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=== अपसौर (Aphelion) ===
 
=== अपसौर (Aphelion) ===
 
पृथ्वी अपने परिक्रमण के दौरान जब सूर्य से अधिकतम दूरी पर होती है। तब इस स्थिति को '''अपसौर(Aphelion)''' कहते हैं। यह स्थिति ४ जुलाई को होती है।
 
पृथ्वी अपने परिक्रमण के दौरान जब सूर्य से अधिकतम दूरी पर होती है। तब इस स्थिति को '''अपसौर(Aphelion)''' कहते हैं। यह स्थिति ४ जुलाई को होती है।
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'''ऋतु परिवर्तन (Seasonal changes)'''
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ऋतुओं में परिवर्तन सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की स्थिति में परिवर्तन के कारण होता है। पृथ्वी के परिक्रमण में निम्न अवस्थाएँ होती हैं-
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=== उत्तर अयनांत (summer solstice) ===
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सूर्य की किरणें २१ जून को कर्क रेखा (Tropic of Cancer) पर लम्बवत् पडती हैं। इसके कारण इन क्षेत्रों में अधिक ऊष्मा की प्राप्ति होती है तथा उत्तरी गोलार्द्ध में ग्रीष्म ऋतु(Summer Season) होता है। उत्तरी गोलार्द्ध के सूर्य के सम्मुख होने के कारण उत्तरी ध्रुव के समीपवर्ती क्षेत्रों में लगातार छः महीने तक दिन रहता है। २१ जून को इन क्षेत्रों में सबसे बडा दिन तथा सबसे छोटी रात होती है। दक्षिणी गोलार्ध में इस समय शीत ऋतु(Winter Season) होती हैं। पृथ्वी की इस अवस्था को उत्तर अयनांत कहते हैं।
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=== दक्षिण अयनांत (Winter Solstice) ===
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सूर्य की किरणें २२ दिसम्बर को मकर रेखा (Tropic of Capricorn) पर लंबवत् पडती हैं। इसीलिये दक्षिणी गोलार्द्ध के बहुत बडे भाग में सूर्य प्रकाश प्राप्त होता है। इस स्थिति में दक्षिणी गोलार्द्ध में ग्रीष्म ऋतु होती है। जिसमें सिन की अवधि लम्बी तथा रातें छोटी होती हैं।
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इसके विपरीत इस समय उत्तरी गोलार्द्ध में सूर्य की किरणें तिरछी पडने के कारण वहाँ शीत ऋतु होती है। २२ दिसम्बर को इन क्षेत्रों में सबसे बडी रात तथा सबसे छोटा दिन होता है। 
    
=== पृथ्वी की गतियों का प्रभाव ===
 
=== पृथ्वी की गतियों का प्रभाव ===
    
==== दिन-रात का होना ====
 
==== दिन-रात का होना ====
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==== ऋतु परिवर्तन (Seasonal changes) ====
      
==== उपसौर  व अपसौर॥ (Perihelion nd Aphelion) ====
 
==== उपसौर  व अपसौर॥ (Perihelion nd Aphelion) ====
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