Bahupurushavada (बहुपुरुषवादः)
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Patanjala Yoga Darshan -
(1)Page 26 sutra 1-24
क्लेशकर्मविपाक................... सूत्र के व्यास भाष्य में 'कैवल्यं प्राप्तास्तर्हि सन्ति च बहवः केवलिनः। .............' (कैवल्य को प्राप्त किए हुए अनेक 'केवली' अर्थात मुक्त पुरुष हैं...........)
(२) Page 31 Sutra 1-25
निरतिशयं तत्र सर्वज्ञबीजं सूत्र के व्यास भाष्य में 'ज्ञानधर्मोपदेशेन कल्पप्रलयमहाप्रलयेषु संसारिणः पुरषानुद्धरिष्यामीति।' ( ज्ञान और धर्म के उपदेश के द्वारा कल्प प्रलय और महा प्रलय में संसारी पुरुषों का उद्धार करूं।
(३) Page 31 Sutra 1-26
स एष पूर्वेषामपि गुरुः कालेनानवच्छेदात्। ( वह ईश्वर पूर्व सभी गुरुओं का गुरु है काल के प्रवाह में विच्छिन्न न होने से।)