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{{One source|date=March 2019}}
 
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== धर्म क्या है<ref>भारतीय शिक्षा : संकल्पना एवं स्वरूप (भारतीय शिक्षा ग्रन्थमाला १), प्रकाशक: पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, लेखन एवं संपादन: श्रीमती इंदुमती काटदरे</ref> ==
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== अर्थपुरुषार्थ<ref>भारतीय शिक्षा : संकल्पना एवं स्वरूप (भारतीय शिक्षा ग्रन्थमाला १), प्रकाशक: पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, लेखन एवं संपादन: श्रीमती इंदुमती काटदरे</ref> ==
 
काम पुरुषार्थ मनुष्य की प्रकृति के साथ जुड़ा हुआ है। कामपुरुषार्थ की सिद्धता हेतु अर्थपुरुषार्थ प्रस्तुत होता है। परन्तु कामपुरुषार्थ मन के विश्व की लीला होने के कारण से उसके नियमन और नियंत्रण की आवश्यकता होती है। नियमन और नियंत्रण के लिए धर्मपुरुषार्थ होता है।
 
काम पुरुषार्थ मनुष्य की प्रकृति के साथ जुड़ा हुआ है। कामपुरुषार्थ की सिद्धता हेतु अर्थपुरुषार्थ प्रस्तुत होता है। परन्तु कामपुरुषार्थ मन के विश्व की लीला होने के कारण से उसके नियमन और नियंत्रण की आवश्यकता होती है। नियमन और नियंत्रण के लिए धर्मपुरुषार्थ होता है।
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और निर्ध्चितता अपने आप समाहित होती है ।
 
और निर्ध्चितता अपने आप समाहित होती है ।
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अर्थपुरुषार्थ हेतु करणीय बातें
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== अर्थपुरुषार्थ हेतु करणीय बातें ==
 
   
अर्थपुरुषार्थ की सिद्धि के लिये कुछ बातों का खास
 
अर्थपुरुषार्थ की सिद्धि के लिये कुछ बातों का खास
  

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