Difference between revisions of "तेनाली रामा जी - कौओं की संख्या"

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तेनालीरामा ने कहा महाराज मैंंने पूरा  निरीक्षण करके ही उत्तर दिया है। अगर कौओ की संख्या में कुछ कमी  होगी तो कुछ कौए अपने रिश्तेदारों के घर गये होंगे। यदि संख्या अधिक होगी तो कुछ कौए अपने रिश्तेदारों से मिलने विजयनगर आये होंगे। सभी तेनालीराम की बातें सुनकर हंसने लगे और महाराज कृष्णदेवराय ने तेनालीरामा की बुद्धि कुशलता की प्रशंसा की ।
 
तेनालीरामा ने कहा महाराज मैंंने पूरा  निरीक्षण करके ही उत्तर दिया है। अगर कौओ की संख्या में कुछ कमी  होगी तो कुछ कौए अपने रिश्तेदारों के घर गये होंगे। यदि संख्या अधिक होगी तो कुछ कौए अपने रिश्तेदारों से मिलने विजयनगर आये होंगे। सभी तेनालीराम की बातें सुनकर हंसने लगे और महाराज कृष्णदेवराय ने तेनालीरामा की बुद्धि कुशलता की प्रशंसा की ।
  
[[Category:बाल कथाए एवं प्रेरक प्रसंग]]
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[[Category:बाल कथाएँ एवं प्रेरक प्रसंग]]

Latest revision as of 22:32, 12 December 2020

विजयनगर के महाराज कृष्णदेवराय जी तेनालीरामा से घुमाकर तोड़ मोड़कर प्रश्न पूछते रहते थे। महाराज को तेनालीरामा से प्रश्नोत्तर में बड़ा आनंद आता था। तेनालीरामा भी उत्तर देने में पीछे नहीं हटते थे। महाराज के प्रत्येक प्रश्न का उत्तर इस प्रकार देते थे कि महाराज उसके आगे कोई प्रश्न ही ना पूछ पाते थे।

एक बार महाराज ने तेनालीरामा से एक प्रश्न पूछा "तेनालीरामा जी क्या आप बता सकते हैं कि हमारे राज्य में कितने कौए हैं?" तेनालीरामा ने उत्तर दिया कि "जी महाराज मैं अवश्य आपके इस प्रश्न का उत्तर दे सकता हूँ कि हमारे राज्य में कितने कौए हैं।" महाराज ने कहा "तेनालीरामा इस प्रश्न का उत्तर सटीक देना होगा इधर उधर की संख्या नहीं मान्य होगी। उत्तर ना दे पाए तो दण्ड भुगतना होगा। तेनालीरामा ने कहा "जी मैं सहमत हूँ ,मुझे दो दिन का समय दीजिये।"

समय पूर्ण होने के बाद जब महाराज सभा मे बैठे थे तब महाराज के चाटूकारों ने तेनालीरामा से पूछे गए प्रश्न का स्मरण करवाया। महाराज ने तेनालीरामा से पूछा "मैंंने जो आप से प्रश्न पूछा था, क्या आप उसका उत्तर देने के लिए तैयार हैं ? तेनालीरामा ने कहा "जी महाराज मेरे पास उन प्रश्नों का उत्तर तैयार है। हमारे राज्य मे कुल दो लाख चौवालीस हजार तीन सौ चौतीस कौए हैं।"

सभी दरवारी एवं महाराज तेनालीरामा को एक टक देखने लगे। महाराज ने तेनालीरामा से कहा "मैं अपने मंत्रीगण से परिक्षण करवाऊंगा। अगर उत्तर गलत रहा तो इसका परिणाम आप को भुगतना पड़ेगा।"

तेनालीरामा ने कहा महाराज मैंंने पूरा निरीक्षण करके ही उत्तर दिया है। अगर कौओ की संख्या में कुछ कमी होगी तो कुछ कौए अपने रिश्तेदारों के घर गये होंगे। यदि संख्या अधिक होगी तो कुछ कौए अपने रिश्तेदारों से मिलने विजयनगर आये होंगे। सभी तेनालीराम की बातें सुनकर हंसने लगे और महाराज कृष्णदेवराय ने तेनालीरामा की बुद्धि कुशलता की प्रशंसा की ।