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इस प्रकार से रामायण को ७ काण्डों में विभक्त किया गया है। रामायण-कथा की विलक्षणता यह है कि इसके गायक कोई और नहीं, स्वयं वाल्मीकि शिष्य और राम के पुत्र लव-कुश  हैं। इन यमल भाईयों ने राम के समक्ष सम्पूर्ण रामायण का मधुर स्वरों में गायन किया था। आदिकाव्य रामायण को 'चतुर्विंशतिसाहस्रीसंहिता' कहते हैं, अर्थात् इसमें २४ हजार श्लोक हैं।<ref>बलदेव उपाध्याय, [https://archive.org/details/sanskrit-vangmaya-ka-brihat-ithas-iii-arsha-kavya-bholashankar-vyas/page/n13/mode/1up?view=theater संस्कृत वांग्मय का बृहद् इतिहास-आर्षकाव्य-खण्ड], सन् २००६, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ (पृ० १०)।</ref>
 
इस प्रकार से रामायण को ७ काण्डों में विभक्त किया गया है। रामायण-कथा की विलक्षणता यह है कि इसके गायक कोई और नहीं, स्वयं वाल्मीकि शिष्य और राम के पुत्र लव-कुश  हैं। इन यमल भाईयों ने राम के समक्ष सम्पूर्ण रामायण का मधुर स्वरों में गायन किया था। आदिकाव्य रामायण को 'चतुर्विंशतिसाहस्रीसंहिता' कहते हैं, अर्थात् इसमें २४ हजार श्लोक हैं।<ref>बलदेव उपाध्याय, [https://archive.org/details/sanskrit-vangmaya-ka-brihat-ithas-iii-arsha-kavya-bholashankar-vyas/page/n13/mode/1up?view=theater संस्कृत वांग्मय का बृहद् इतिहास-आर्षकाव्य-खण्ड], सन् २००६, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ (पृ० १०)।</ref>
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== रामायण का महत्व ==
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महाभारत में वाल्मीकि रामायण के युद्ध काण्ड के श्लोक का अक्षरशः उल्लेख है - अपि चायं पुरा गीतः श्लोको वाल्मीकिना भुवि। न हन्तव्याः स्त्रियश्चेति यद् ब्रवीषि प्लवंगम॥ पीडाकरममित्राणां यत्स्यात्कर्तव्यमेव च ॥(महा०उद्यो० १४३, ६७-६८)
    
== उद्धरण ==
 
== उद्धरण ==
 
[[Category:Ramayana]]
 
[[Category:Ramayana]]
 
[[Category:Hindi Articles]]
 
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