पाठ्यक्रम - कक्षा १ से कक्षा ३

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कक्षा 1 से 3- आयु के अनुसार (7 से 9 वर्ष) अपेक्षित बिन्दु [1] :

1. मन के विकास का काल: एकाग्रता, षड्विकारों से मुक्ति, इच्छाशक्ति, कल्पनाशक्ति, संयम

2. केवल विजय, शौर्य, त्याग, तपस्या, धर्मनिष्ठा, सदाचार, सादगी, स्वदेशभक्ति, स्वावलंबन,| सांस्कृतिक भारत का दर्शन

3. संस्कृति, क॒टंब, ग्राम, जनपद, भाषा, समाज, सामाजिकसंगठन, सामाजिक व्यवस्थाएँ, देश, राष्ट्र, आंतरराष्ट्रीय संबंध

4. सृष्टि निर्माण की मान्यता, हिन्दु जीवनदृष्टि के व्यवहारसूत्रों की जानकारी, शाकाहार, सात्विक आहार, आदतें

5. स्वभाव के अनुसार काम करने के लाभ, मार्गदर्शन, कौटुंबिक उद्योगों का महत्व, जातिव्यवस्था, ग्रामकुल, क॒टुंब, आश्रम, कौटुम्बिक संबंध

6. समय विकास की अवधारणा, खेल, व्यायाम, सूर्यनमस्कार, शरीर का महत्व

7. धर्म की समझ, शरीरधर्म, पुत्रधर्म, पडोसीधर्म,

8. प्रत्येक कक्षा में पिछली कक्षा के सारे कार्य की पुनरावृत्ति अपेक्षित है।

कक्षा १ पाठ्यक्रम

सार्थ कंठस्थीकरण:

  • गायत्री मंत्र
  • संगठन मंत्र
  • पवमान मंत्र (असतो मा सद्गमय)
  • शान्तिमंत्र
  • एकात्मता स्तोत्र
  • गीता के निम्न श्लोक- सार्थ
    • सर्वोपनिषदो गावो...
    • अध्याय 3: 10 से 16
    • अध्याय 7: 4 से 6, 19
    • अध्याय 18: 40
    • कुल 13 श्लोक
  • जीवनदृष्टि का गीत
  • हमारा देश
    • कुटुम्ब, पडोसी, गॉव, जनपद, राज्य, देश की संकल्पनाएँ, धरती और उस पर रहने वाले अन्य प्राणी- जैवविविधता
    • भारत देश की प्राचीनता
    • नगाधिराज हिमालय, अन्य महत्वपूर्ण पर्वत
    • नाम स्थान महत्व
    • महत्वपूर्ण नदियाँ- लोकमाता, देवतारूप में पूजने की संस्कृति
    • चार धाम एवं अन्य मुख्य तीर्थस्थान-काशी, प्रयाग, तिरुपति,
    • गंगासागर, कामाख्या ( नाम, महत्व, नक्शे में स्थान दिखाना)
    • अयोध्या मथुरा माया काशी कांची अवंतिका। पुरी द्वारावती चैव सप्तैते मोक्षदायिका:।
  • हमारा साहित्य
    • संक्षिप्त ज्ञान - वेद, वेदांग, उपनिषद्‌ पुराण रामायण, रामचरितमानस, महाभारत पंचतंत्र, हितोपदेश
  • हमारे पूर्वज:
    • व्यास, वाल्मीकि, पतंजलि, पाणिनि, छत्रपति शिवाजी, संत रविदास, तिरुवल्लुवर, आलवार, कबीर, रामदास, नरसी

मेहता, मीरा, तुलसीदास, नायन्मार

  • कृतिपाठ
    • योगासन (अल्पकालीन), सुखासन- पालथी लगा कर बैठना
    • हवन करना,
    • पृथ्वीमाता को नमस्कार- समुद्रवसने देवि...
    • नमस्कार करना, ओम का उच्चारण (ब्रह्मनाद)
  • उपनयन संस्कार
    • वाणीसंयम, मधुर वचन बोलना।
  • घर में घरेलू कार्य सीखना और करना
  • व्यवहारसूत्र
    • अमृतस्य पुत्रा: वयम्‌।
    • परोपकार: पुण्याय पापाय परपीडनम्‌।
    • वसुधैव कुटुम्बकम्
    • कृतज्ञता।
    • आत्मकत्सव॑भूतेषु ।

References

  1. दिलीप केलकर, भारतीय शिक्षण मंच