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विद्यालय की आर्थिक व्यवस्थाएँ TOC Hyperlink
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ध्वनिव्यवस्था, प्रश्नावली से पाप्त उत्तर
 
ध्वनिव्यवस्था, प्रश्नावली से पाप्त उत्तर
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=== [[विद्यालय की आर्थिक व्यवस्थाएँ]] ===
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विद्यालय की शुल्कव्यवस्था, अभिमत, विद्यालय में
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मसितव्ययिता, प्रश्नावली से पाप्त उत्तर, विमर्श, मितव्ययिता के
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उदाहरण, विद्यालय की अर्थव्यवस्था, अभिमत, विद्यालय में अर्थ
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क्यों चाहिये ?, मूल विचार जानना, अर्थविचार, अर्थ द्वारा
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संचालित तंत्र, निःशुल्क शिक्षा के प्रयोग, निःशुल्क शिक्षा एवं
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शिक्षक, शिक्षक स्वतंत्र होना चाहिए, अनुवर्ती योजना हेतु
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विचारणीय बिन्दु, शिक्षा का रमणीयवृक्ष, मूले कुठाराघात आवश्यक
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है, शिक्षक के योगक्षेम का प्रश्न, शिक्षा के नाम पर अनावश्यक
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खर्च, शिक्षा को बाजारीकरण से मुक्त करना, अर्थपुरुषार्थ,
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अर्थनिरपेक्ष शिक्षाव्यवस्था, समित्पाणि , भिक्षा, गुरुदक्षिणा, दान,
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समीक्षा, व्यर्थ का खर्च टालें, फालतू खर्चमत करो, व्यर्थ में पानी
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मत बहाओ, बिजली जलाओ, सावधानी से, लकड़ी कुदरती सम्पत्ति
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है, पेट्रोल - डीजल बचाओ, अन्न को बचाओ, पुस्तकों व कॉपियों
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को सम्भालकर रखो, कपड़ों को साफ रखो, पैसा सोच-समझकर
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खर्चकरो, समय का पालन करना सीखो, शक्ति का सदुपयोग करो,
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मीठा बोलो, तोल कर बोलो, योग्य अवसर का लाभ उठाओ, व्यर्थ
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मत गँवाओ, स्वायत्तता और अर्थक्षेत्र का प्रबोधन, अर्थनिष्ठ
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नहीं, धर्मनिष्ठ समाजव्यवस्था, ईश्वरप्रदत्त सम्पत्ति का बिकाऊ होना,
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अर्थनिरपेक्ष कैसे बनना, परिवर्तन के बिन्दु, अर्थक्षेत्र को भारतीय
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बनाना, शिक्षा क्षेत्र को अर्थनिरपेक्ष बनाना, सरकार की भूमिका,
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शिक्षा की स्थिरता एवं स्वायत्तता, स्वायत्तता की वस्तुस्थिति, शिक्षा
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स्वायत्त कैसे हो सकती है, अर्थ शिक्षाक्षेत्र को भी ग्रसित करता
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है, अर्थक्षेत्र के नियमन और निर्देशन के सूत्र, मूलसूत्रों की शिक्षा
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विश्वविद्यालय दे
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