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नया पृष्ठ निर्माण (ज्योतिर्विद् - आर्यभट्ट)
आर्यभट (499 ई०) के साथ भारत में गणित और ज्योतिष के अध्ययन का एक नया युग शुरू हुआ था, वैज्ञानिक चिंतन की एक नई स्वस्थ परंपरा स्थापित हुई थी। आर्यभट प्राचीन भारत के पहले वैज्ञानिक हैं जिन्होंने अपने समय (जन्म; 476 ई०) के बारे में स्पष्ट जानकारी दी है।

प्रस्तावना

पटना शहर को पाटलिपुत्र कहते थे। इस नगर में बगीचों में अधिकसंख्या में खिलनेवाले फूलों के कारण ही इस नगर को कुसुमपुर अथवा पुष्पपुर के नाम से भी जाना जाता था।

आर्यभट्ट योगदान

भारतीय ज्ञान परंपरा में आचार्य जी का अनमोल योगदान रहा है जैसे – [1]

·      गणित के विकास परंपरा

·      ज्या सारिणी

·      भू-भ्रमण सिद्धान्त

·      संख्या पद्धति

·      
----[1] आर्यभट , प्राचीन भारत के महान गणितज्ञ – ज्योतिषी (गुणाकर मुले)

<nowiki>https://ia801507.us.archive.org/18/items/in.ernet.dli.2015.551066/2015.551066.Aryabhata.pdf</nowiki>
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