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हाथियों को एक नदी दिखाई दी, और उनका झुंड नदी की ओर दौड़ पड़ा। परन्तु नदी के किनारे चूहों का दल अपना घर बना कर रहता था। वह हाथियों का दल जिस रास्ते से नदी की ओर जा रहा था उस रास्ते पर कुछ चूहे रहते थे। प्रतिदिन जब हाथियों का झुंड स्नान करने जाता था तब कई सारे चूहे हथियो के पैर के नीचे  दब कर मृत्यु को प्राप्त हो जाते थे।  
 
हाथियों को एक नदी दिखाई दी, और उनका झुंड नदी की ओर दौड़ पड़ा। परन्तु नदी के किनारे चूहों का दल अपना घर बना कर रहता था। वह हाथियों का दल जिस रास्ते से नदी की ओर जा रहा था उस रास्ते पर कुछ चूहे रहते थे। प्रतिदिन जब हाथियों का झुंड स्नान करने जाता था तब कई सारे चूहे हथियो के पैर के नीचे  दब कर मृत्यु को प्राप्त हो जाते थे।  
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चूहों का दल हाथियों के कृत्य से परेशान हो चूका था इसलिए सारे चूहों ने अपनी एक बैठक बुलाई और निश्चित किया कि हम सब हाथियों से अपनी समस्या बताएँगे ।सारे चूहों ने मिल कर हाथियों से अपनी समस्या बताई कि जब आप सभी स्नान करने नदी की ओर जाते हैं तब हमारे कुछ साथी चूहे आप के पैरो के नीचे दब जाते हैं और उनकी मृत्यु हो जाती है।
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चूहों का दल हाथियों के कृत्य से परेशान हो चूका था अतः सारे चूहों ने अपनी एक बैठक बुलाई और निश्चित किया कि हम सब हाथियों से अपनी समस्या बताएँगे ।सारे चूहों ने मिल कर हाथियों से अपनी समस्या बताई कि जब आप सभी स्नान करने नदी की ओर जाते हैं तब हमारे कुछ साथी चूहे आप के पैरो के नीचे दब जाते हैं और उनकी मृत्यु हो जाती है।
    
चूहों की बात सुनकर हाथियों के सरदार ने चूहों से कहा - "हमें बहुत दुःख है कि हमारे पैरों से दब कर आप के कुछ साथियों की मृत्यु हो गई। हम आप सभी को कोई  नुकसान या कष्ट  नही देना चाहते थे। हमें जानकारी नहीं थी कि आप सभी भी यहीं रहते हैं। अब हम अपना रास्ता बदल रहे हैं, आप चिंता मत करो।"  
 
चूहों की बात सुनकर हाथियों के सरदार ने चूहों से कहा - "हमें बहुत दुःख है कि हमारे पैरों से दब कर आप के कुछ साथियों की मृत्यु हो गई। हम आप सभी को कोई  नुकसान या कष्ट  नही देना चाहते थे। हमें जानकारी नहीं थी कि आप सभी भी यहीं रहते हैं। अब हम अपना रास्ता बदल रहे हैं, आप चिंता मत करो।"  
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'''सीख : - हमें कभी भी किसी को कमजोर नहीं समझाना चाहिए या आकार देखकर आकलन नहीं करना चाहिए । कभी भी कोई भी हमारे काम आ सकता है।'''
 
'''सीख : - हमें कभी भी किसी को कमजोर नहीं समझाना चाहिए या आकार देखकर आकलन नहीं करना चाहिए । कभी भी कोई भी हमारे काम आ सकता है।'''
[[Category:बाल कथाए एवं प्रेरक प्रसंग]]
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[[Category:बाल कथाएँ एवं प्रेरक प्रसंग]]

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