पुत्र सुपुत्र होने के कारक

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बहुत पुराणी बात है तिन स्त्री अपने बेटों का गुणगान पनघट पर कर रही थी | पहली स्त्री ने कहा की ,"मेरा बेटा बहुत विद्वान् है , वह शहर से पढ़ कर आया है तब से गाँव में उसकी धूम मची है |" उसी छण दूसरी स्त्री ने कहा की ,"मेरा बेटा तो पहलवान है उसके जैसा पास के पाच - दस गावो में भी नहीं मिले गा |"

तीसरी स्त्री चुप चाप वही खड़ी थी तो उन दोनों स्त्रिओ ने कहा की ,"बहन ,लगता है की तुमारा पुत्र कुपुत्र निकला |"तीसरी स्त्री गर्व से बोली ,"सुपुत्र या कुपुत्र जैसे शब्द तो मै नहीं जानती बस मेरा बेटा तो मेरा लाल है | वह एक सीधा साधा किसान है ,वह शाम को खेत से आता है उस के बाद घर के काम भी भी करता है | आज बहुत कहने सुनने के बाद वह मेला देखने गया है वर्ना पानी भरने भी वही आता |"

तीनो स्त्री अपने सर पर पानी का घड़ा ले कर निकल रही थी | तभी पहली स्त्री का बेटा