Changes

Jump to navigation Jump to search
लेख सम्पादित किया
Line 1: Line 1:  
विजयनगर राज्य की महानता और तेनाली रामा के बुद्धिकौशल  की प्रशंसा चारो फैली हुई थी । हमेशा तेनालीरामा की परीक्षा के लिए कोई ना कोई आता रहता था । एक दिन विदेश से एक विदेशी दर्शनार्थी विजयनगर राज्य पहुंचा । महाराज  का दरबार लगा था । दरबार में वह दर्शनार्थी आया उसका स्वागत किया गया । महाराज ने उस दर्शनार्थी से  विजयनगर आने के प्रयोजन के बारे पूछा । दर्शनार्थी ने उत्तर दिया " महाराज मै एक प्रश्न पूछना चाहता हु जो कोई भी इस प्रश्न का उत्तर दे देगा उसे मै रत्न जड़ित हार पारितोषिक स्वरूप दूंगा।  
 
विजयनगर राज्य की महानता और तेनाली रामा के बुद्धिकौशल  की प्रशंसा चारो फैली हुई थी । हमेशा तेनालीरामा की परीक्षा के लिए कोई ना कोई आता रहता था । एक दिन विदेश से एक विदेशी दर्शनार्थी विजयनगर राज्य पहुंचा । महाराज  का दरबार लगा था । दरबार में वह दर्शनार्थी आया उसका स्वागत किया गया । महाराज ने उस दर्शनार्थी से  विजयनगर आने के प्रयोजन के बारे पूछा । दर्शनार्थी ने उत्तर दिया " महाराज मै एक प्रश्न पूछना चाहता हु जो कोई भी इस प्रश्न का उत्तर दे देगा उसे मै रत्न जड़ित हार पारितोषिक स्वरूप दूंगा।  
   −
महारज ने दर्शनार्थी को प्रश्न पूछने की अनुमति दे दी | दर्शनार्थी ने प्रश्न किया कि जीवन की सबसे मूल्यवान वस्तु क्या है ? दरबारियों ने कहा बहुत आसान प्रश्न है
+
महारज ने दर्शनार्थी को प्रश्न पूछने की अनुमति दे दी | दर्शनार्थी ने प्रश्न किया कि जीवन की सबसे मूल्यवान वस्तु क्या है ? दरबारियों ने कहा बहुत आसान प्रश्न है एक  एक दरबारी  अपना उत्तर देने  लगे |किसी ने कहा धन 'किसी ने कहा राज्यकोश का धन ' किसी ने कहा अच्छा व्यापर 'किसी ने कहा  परिवार  'परन्तु दर्शनार्थी  उनके उत्तरों से संतुस्ट नही हुआ | महाराज ने तेनालीरामा की ओर देखा ,तेनालीरामा खड़े हुए और उसने उत्तर दिया कि महाराज इस प्रश्न का उत्तर है " आजादी" | उत्तर सुनते ही दर्शनार्थी ने कहा इसका प्रमाण दे सकते है क्या ? तेनालीरामा ने कहा जी मै इसको प्रमाणित कर सकता हूँ, परन्तु मुझे कुछ समय चाहिए इसे प्रमाणित करने के लिये |
 +
 
 +
महाराज ने कहा ठीक है आप कुछ दिनों तक हमारा आतिथ्य स्वीकार कीजिये आप के ठहरने की व्यवस्था की जिम्मेदारी  तेनालीरामा को दी जाती है |तेनालीरामा ने दर्शनार्थी के ठहरने की पूरी व्यवस्था की खाने के लिए स्वादिस्ट एवं पसंदीदा भोजन पिने के लिए विभिन्न प्रकार के रस मनोरंजन के लिए अच्छे  संगीतग्य की व्यवस्था  प्रत्येक आवश्यकताओं की पूर्ति का आदेश दे दिया गया | एक दिन दर्शनार्थी ने विश्राम गृह के खिड़की के बाहर मनमोहक दृश दिखा  उसे वहा  घूमने की इच्छा हुई |जैसे ही वह कक्ष के बाहर निकला वैसे ही सैनिको ने उसे रोक दिया | उसे लगा की उसकी सुरक्षा के लिए यह व्यवस्था की गई है | कई दिन बीत गये अब दर्शनार्थी एकही जगह पर रहते -रहते परेशान हो गया था उसे सारी सुख सुविधाएं फीकी लगने लगी |
 +
 
 +
दशानार्थी  महाराज के समक्ष प्रस्तुत हुआ और उसने कहा मै बहुत परेशान हो चूका हूँ  महाराज ने उससे पूछा क्या  आपकी व्यवस्था तेनाली रामा ने अच्छी नहीं की है ? दर्शनार्थी ने उत्तर दिया नहीं महाराज तेनालीरामा ने व्यवस्था बहुत ही अच्छी की है परन्तु मै उसका आनंद नहीं ले पा रहा हूँ | एक ही स्थान पर रहते रहते मै परेशान हो गया हूँ | महाराज ने कहा एक ही स्थान पर क्यों ?
1,192

edits

Navigation menu