Changes

Jump to navigation Jump to search
m
no edit summary
Line 15: Line 15:     
==परिभाषा==
 
==परिभाषा==
वेध शब्द की निष्पत्ति विध् धातु से होती है। जिसका अर्थ है किसी आकाशीय ग्रह अथवा तारे को दृष्टि के द्वारा वेधना अर्थात् विद्ध करना। ग्रहों तथा तारों की स्थिति के ज्ञान हेतु आकाश में उन्हैं देखा जाता था। आकाश में ग्रहादिकों को देखकर उनकी स्थिति का निर्धारण ही वेध है।
+
वेध शब्द की निष्पत्ति विध् धातु से होती है। जिसका अर्थ है किसी आकाशीय ग्रह अथवा तारे को दृष्टि के द्वारा वेधना अर्थात् विद्ध करना। ग्रहों तथा तारों की स्थिति के ज्ञान हेतु आकाश में उन्हैं देखा जाता था।<ref>डॉ० दिनकर मराठे, [https://sanskritarticle.com/wp-content/uploads/18-3-Dr.Dinakar.Marathe.pdf भारतीय प्राचीन प्रस्तर वेधशाला - एक अध्ययन], सन २०१५, नेशनल जर्नल ऑफ हिन्दी एण्ड संस्कृत रिसर्च (पृ० ७२)।</ref> आकाश में ग्रहादिकों को देखकर उनकी स्थिति का निर्धारण ही वेध है।
    
नग्ननेत्र या शलाका, यष्टि, नलिका, दूर्दर्शक इत्यादि यन्त्रोंके द्वारा आकाशीय पिण्डोंका निरीक्षण ही वेध है।<blockquote>वेधानां शाला इति वेधशाला। (शब्दकल्पद्रुम)</blockquote>अर्थात् वह स्थान जहां ग्रहों के वेध, वेध-यन्त्रों द्वारा किया जाता है उसका नाम वेधशाला है। सिद्धान्त-ग्रन्थों में जिन यन्त्रों  का विधान किया गया है, उन यन्त्रों के द्वारा ग्रहों को देखने की प्रक्रिया वेध कहलाती है। और जहाँ इस प्रकार के यन्त्रों को एक साथ रखकर ग्रहों की गति-स्थिति आदि का सतत परीक्षण किया जाता है, उसे वेधशाला कहते हैं।<ref>पं, श्री कल्याणदत्त, वेधशाला परिचय पुस्तिका, प्रस्तावना, श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ, नई दिल्ली (पृ०३)।</ref>
 
नग्ननेत्र या शलाका, यष्टि, नलिका, दूर्दर्शक इत्यादि यन्त्रोंके द्वारा आकाशीय पिण्डोंका निरीक्षण ही वेध है।<blockquote>वेधानां शाला इति वेधशाला। (शब्दकल्पद्रुम)</blockquote>अर्थात् वह स्थान जहां ग्रहों के वेध, वेध-यन्त्रों द्वारा किया जाता है उसका नाम वेधशाला है। सिद्धान्त-ग्रन्थों में जिन यन्त्रों  का विधान किया गया है, उन यन्त्रों के द्वारा ग्रहों को देखने की प्रक्रिया वेध कहलाती है। और जहाँ इस प्रकार के यन्त्रों को एक साथ रखकर ग्रहों की गति-स्थिति आदि का सतत परीक्षण किया जाता है, उसे वेधशाला कहते हैं।<ref>पं, श्री कल्याणदत्त, वेधशाला परिचय पुस्तिका, प्रस्तावना, श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ, नई दिल्ली (पृ०३)।</ref>
1,239

edits

Navigation menu