धार्मिक शिक्षा के व्यावहारिक आयाम

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पर्व १ : विषय प्रवेश

तत्त्व एवं व्यवहार का सम्बन्ध

अमूर्त और मूर्त का अन्तर, तत्त्व के अनुसार व्यवहार, व्यवहार

हमेशा तत्त्व का अनुसरण करता है, तत्त्व सिद्धान्त है, व्यवहार

उसका उदाहरण, व्यापक सन्दर्भ में जो करना चाहिये वह तत्त्व होता

है, जो किया जाता है वह व्यवहार होता है, तत्त्व को छोड़कर व्यवहार

करने के उदाहरण

युगानुकूल और देशानुकूल

तत्त्व एवं व्यवहार में अन्तर क्यों, युग कया है, तत्त्व के अनुकूल युग,

युग के अनुकूल व्यवहार, देशानुकूल संकल्पना कया है, देशानुकूल

परिवर्तन कया है