Difference between revisions of "तेनाली रामा जी - जीवन की मूल्यवान वस्तु"

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विजयनगर राज्य की महानता और तेनाली रामा के बुद्धिकौशल  की प्रशंसा चारो फैली हुई थी | हमेशा तेनालीरामा की परीक्षा के लिए कोई ना कोई आता रहता था | एक दिन विदेश से एक विदेशी दर्शनार्थी विजयनगर राज्य पहुंचा | महाराज  का दरबार लगा था | दरबार में वह दर्शनार्थी आया उसका स्वागत किया गया | महाराज ने उस दर्शनार्थी से  विजयनगर आने के प्रयोजन के बारे पूछा | दर्शनार्थी ने उत्तर दिया
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विजयनगर राज्य की महानता और तेनाली रामा के बुद्धिकौशल  की प्रशंसा चारो फैली हुई थी हमेशा तेनालीरामा की परीक्षा के लिए कोई ना कोई आता रहता था एक दिन विदेश से एक विदेशी दर्शनार्थी विजयनगर राज्य पहुंचा महाराज  का दरबार लगा था दरबार में वह दर्शनार्थी आया उसका स्वागत किया गया महाराज ने उस दर्शनार्थी से  विजयनगर आने के प्रयोजन के बारे पूछा दर्शनार्थी ने उत्तर दिया " महाराज मै एक प्रश्न पूछना चाहता हु जो कोई भी इस प्रश्न का उत्तर दे देगा उसे मै रत्न जड़ित हार पारितोषिक स्वरूप दूंगा।
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महारज ने दर्शनार्थी को प्रश्न पूछने की अनुमति दे दी | दर्शनार्थी ने प्रश्न किया कि जीवन की सबसे मूल्यवान वस्तु क्या है ? दरबारियों ने कहा बहुत आसान प्रश्न है

Revision as of 17:37, 21 August 2020

विजयनगर राज्य की महानता और तेनाली रामा के बुद्धिकौशल की प्रशंसा चारो फैली हुई थी । हमेशा तेनालीरामा की परीक्षा के लिए कोई ना कोई आता रहता था । एक दिन विदेश से एक विदेशी दर्शनार्थी विजयनगर राज्य पहुंचा । महाराज का दरबार लगा था । दरबार में वह दर्शनार्थी आया उसका स्वागत किया गया । महाराज ने उस दर्शनार्थी से विजयनगर आने के प्रयोजन के बारे पूछा । दर्शनार्थी ने उत्तर दिया " महाराज मै एक प्रश्न पूछना चाहता हु जो कोई भी इस प्रश्न का उत्तर दे देगा उसे मै रत्न जड़ित हार पारितोषिक स्वरूप दूंगा।

महारज ने दर्शनार्थी को प्रश्न पूछने की अनुमति दे दी | दर्शनार्थी ने प्रश्न किया कि जीवन की सबसे मूल्यवान वस्तु क्या है ? दरबारियों ने कहा बहुत आसान प्रश्न है