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जादूगर ने राजदरबारियों से कहा आप सभी लोग मेरी कला के आनंद में डूबने के लिए तैयार हो जाइये | यह मेरा जादू कोई तंत्र  मंत्र  या मायाजाल नही है, मेरा जादू नजरो का धोखा और मेरे हाथ की सफाई है | मेरा जादू ऐसा है की अगर आप की पलक भी झपक गई तो आनंद का क्षण छुट जायेगा |  बिना पलक झपकाए मेरा जादू देखने के लिए आप सभी तैयार हो जाएँ| इतना  कहकर जादूगर अपना जादू दिखाना शुरु कर देता है | जादू कला के प्रदर्शन करने के मद में जादूगर के मुख से घमंड के स्वर टपकने लगे| जादूगर ने कहा की मेरे जादू को समझने के लिए उचित बुद्धि एवं तेज नेत्रों की आवश्कता होती है  अनाड़ि एवं मंद बुद्धिवाले व्यक्ति इस कला को समझ नहीं सकते |
 
जादूगर ने राजदरबारियों से कहा आप सभी लोग मेरी कला के आनंद में डूबने के लिए तैयार हो जाइये | यह मेरा जादू कोई तंत्र  मंत्र  या मायाजाल नही है, मेरा जादू नजरो का धोखा और मेरे हाथ की सफाई है | मेरा जादू ऐसा है की अगर आप की पलक भी झपक गई तो आनंद का क्षण छुट जायेगा |  बिना पलक झपकाए मेरा जादू देखने के लिए आप सभी तैयार हो जाएँ| इतना  कहकर जादूगर अपना जादू दिखाना शुरु कर देता है | जादू कला के प्रदर्शन करने के मद में जादूगर के मुख से घमंड के स्वर टपकने लगे| जादूगर ने कहा की मेरे जादू को समझने के लिए उचित बुद्धि एवं तेज नेत्रों की आवश्कता होती है  अनाड़ि एवं मंद बुद्धिवाले व्यक्ति इस कला को समझ नहीं सकते |
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जादूगर ने अपने हाथ में एक कबूतर लिया और उसकी ओर इशारा करते हुए कहाँ, सभी दरबारी इस कबूतर के ऊपर धयान दीजिये बात में मत कहिये गा  यह  कैसे  हो गया |जादूगर ने आपनी कमीज की जेब से एक लाल रंग की रुमाल निकालर उस कबूतर को धक् देता है | जैसे ही जादूगर  रुमाल हटता है वैसे सभी दरबारी आश्चर्यचकित रह जाते  है  तभी सभी लोग सोचते है ये कैसे हो गया |जादूगर जोर -जोर से हसने लगा और दरबारियों का मजाक उड़ाते हुए कहने लगा विजय नगर के सभी मंत्री अंधे है उनकी आखें कमजोर हो
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जादूगर ने अपने हाथ में एक कबूतर लिया और उसकी ओर इशारा करते हुए कहाँ, सभी दरबारी इस कबूतर के ऊपर धयान दीजिये बात में मत कहिये गा  यह  कैसे  हो गया |जादूगर ने आपनी कमीज की जेब से एक लाल रंग की रुमाल निकालर उस कबूतर को धक् देता है | जैसे ही जादूगर  रुमाल हटता है वैसे सभी दरबारी आश्चर्यचकित रह जाते  है  तभी सभी लोग सोचते है ये कैसे हो गया |जादूगर जोर -जोर से हसने लगा और दरबारियों का मजाक उड़ाते हुए कहने लगा विजय नगर के सभी मंत्री अंधे है उनकी आखें कमजोर हो गई है एक कबूतर अंडा देकर उड़ गई और दरबारियों को दिखा ही नही |जादूगर की बाते सुनकर सभी दरबारी एवं महाराज क्रोधित होने लगे  परन्तु जादूगर आपने घमंड में चूर दरबारियों का अपमान करता ही रहा |
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जादूगर ने फिर अंडे को भी रुमाल से ढककर  कहा सभी इस बार धयान से देखियेगा अब इस बार मत कहियेगा की देखा ही नही |जैसे ही जादूगर रुमाल हटाया सभी दरबारी दुबारा आश्चर्य  से देखने लगे |इस बार जादूगर पहले से आधिक धमंड स्वर में अपमानित करने लगा और तेनालीरामा रमा को चुनौती देने लगा | तेनालीरामा महाराज एवं सभी दरवारियों को क्रोधित होते देख खड़े हो गये और तेनालीरामा ने जादूगर से कहा  की आप विश्व के महान जादूगर है आप जैसा जादूगर देश में कोई नही है |
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