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हम लोग इंग्लैंड को व्यापारियों का देश कहते हैं लेकिन वह बिलकुल गलत है। आज अमेरिकनों के सारे नमस्कार 'डोलरं प्रतिगच्छति' हैं। इसीलिये उनकी जीवन की व्याख्या 'डॉलर कमाने का अवसर' उतनी ही होगी ऐसा मुझे लगता है । जीवन में उसके लिये समय कितना मिलेगा यह अनिश्चित होने के कारण यहाँ हर बात की जल्दी है । 'सेल' मंत्र के साथ दूसरा मंत्र है, इंस्टंट' फटाफट ।
 
हम लोग इंग्लैंड को व्यापारियों का देश कहते हैं लेकिन वह बिलकुल गलत है। आज अमेरिकनों के सारे नमस्कार 'डोलरं प्रतिगच्छति' हैं। इसीलिये उनकी जीवन की व्याख्या 'डॉलर कमाने का अवसर' उतनी ही होगी ऐसा मुझे लगता है । जीवन में उसके लिये समय कितना मिलेगा यह अनिश्चित होने के कारण यहाँ हर बात की जल्दी है । 'सेल' मंत्र के साथ दूसरा मंत्र है, इंस्टंट' फटाफट ।
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इंस्टंट कोफी, इंस्टंट चाय, इंस्टंट चावल -एक मिनट में भोजन तैयार ! कागज की पुड़ियों में भोजन तैयार मिलता है। डाल दो उसे उबलते पानी में, एक मिनिट में भोजन तैयार । फिर एक मिनिट में भोजन तैयार करनेवाली कंपनी का प्रतिस्पर्धी घोषणा करता है, अरे ! एक मिनिट? वोट अ वेस्ट ओफ टाइम । यह देखिये हमारी कंपनी की थैली, थर्टी सेकण्डस में सूप, स्टेक, पुडिंग,कॉफी', और फिर ऐसी थैली लाकर तीस सेकेंड बचाने वाले प्रेमी को उसकी प्रियतमा प्रगाढ चुंबन देती है। यह द्रश्य टीवी पर चोवीस घण्टे चमकता ही रहता है । बेचने की चीज चाहे कोई भी हो उसका परिणाम अंत में प्रगाढ चुंबनों में और आलिंगनों में ही होना चाहिये । ऐसे द्रश्य निरंतर देखते देखते उसका रोमांच भी खतम हो गया है। इसलिये अब रंगमंच पर नगनावस्था में दंगा।
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'ओ कोलकता' उसका ‘फेंटास्टिक्क' पर्यवसान । मैं उसमें लगे कोलकता शब्द के कारण देखने गया । पर्दा उठा और दो-तीन स्त्री पुरुष शरीर पर कपडा ओढ कर गीत गाते आये और पहली सम पर आते आते तो अपने कपडे फेंक कर उन्होंने अपने संपूर्ण नग्न देह के दर्शन कराये । उसमें से कुछ तो अपने लिंग का इतना बिभत्स प्रदर्शन कर रहे थे कि उस निर्लज्जता में 'कला' कहाँ है यह समझना मेरे लिये मुश्किल हो गया था । पेरीस के ‘फोलीझ' में शिल्प समान सुंदरियों के अधिकांश अनावृत्त देह वाले नृत्य होते हैं । वह कला कोई बहुत उच्च स्तरीय नहीं है पर उसमें कम से कम लयबद्ध कवायत जितनी तो आकर्षकता होती है । पर यहाँ तो मात्र बिकाउ नग्नता । ऐसे तमाशे कर डॉलर इकट्ठे करनेवाले लोगों के प्रति मुझे बहुत घृणा हुई । इसी लिये अपने धनाधिष्ठित जीवन के सभी सूत्रों को तोडकर 'शय्या भूमितलं दिशोपि वसनं' का संकल्प लेकर निकले हिप्पियों की दुनिया का कबजा भी इन दुकानदारों ने लिया देखकर उन बनियों की अमानवीय धनतृष्णा का मुझे आश्चर्य ही हुआ । अमेरिका में प्रत्येक बात 'फटाफट' बनानेवाले इन दुकानदारों ने अपनी दुकानों में फटाफट हिप्पी बनाने की भी सुविधा खडी कर ली है । इंस्टंट कॉफी के समान ही इंस्टंट
    
==References==
 
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