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/* सीख : - हमें कभी भी किसी को कमजोर नहीं समझाना चाहिए या आकार देखकर आकलन नहीं करना चाहिए । कभी भी कोई
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चूहों का दल तनिक भी देरी ना करते हुए ध्वनि की ओर बढ़ने लगे और स्थान पर पहुँच कर चूहों ने देखा हाथियों का पूरा दल जाल में फस कर छटपटा रहे था । तुरंत चूहों ने अपने धारदार दांतों से उस जाल को काट दिया और हाथियों के दल को समस्या से बाहर निकाल दिया। हाथियों का पूरा दल बहुत ही प्रसन्न हो गया और चूहों का नतमस्तक होकर धन्यवाद करने लगा। चूहों ने कहा "हाथी महाराज एक दूसरे की सहायता से ही जीवन चलता है।" सभी जानवर मिलजुलकर जंगल में रहने लगे।
 
चूहों का दल तनिक भी देरी ना करते हुए ध्वनि की ओर बढ़ने लगे और स्थान पर पहुँच कर चूहों ने देखा हाथियों का पूरा दल जाल में फस कर छटपटा रहे था । तुरंत चूहों ने अपने धारदार दांतों से उस जाल को काट दिया और हाथियों के दल को समस्या से बाहर निकाल दिया। हाथियों का पूरा दल बहुत ही प्रसन्न हो गया और चूहों का नतमस्तक होकर धन्यवाद करने लगा। चूहों ने कहा "हाथी महाराज एक दूसरे की सहायता से ही जीवन चलता है।" सभी जानवर मिलजुलकर जंगल में रहने लगे।
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==== सीख : - हमें कभी भी किसी को कमजोर नहीं समझाना चाहिए या आकार देखकर आकलन नहीं करना चाहिए । कभी भी कोई भी हमारे काम आ सकता है। ====
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'''सीख : - हमें कभी भी किसी को कमजोर नहीं समझाना चाहिए या आकार देखकर आकलन नहीं करना चाहिए । कभी भी कोई भी हमारे काम आ सकता है।'''
 
   
[[Category:बाल कथाए एवं प्रेरक प्रसंग]]
 
[[Category:बाल कथाए एवं प्रेरक प्रसंग]]

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