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| === [[अध्याय ३९ -आशा कहाँ है|अध्याय ३९ - आशा कहाँ है...]] === | | === [[अध्याय ३९ -आशा कहाँ है|अध्याय ३९ - आशा कहाँ है...]] === |
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− | == पर्व ५ : भारतीय शिक्षा की भूमिका == | + | == [[पर्व ५ : भारतीय शिक्षा की भूमिका|पर्व ५ : भारतीय शिक्षा की भूमिका]] == |
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− | === भारतीय शिक्षा का स्वरुप === | + | === [[भारतीय शिक्षा का स्वरुप]] === |
| भारत में भारतीय शिक्षा की प्रतिष्ठा, शिक्षा का व्यवस्थात्मक पक्ष, अर्थनिरपेक्ष शिक्षा | | भारत में भारतीय शिक्षा की प्रतिष्ठा, शिक्षा का व्यवस्थात्मक पक्ष, अर्थनिरपेक्ष शिक्षा |
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− | === भारत विश्व को शिक्षा के विषय में क्या कहे === | + | === [[भारत विश्व को शिक्षा के विषय में क्या कहे]] === |
| शिक्षा विषयक संकल्पना बदलना, शिक्षाप्रक्रियाओं को समझना, शिक्षा का विषयवस्तु के बारे में विचार, मानसिकता बदलना, विश्वस्तर पर चलाने लायक चर्चा, सेमेटिक रिलीजन, विश्वविद्यालयों में अध्ययन और चर्चा, विज्ञान, राजनीति, बाजार और धर्म का समन्वय, आर्थिक आधिपत्य के बारे में विचार | | शिक्षा विषयक संकल्पना बदलना, शिक्षाप्रक्रियाओं को समझना, शिक्षा का विषयवस्तु के बारे में विचार, मानसिकता बदलना, विश्वस्तर पर चलाने लायक चर्चा, सेमेटिक रिलीजन, विश्वविद्यालयों में अध्ययन और चर्चा, विज्ञान, राजनीति, बाजार और धर्म का समन्वय, आर्थिक आधिपत्य के बारे में विचार |
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− | === आर्न्तर्रा्ट्रीय विश्वविद्यालय === | + | === [[आर्न्तर्रा्ट्रीय विश्वविद्यालय]] === |
| + | # विश्व के देशों के सांस्कृतिक इतिहास के अध्ययन की योजना बनानी चाहिये ।, |
| + | # विश्व के विभिन्न सम्प्रदायों का अध्ययन, |
| + | # ज्ञानविज्ञान और शिक्षा की स्थिति का अध्ययन, |
| + | # देशों की आर्थिक, राजनीतिक, भौगोलिक स्थिति का अध्ययन, |
| + | # विश्व के देश भारत को जानें |
| + | # सरकार की भूमिका |
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− | ==== विश्व के देशों के सांस्कृतिक इतिहास के अध्ययन की योजना बनानी चाहिये ।, ==== | + | === [['प्रशासक और शिक्षक का संवाद]] === |
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− | ==== विश्व के विभिन्न सम्प्रदायों का अध्ययन, ==== | + | === [[शक्षक, प्रशासक, मन्त्री का वार्तालाप-१]] === |
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− | ==== ज्ञानविज्ञान और शिक्षा की स्थिति का अध्ययन, ==== | + | === [[शिक्षक, प्रशासक, मन्त्री का वार्तालाप-2]] === |
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− | ==== देशों की आर्थिक, राजनीतिक, भौगोलिक स्थिति का अध्ययन, ==== | + | === [[हिन्द धर्म में समाजसेवा का स्थान]] === |
| + | # समाजसेवा की हिन्दवी मीमांसा |
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− | ==== विश्व के देश भारत को जानें ==== | + | == [[पर्व ६]] '''सारांश''' == |
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− | ==== सरकार की भूमिका ==== | + | === [[एक सर्वमान्य प्रश्नोत्तरी]] === |
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− | === 'प्रशासक और शिक्षक का संवाद === | + | === [[विविध आलेख]] === |
| + | १. असुरो का संहार, |
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− | === शक्षक, प्रशासक, मन्त्री का वार्तालाप-१ ===
| + | २. जीवन के आधार है, |
