकाश में स्थित (सूर्य, चंद्र, तारा) पदार्थों का परिचय।
  • रात-दिन, सुबह-दोपहर-सांझ क्यों होती है? उसको समझाना।
  • धूप और छाया का निरीक्षण।
3. भूगोल :
  • दिशाओं और कोणों के नाम।
  • गाँव में स्थिति मुख्य भौगोलिक स्थल; उदा.- तालाब, नदी, मंदिर, पर्वत, टेकरी,
  • बगीचा, रास्ता, दर्शनीय स्थल, बैंक, अस्पताल आदि।
4. रसायन शास्त्र :
  • हल्दी-साबुन का प्रयोग।
  • नींबू-सोडे का प्रयोग।
  • पीतल के बर्तनों पर नींबू घिसना।
  • मैले कपड़ों पर साबुन घिसना।
5. वनस्पति विज्ञान :
  • विविध वनस्पतियों-वृक्षों का नाम।
  • बीज उगने की प्रक्रिया का निरीक्षण।
  • विविध अनाज, साबुत दालें, तेलयुक्त बीज (तिल आदि), फूल, भिन्न-भिन्न।
  • सब्जियों का परिचय।
6. प्राणि विज्ञान:
  • पालतू-जंगली प्राणियों का परिचय।
  • जलचर नभचर, उभयचर, स्थलचर प्राणियों का परिचय।
7. वैज्ञानिकों के चित्र पहचानना :
  • उदा.-चरक, आर्यभट्ट।
६. वर्गीकरण करना :
  • अनाज, फल-फूल, सब्जियाँ, पत्तेदार सब्जियाँ, साबुत दालें, रंगीन मोती, प्राणियों का वर्गीकरण करना।
9. वार्ता कथन:
  • विज्ञान की घटना के अनुरूप वार्ता कथन; उदा- बरसात, वृक्ष की कथा)।

G.

1. पूर्वजों का परिचय :
  • रामायण, महाभारत के पात्रों के जीवन प्रसंग (चित्र दिखाना)।

(राम, हनुमान, कृष्ण, भीम, अर्जुन...... हम सब उनके संतान हैं।)

वीर बालकों की प्रेरक कहानियाँ (चित्र दिखाना)।

(लव-कुश, ध्रुव प्रह्लाद.... हम सब उनके भाई-बहन हैं)

  • भूतकाल में आस-पास के क्षेत्रों में घटी हुई स्थानीय पात्रों की कथाएँ (चित्र दिखाना)

(संत मेकरण, श्यामजी कृष्णवर्मा ......... हम सब उनके प्रदेश से हैं)

2. भारत गौरव :
  • पुण्यभूमि भारत का (अखंड भारत का) और भारत माता का मानचित्र दिखाना।
  • भाषा, कला, संगीत, विज्ञान के क्षेत्र में भारत की श्रेष्ठता दर्शाती कथाएँ सुनाना।
  • वर्तमान भारत की महत्त्वपूर्ण सिद्धिओं से अवगत कराएँ।
3. प्रकृति माता और पर्यावरण सुरक्षा :
  • प्रकृति के तत्वों की पहचान करवाना। (सूर्य, चंद्र, तारा, धरती, वृक्ष, नदियाँ, पर्वत, प्राणि, पक्षी ........)
  • हमारे सुखी-समृद्ध जीवन के लिए प्रकृति में से कौन-कौन हमें क्या-क्या देते हैं?
  • पानी पीते समय कम से कम गिराएँ, प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग न करें।
  • कचरा कचरा-पेटी में ही डालें। आस-पास पड़ा हुआ कचरा भी उठाकर कचरा-पेटी में डालें।
  • तुलसी का पौधा रोपना और उसे बड़ा होने देना।
4. उत्सव एवं पर्व :
  • समाज में स्वयंभू मनाए जाने वाले त्योहार जब-जब आएँ, तब-तब कुछ दिन पहले उसकी चर्चा करना। किसी विद्यालय में उत्सव मनाएँ । (रामनवमो. जन्माष्टमी, होली, नवरात्रि, रक्षाबंधन ...........)
  • त्योहार कौन-से दिन आ रहा है, और उसे मनाने की सच्ची रीति।
  • उसका ऐतिहासिक महत्त्व और उसमें निहित विज्ञान।
  • जन्मदिनोत्सव मनाना। (भारतीय परंपरा से)

5. दान, सेवा और ऐकात्मकताः

  • कुत्ते को, बिल्ली को, कबूतर को, गाय को खिलाना, उसे प्रेम करना।
  • शुभ दिवस पर दूसरों को कुछ न कुछ देना।
  • स्वयं का अल्पाहार दूसरों को देना।
  • विद्यालय में माले साफ करना, आसन विछाना-उठाना।
  • हर दिन सुबह तैयार होकर भगवान को, माता-पिता को प्रणाम करना।
  • स्वयं के दादा-दादी के विषय में जानना।
  • घर में हर दिन एक काम करना। (झाडू से कचरा निकालना, थालियाँ माँजना आदि।)

References

भारतीय शिक्षा : पुनरुत्थान कक्षानुसार पाठ्यक्रम - कक्षा १, प्रकाशक: पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, लेखन एवं संपादन: श्रीमती इंदुमती काटदरे