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जून १९९५ में बिल्डरबर्ग समुदाय की बैठक स्विट्जरलैण्ड के वर्गनस्टोक में तीन होटलों में अलगअलग हुई । ये बैठकें बहुत ही गोपनीय रखी गई थी। अब तक की बैठकों में जो व्यक्ति उपस्थित होते थे उनमें से अधिकांश अन्दर की योजनाओं से अनभिज्ञ थे। १९९५ की इन बैठकों में संसार भर के वे व्यक्ति शामिल थे जो लोक कल्याण की छाया तथा विश्व शान्ति व विकास के उद्घोष की गूंज का भ्रम पैदा करके विश्व-तानाशाही के पक्षधर थे। 'दि प्रिजन' ग्रंथ के लेखक स्विट्झरलैण्ड की इस बैठक की जानकारी हासिल करने के लिये वर्गनस्टॉक तक पहुंच तो गये, लेकिन वहाँ जाकर उन्होंने जो देखा उन्हीं के शब्दों में इस प्रकार है -
 
जून १९९५ में बिल्डरबर्ग समुदाय की बैठक स्विट्जरलैण्ड के वर्गनस्टोक में तीन होटलों में अलगअलग हुई । ये बैठकें बहुत ही गोपनीय रखी गई थी। अब तक की बैठकों में जो व्यक्ति उपस्थित होते थे उनमें से अधिकांश अन्दर की योजनाओं से अनभिज्ञ थे। १९९५ की इन बैठकों में संसार भर के वे व्यक्ति शामिल थे जो लोक कल्याण की छाया तथा विश्व शान्ति व विकास के उद्घोष की गूंज का भ्रम पैदा करके विश्व-तानाशाही के पक्षधर थे। 'दि प्रिजन' ग्रंथ के लेखक स्विट्झरलैण्ड की इस बैठक की जानकारी हासिल करने के लिये वर्गनस्टॉक तक पहुंच तो गये, लेकिन वहाँ जाकर उन्होंने जो देखा उन्हीं के शब्दों में इस प्रकार है -
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'स्विट्जरलैण्ड में जब बिल्डरबर्ग की बैठक हो रही थी तो मैं वहां छुट्टियाँ बिताने गया था। 'स्पोटलाइट' समान पत्र के द्वारा मुझे इस बैठक का समाचार मिला था । बैठक प्रारम्भ होने के कुछ दिन पहले मैं बर्गेनस्टॉक पहुँचा । सब कुछ देखकर फिर जिस दिन बैठक होने वाली थी पुनः वर्गनस्टॉक पहुँचा । वहाँ जाकर क्या देखता हूँ कि जिन होटलों में बैठकें हो रही थी, उनके रास्तों पर पुलिस का बड़ा सख्त पहरा था। सभी सड़कें बन्द कर दी गयी थीं। स्विट्जरलैंड की पुलिस तथा सेना के सिपाहियों से पूरी घेराबंदी की गई थी । मैंने एक पुलिस वाले से पूछा कि क्या मामला है ? उसने धीरे से इतना ही कहा 'बहुत गोपनीय है, बहुत गोपनीय है।' इस मीटिंग में क्या हुआ इसका पता नहीं चल पाया । मैं सोचता हूँ कि जरूर इस बैठक में विश्व में एकछत्र आर्थिक साम्राज्यवाद की स्थापना के लिए व्यूह रचना और रणनीति बनाई जा रही होगी।"<ref>'दि प्रिजन' पृष्ठ १४२</ref>
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'स्विट्जरलैण्ड में जब बिल्डरबर्ग की बैठक हो रही थी तो मैं वहां छुट्टियाँ बिताने गया था। 'स्पोटलाइट' समान पत्र के द्वारा मुझे इस बैठक का समाचार मिला था । बैठक प्रारम्भ होने के कुछ दिन पहले मैं बर्गेनस्टॉक पहुँचा । सब कुछ देखकर फिर जिस दिन बैठक होने वाली थी पुनः वर्गनस्टॉक पहुँचा । वहाँ जाकर क्या देखता हूँ कि जिन होटलों में बैठकें हो रही थी, उनके रास्तों पर पुलिस का बड़ा सख्त पहरा था। सभी सड़कें बन्द कर दी गयी थीं। स्विट्जरलैंड की पुलिस तथा सेना के सिपाहियों से पूरी घेराबंदी की गई थी । मैंने एक पुलिस वाले से पूछा कि क्या मामला है ? उसने धीरे से इतना ही कहा 'बहुत गोपनीय है, बहुत गोपनीय है।' इस मीटिंग में क्या हुआ इसका पता नहीं चल पाया । मैं सोचता हूँ कि अवश्य इस बैठक में विश्व में एकछत्र आर्थिक साम्राज्यवाद की स्थापना के लिए व्यूह रचना और रणनीति बनाई जा रही होगी।"<ref>'दि प्रिजन' पृष्ठ १४२</ref>
    
इस प्रकार की गोपनीय बैठकों में वैश्विक स्तर पर कार्य विधि का निर्णय किया जाता है । इण्टरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF), आर्गेनाइजेशन फार इण्टरनेशनल इकोनोमिक को-ऑपरेशन एंड डवलपमेंट, काउंसिल ऑन फारेन रिलेशंस (CFR), वर्ल्ड बैंक, जनरल एग्रीमेंट ऑन टैरिफ एंड ट्रेड (Gatt), वर्ल्ड हैल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) यूनाइटेड नेशंस (U.N.) आदि जितनी भी संस्थायें है, इनका संचालन सूत्र गोलमेज समुदाय विभिन्न नामों से करता है। इन संस्थाओं का ऊपरी ढाँचा विश्व शान्ति तता पिछड़ों के विकास का दिखाया जाता है, परन्तु इनका असली मकसद दीर्घकालीन केन्द्रीय नियंत्रण होता है।
 
इस प्रकार की गोपनीय बैठकों में वैश्विक स्तर पर कार्य विधि का निर्णय किया जाता है । इण्टरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF), आर्गेनाइजेशन फार इण्टरनेशनल इकोनोमिक को-ऑपरेशन एंड डवलपमेंट, काउंसिल ऑन फारेन रिलेशंस (CFR), वर्ल्ड बैंक, जनरल एग्रीमेंट ऑन टैरिफ एंड ट्रेड (Gatt), वर्ल्ड हैल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) यूनाइटेड नेशंस (U.N.) आदि जितनी भी संस्थायें है, इनका संचालन सूत्र गोलमेज समुदाय विभिन्न नामों से करता है। इन संस्थाओं का ऊपरी ढाँचा विश्व शान्ति तता पिछड़ों के विकास का दिखाया जाता है, परन्तु इनका असली मकसद दीर्घकालीन केन्द्रीय नियंत्रण होता है।

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