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− | === शिक्षक, प्रशासक, मन्त्री का वार्तालाप-2 ===
| + | ३. भारत की वैश्विकता, |
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− | === हिन्द धर्म में समाजसेवा का स्थान ===
| + | ४. पश्चिम से जन्मे ऐसे अनिष्ट जो आकर्षक लगते हैं, |
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− | ==== समाजसेवा की हिन्दवी मीमांसा ====
| + | ५. इसाईयत को जानें, इसाईयत और हिंसा तथा असहिष्णुता, |
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| + | ६. इसाईयत और स्त्री, |
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| + | ७. विश्वकल्याण, |
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| + | ८. विश्व के लिये भारत के व्यावहारिक आदर्श, |
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| + | ९. यन्त्रविवेक, |
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| + | १०. मनुस्मृति और स्त्री, अन्य सुभाषित, |
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| + | ११. भारतीय और यूरोअमेरिकी जीवनदृष्टि के अन्तर के दस सूत्र, भारतीय, यूरो अमेरिकी, |
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| + | १२. दो दृष्टियों का अन्तर, युरोपीय दृष्टि, भारतीय दृष्टि |
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| + | === [[समग्र शिक्षा योजना]] === |
| + | १. वर्तमान ढाँचे के गृहीत, शासन की मान्यता अनिवार्य है, शिक्षा की व्यवस्था संस्थागत है, शिक्षा का लक्ष्य अर्थार्जन है, युरोपीय विचार वैश्विक और आधुनिक है, छात्र और अध्यापक का सम्बन्ध परोक्ष है, २. राष्ट्रीय शिक्षा के प्रयास, राष्ट्रीय शिक्षा के प्रयासों की विफलता के कारण, ३. नये सिरे से विचार, १. शिक्षा व्यक्तिगत नहीं, राष्ट्रीय होती है, २. साक्षरता और शिक्षितता में अन्तर है, ३. शिक्षा केवल संस्थागत नहीं होती, ४. शिक्षा केवल अर्थार्जन के लिये नहीं होती, ५. शिक्षा केवल बुद्धिनिष्ठ नहीं होती । वह अन्ततोगत्वा आत्मनिष्ठ होती है ।, ४. शिक्षा के मंत्र, तंत्र और यंत्र, ५. सर्वसमावेशक और व्यापक योजना की आवश्यकता, ६. दीर्घकालीन योजना की आवश्यकता, ७. विभिन्न शैक्षिक पहलुओं का एक साथ विचार, १. अध्ययन एवं अनुसन्धान, २. पाठ्यक्रमनिर्माण, ३. साहित्यनिर्माण, ४. शिक्षा को पुनर्व्याख्यायित करना, ८. क्रियान्वयन की दिशा में प्रयास, १. संगठित और व्यापक प्रयास, २. वैचारिक समानसूत्रता, ३. मुक्त संगठन, ४. सामान्य जन का सामान्य ज्ञान, ९. चरणबद्ध योजना, १. प्रथम चरण नैमिषारण्य, २. द्वितीय चरण लोकमतपरिष्कार, ३. तीसरा चरण परिवारशिक्षा, ४. चौथा चरण शिक्षकनिर्माण, ५. पाँचवाँ चरण विद्यालयों की स्थापना, १०. धर्मतंत्र, समाजतंत्र और राज्यतंत्र का शिक्षा के साथ समायोजन |
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| + | '''परिशिष्ट''' |
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| + | '''[[१. सन्दर्भ ग्रन्थ सूची]]''' |
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| + | '''[[२. लेखकों, सम्पादकों व संकलन कर्ताओं की सूची]]''' |
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| + | '''[[३. पाठ्यक्रमों की रूपरेखा निर्माणकर्ताओं की सूची]]''' |
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| + | '''[[४. ग्रन्थ अनुक्रमणिका]]''' |
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| + | '''[[५. पुनरुत्थान विद्यापीठ]]''' |
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| + | '''[[६. प्रकाशनसूची]]''' |
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| ==References== | | ==References== |